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हैदराबाद: आरएसएस ने नाम बदलकर 'भाग्यनगर' करने का फिर उठाया एजेंडा, जनवरी में भाजपा के साथ बुलाई समन्वय बैठक

सार

हैदराबाद का नाम बदलकर ‘भाग्यनगर’ करने का जिक्र सबसे पहले हैदराबाद नगर निगम चुनाव में प्रचार के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का जिक्र किया था।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
– फोटो : ANI

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक बार फिर हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का मुद्दा उठाया है। संघ ने अपने एक ट्वीट में हैदराबाद को भाग्यनगर कहा है। भाजपा और संघ इस मसले को काफी वक्त से उठा रहे हैं।

जनवरी में होगी  संघ और भाजपा की तीन दिवसीय समन्वय बैठक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से संघ की समन्वय बैठक की जानकारी दी गई। जिसमें सुनील आंबेकर ने लिखा “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत विविध संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों की समन्वय बैठक अगले माह पांच से सात जनवरी, 2022 को भाग्यनगर (हैदराबाद), तेलंगाना में आयोजित हो रही है।” हालांकि ट्वीट में आरएसएस ने स्पष्ट रूप से शहर का नाम बदलने की मांग नहीं की है, लेकिन हैदराबाद के बजाय ‘भाग्यनगर’ का इस्तेमाल किया है।

जनवरी, 2022 के पहले सप्ताह में संघ और भाजपा की तीन दिवसीय समन्वय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में संबद्ध संगठनों के कामकाज की समीक्षा और अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। सूत्रों ने कहा, ‘आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश और संबद्ध संगठनों के अन्य शीर्ष पदाधिकारी इस वार्षिक बैठक में भाग लेंगे।’

इसके अलावा, सूत्रों ने कहा कि भाजपा प्रतिनिधि आने वाले वर्ष के लिए अपने दृष्टिकोण और कार्यक्रमों का विवरण देंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों और चुनाव में सहयोगी दलों से किसी भी प्रकार की सहायता की व्यापक चर्चा होगी। भाजपा और आरएसएस के बीच हर साल इस तरह की बैठकें होती रहती हैं। इस साल जून में उत्तर प्रदेश में समन्वय बैठक हुई थी जिसमें भाजपा महासचिव बीएल संतोष ने भाग लिया था।

सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने उठाया था मुद्दा
सबसे पहले हैदराबाद नगर निगम चुनाव, 2020 में प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फिर गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का जिक्र किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जा सकता है, तो हैदराबाद का भी नाम भाग्यनगर रखा जा सकता है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कुछ लोग मुझसे पूछ रहे थे कि क्या हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर हो सकता है। मैंने कहा, क्यों नहीं। मैंने उन्हें बताया कि भाजपा की सरकार बनने के बाद हमने फैजाबाद का नाम अयोध्या और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज रखा।

केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ अब्दुल कलाम मार्ग रखा गया। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जगहों को उनके पुराने ऐतिहासिक नामों से पुकारा जाना चाहिए या ऐसे लोगों के नाम से जो मौजूदा पीढ़ी के लिए आदर्श हो। किसी भी देश में आक्रांताओं और लुटेरों के नाम से जगहों का नाम नहीं रखा जाता। हम हैदराबाद को इसलिए भाग्यनगर कहते हैं। हम चाहते हैं कि इसका नाम भाग्यनगर रखा जाए।

विस्तार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक बार फिर हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का मुद्दा उठाया है। संघ ने अपने एक ट्वीट में हैदराबाद को भाग्यनगर कहा है। भाजपा और संघ इस मसले को काफी वक्त से उठा रहे हैं।

जनवरी में होगी  संघ और भाजपा की तीन दिवसीय समन्वय बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से संघ की समन्वय बैठक की जानकारी दी गई। जिसमें सुनील आंबेकर ने लिखा “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत विविध संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों की समन्वय बैठक अगले माह पांच से सात जनवरी, 2022 को भाग्यनगर (हैदराबाद), तेलंगाना में आयोजित हो रही है।” हालांकि ट्वीट में आरएसएस ने स्पष्ट रूप से शहर का नाम बदलने की मांग नहीं की है, लेकिन हैदराबाद के बजाय ‘भाग्यनगर’ का इस्तेमाल किया है।

जनवरी, 2022 के पहले सप्ताह में संघ और भाजपा की तीन दिवसीय समन्वय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में संबद्ध संगठनों के कामकाज की समीक्षा और अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। सूत्रों ने कहा, ‘आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश और संबद्ध संगठनों के अन्य शीर्ष पदाधिकारी इस वार्षिक बैठक में भाग लेंगे।’

इसके अलावा, सूत्रों ने कहा कि भाजपा प्रतिनिधि आने वाले वर्ष के लिए अपने दृष्टिकोण और कार्यक्रमों का विवरण देंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों और चुनाव में सहयोगी दलों से किसी भी प्रकार की सहायता की व्यापक चर्चा होगी। भाजपा और आरएसएस के बीच हर साल इस तरह की बैठकें होती रहती हैं। इस साल जून में उत्तर प्रदेश में समन्वय बैठक हुई थी जिसमें भाजपा महासचिव बीएल संतोष ने भाग लिया था।

सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने उठाया था मुद्दा

सबसे पहले हैदराबाद नगर निगम चुनाव, 2020 में प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फिर गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का जिक्र किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जा सकता है, तो हैदराबाद का भी नाम भाग्यनगर रखा जा सकता है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कुछ लोग मुझसे पूछ रहे थे कि क्या हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर हो सकता है। मैंने कहा, क्यों नहीं। मैंने उन्हें बताया कि भाजपा की सरकार बनने के बाद हमने फैजाबाद का नाम अयोध्या और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज रखा।

केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ अब्दुल कलाम मार्ग रखा गया। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जगहों को उनके पुराने ऐतिहासिक नामों से पुकारा जाना चाहिए या ऐसे लोगों के नाम से जो मौजूदा पीढ़ी के लिए आदर्श हो। किसी भी देश में आक्रांताओं और लुटेरों के नाम से जगहों का नाम नहीं रखा जाता। हम हैदराबाद को इसलिए भाग्यनगर कहते हैं। हम चाहते हैं कि इसका नाम भाग्यनगर रखा जाए।

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