Desh

कोरोना वैक्सीनेशन: देश में 12-14 साल के 50 लाख से ज्यादा बच्चों को लगी टीके की पहली खुराक, स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Wed, 23 Mar 2022 11:05 PM IST

सार

कोरोना के मामलों की बात करें तो बीते सात सप्ताहों में कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आई है। 22 मार्च को देश में कुल सक्रिय केस की संख्या मात्र 23,913 रही। दैनिक पॉजिटिविटी रेट भी 0.28 फीसदी है।

ख़बर सुनें

देश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यहां अब तक 50 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी।  

इससे पहले देश में कोरोना मामलों में लगातार गिरावट को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महामारी की रोकथाम के लिए लगाई गई पाबंदियों को खत्म कर दिया है। 31 मार्च से कोरोना प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे। दो साल बाद इन पाबंदियों से देश की जनता को निजात मिली है। अब सिर्फ दो गज की दूरी कायम रखना होगी व मास्क लगाना होगा। 

केंद्र सरकार ने 24 मार्च 2020 को आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत पहली बार कोरोना की गाइडलाइंस जारी की थी। इसके बाद कई मौकों पर इस गाइडलाइंस में बदलाव किए गए।

कोरोना के मामलों की बात करें तो बीते सात सप्ताहों में कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आई है। 22 मार्च को देश में कुल सक्रिय केस की संख्या मात्र 23,913 रही। दैनिक पॉजिटिविटी रेट भी 0.28 फीसदी है। इसके साथ ही केंद्र व राज्यों के साझा प्रयासों से अब तक देशवासियों को कोविड रोधी टीकों की 181.56 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।

इस बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को खत लिखकर ने कहा है कि बीमारी की प्रकृति को देखते हुए लोगों को अभी भी स्थिति से सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोरोना मामलों की संख्या में कोई वृद्धि हो तो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय स्तर पर त्वरित और सक्रिय कार्रवाई कर सकते हैं।

कोवोवैक्स को बूस्टर परीक्षण की इजाजत
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने वयस्कों में बूस्टर खुराक के रूप में कोरोना वैक्सीन ‘कोवोवैक्स’ को लगाने के लिए तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की बुधवार को अनुमति दे दी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पांच मार्च को उन लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर ‘कोवोवैक्स’ लगाने के लिए क्लिनिकल परीक्षण की सिफारिश की थी, जिन्होंने कम से कम तीन महीने पहले ‘कोवैक्सीन’ या ‘कोवीशील्ड’ टीका लगवाया है।

विस्तार

देश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यहां अब तक 50 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी।  

इससे पहले देश में कोरोना मामलों में लगातार गिरावट को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महामारी की रोकथाम के लिए लगाई गई पाबंदियों को खत्म कर दिया है। 31 मार्च से कोरोना प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे। दो साल बाद इन पाबंदियों से देश की जनता को निजात मिली है। अब सिर्फ दो गज की दूरी कायम रखना होगी व मास्क लगाना होगा। 

केंद्र सरकार ने 24 मार्च 2020 को आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत पहली बार कोरोना की गाइडलाइंस जारी की थी। इसके बाद कई मौकों पर इस गाइडलाइंस में बदलाव किए गए।

कोरोना के मामलों की बात करें तो बीते सात सप्ताहों में कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आई है। 22 मार्च को देश में कुल सक्रिय केस की संख्या मात्र 23,913 रही। दैनिक पॉजिटिविटी रेट भी 0.28 फीसदी है। इसके साथ ही केंद्र व राज्यों के साझा प्रयासों से अब तक देशवासियों को कोविड रोधी टीकों की 181.56 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।

इस बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को खत लिखकर ने कहा है कि बीमारी की प्रकृति को देखते हुए लोगों को अभी भी स्थिति से सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोरोना मामलों की संख्या में कोई वृद्धि हो तो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय स्तर पर त्वरित और सक्रिय कार्रवाई कर सकते हैं।

कोवोवैक्स को बूस्टर परीक्षण की इजाजत

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने वयस्कों में बूस्टर खुराक के रूप में कोरोना वैक्सीन ‘कोवोवैक्स’ को लगाने के लिए तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की बुधवार को अनुमति दे दी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पांच मार्च को उन लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर ‘कोवोवैक्स’ लगाने के लिए क्लिनिकल परीक्षण की सिफारिश की थी, जिन्होंने कम से कम तीन महीने पहले ‘कोवैक्सीन’ या ‘कोवीशील्ड’ टीका लगवाया है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: