बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 17 Feb 2022 06:47 PM IST
सार
Coal Block Case Latest News Update: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता स्थित ईएमटीए कोल लिमिटेड और इसके प्रमोटरों की 200 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईएमटीए कोल लिमिटेड कोयला खनन और बिजली उत्पादन सेवाएं प्रदान करती है। फर्म का प्रधान कार्यालय कोलकाता में नंदलाल बसु सारणी में स्थित है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता स्थित ईएमटीए कोल लिमिटेड और इसके प्रमोटरों उज्ज्वल कुमार उपाध्याय, संगीता उपाध्याय, सुजीत कुमार उपाध्याय और की अनुमानित 200 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्ति कुर्क की है। एजेंसी ने गुरुवार को कहा कोयला ब्लॉक मामले में ये कार्रवाई की गई है।
इस रूप में हैं कुर्क की गई संपत्ति
एजेंसी के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्तियां बैंक खाते की शेष राशि, सावधि जमा, शेयर और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स, कार्यालय और आवासीय संपत्तियों के रूप में हैं। इन संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत कुर्क किया गया। ईडी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इन कुर्क संपत्तियों का बुक वैल्यू 136.48 करोड़ रुपये थी, लेकिन वर्तमान में इनका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 200 करोड़ रुपये है। ईडी ने कहा कि कंपनी और अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने पश्चिम बंगाल में आवंटित 6 कोयला ब्लॉकों में खनन किया और अवैध रूप से कमाई की।
कोयला खनन करती है कंपनी
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2014 को जारी अपने आदेश में केंद्र सरकार द्वारा 14 जुलाई,1993 से 31 मार्च, 2011 के बीच किए गए कोयला ब्लॉकों के आवंटन को अवैध और मनमाना करार दिया था। अदालत ने सितंबर 2014 में 42 कोयला ब्लॉक के आवंटन को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया था। इनमें पश्चिम बंगाल सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को आवंटित 6 कोयला ब्लॉक शामिल थे। ईएमटीए कोल लिमिटेड कोयला खनन और बिजली उत्पादन सेवाएं प्रदान करती है। फर्म का प्रधान कार्यालय कोलकाता में नंदलाल बसु सारणी में स्थित है।
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता स्थित ईएमटीए कोल लिमिटेड और इसके प्रमोटरों उज्ज्वल कुमार उपाध्याय, संगीता उपाध्याय, सुजीत कुमार उपाध्याय और की अनुमानित 200 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्ति कुर्क की है। एजेंसी ने गुरुवार को कहा कोयला ब्लॉक मामले में ये कार्रवाई की गई है।
इस रूप में हैं कुर्क की गई संपत्ति
एजेंसी के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्तियां बैंक खाते की शेष राशि, सावधि जमा, शेयर और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स, कार्यालय और आवासीय संपत्तियों के रूप में हैं। इन संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत कुर्क किया गया। ईडी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इन कुर्क संपत्तियों का बुक वैल्यू 136.48 करोड़ रुपये थी, लेकिन वर्तमान में इनका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 200 करोड़ रुपये है। ईडी ने कहा कि कंपनी और अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने पश्चिम बंगाल में आवंटित 6 कोयला ब्लॉकों में खनन किया और अवैध रूप से कमाई की।
कोयला खनन करती है कंपनी
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2014 को जारी अपने आदेश में केंद्र सरकार द्वारा 14 जुलाई,1993 से 31 मार्च, 2011 के बीच किए गए कोयला ब्लॉकों के आवंटन को अवैध और मनमाना करार दिया था। अदालत ने सितंबर 2014 में 42 कोयला ब्लॉक के आवंटन को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया था। इनमें पश्चिम बंगाल सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को आवंटित 6 कोयला ब्लॉक शामिल थे। ईएमटीए कोल लिमिटेड कोयला खनन और बिजली उत्पादन सेवाएं प्रदान करती है। फर्म का प्रधान कार्यालय कोलकाता में नंदलाल बसु सारणी में स्थित है।
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