संघर्ष के दौर से गुजर चुके हैं गोविंदा
लेकिन कहते हैं बॉलीवुड में मंजिल पाना और अपनी जगह बनाना बिलकुल भी आसान नहीं है। ऐसा ही कुछ हुआ गोविंदा के साथ भी। गोविंदा ने भी अपने शुरुआती दौर में एक फिल्म पाने के लिए कड़ा संघर्ष किया। गोविंदा ने कम उम्र में ही फिल्मों में कदम रख दिया था। 80 और 90 के दशक में शानदार फिल्में करने वाले गोविंदा ने अपने करियर की शुरुआत 1980 में आई फिल्म ‘तन बदन’ से की थी, हालांकि उनकी फिल्म ‘इल्जाम’ पहले सिनेमाघरों में रिलीज हुई। उनके काम को फिल्म में काफी पसंद किया गया।
गोविंदा आज जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए गोविंदा ने कड़ी मेहनत की है। गोविंदा के जीवन में एक समय ऐसा था जब वो विरार से लोकल ट्रेन लेकर मुंबई जाते थे। आने जाने में अमिताभ बच्चन के 4 से 5 घंटे खराब होते थे। निर्माताओं से मिलने के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता था। गोविंदा ने एक मीडिया बातचीत में ये तक कह दिया था कि कई लोगों ने उन्हें ये तक कह दिया था कि वो फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर नहीं बना सकते।
अपने फिल्मी करियर में 165 से अधिक फिल्में कर चुके गोविंदा ने 21 साल की उम्र में फिल्म जगत में कदम रखा था, जहां उन्हें कोई नहीं जानता था। लेकिन 22 साल की उम्र में आते-आते वो ही लड़का बॉलीवुड में छा गया था और सिर्फ एक साल के भीतर ही गोविंदा ने 50 से अधिक फिल्मों को साइन कर लिया था।
जब गोविंदा ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा था तो उन्हें बीआर चोपड़ा का लोकप्रिय शो महाभारत ऑफर हुआ था। इस पौराणिक शो में उन्हें अभिमन्यू का किरदार ऑफर हुआ था। हालांकि गोविंदा शुरू से ही अपने गोल को लेकर क्लियर थे और फिल्मों में ही काम करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
गोविंदा ने एक मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने पहले से ही इस बात का निर्णय ले लिया था कि जब तक उनकी जरूरतों को पूरा करने के पैसे उनके अकाउंट में नहीं आ जाएंगे, तब तक वो नहीं रुकेंगे। गोविंदा की जिद उनके काम आई और वो आज बॉलीवुड के सबसे सफल सितारों में से एक हैं।
