एजेंसी, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 21 Feb 2022 05:39 AM IST
सार
एलआईसी ने अपने मार्जिन में भी 700 आधार अंकों का सुधार किया, जो अब 9.9 फीसदी हो चुका है। इसके 20 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। कारोबारी बदलाव से सबसे ज्यादा मुश्किलें एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ व मैक्स लाइफ के लिए आएंगी।
आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) कारोबारी सुधारों के बाद निजी कंपनियों के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकती है। ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस का कहना है कि एलआईसी अब नॉन पार्टिसिपेटिंग पॉलिसियों में भी काम बढ़ाएगी।
एलआईसी ने अपने सरप्लस व लाभांश वितरण नियमों में सुधार किए थे। इससे एलआईसी ने अपने मार्जिन में भी 700 आधार अंकों का सुधार किया, जो अब 9.9 फीसदी हो चुका है। इसके 20 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। कारोबारी बदलाव से सबसे ज्यादा मुश्किलें एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ व मैक्स लाइफ के लिए आएंगी। नए संशोधन से एलआईसी पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी में 4 से बढ़ाकर 10 फीसदी कारोबार नॉन पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी में शिफ्ट कर सकती है।
क्या हैं इसके मायने
- पार्टिसिपेटिंग बीमा पॉलिसी में ग्राहक को बोनस-डिविडेंड के जरिये गारंटीड व नॉन-गारंटीड फायदे दिए जाते हैं।
- नॉन-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी में केवल गारंटीड फायदे देने होते हैं, इसलिए इसमें मार्जिन बढ़ता है। इस समय एलआईसी के पास चार फीसदी नया कारोबारी प्रीमियम नॉन-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी से आ रहा है। निजी कंपनियों के मामले में यह 20-45 प्रतिशत तक है। एनबीपी वह राशि है, जिसे कोई बीमा कंपनी एक वित्त वर्ष में नई पॉलिसी के प्रीमियम के तौर पर पाती है।
विस्तार
आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) कारोबारी सुधारों के बाद निजी कंपनियों के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकती है। ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस का कहना है कि एलआईसी अब नॉन पार्टिसिपेटिंग पॉलिसियों में भी काम बढ़ाएगी।
एलआईसी ने अपने सरप्लस व लाभांश वितरण नियमों में सुधार किए थे। इससे एलआईसी ने अपने मार्जिन में भी 700 आधार अंकों का सुधार किया, जो अब 9.9 फीसदी हो चुका है। इसके 20 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। कारोबारी बदलाव से सबसे ज्यादा मुश्किलें एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ व मैक्स लाइफ के लिए आएंगी। नए संशोधन से एलआईसी पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी में 4 से बढ़ाकर 10 फीसदी कारोबार नॉन पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी में शिफ्ट कर सकती है।
क्या हैं इसके मायने
- पार्टिसिपेटिंग बीमा पॉलिसी में ग्राहक को बोनस-डिविडेंड के जरिये गारंटीड व नॉन-गारंटीड फायदे दिए जाते हैं।
- नॉन-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी में केवल गारंटीड फायदे देने होते हैं, इसलिए इसमें मार्जिन बढ़ता है। इस समय एलआईसी के पास चार फीसदी नया कारोबारी प्रीमियम नॉन-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी से आ रहा है। निजी कंपनियों के मामले में यह 20-45 प्रतिशत तक है। एनबीपी वह राशि है, जिसे कोई बीमा कंपनी एक वित्त वर्ष में नई पॉलिसी के प्रीमियम के तौर पर पाती है।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...
Banking Beema Hindi News, Banking Beema News in Hindi, Business News in Hindi, Credit Suisse, Credit suisse report, Hdfc life, icici prudential, investment banking company, Lic, lic ipo, max life, private insurance company, Sbi life