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'औरंगजेब से भी बदतर': कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स को लेकर केंद्र की खिंचाई की

पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 10 Feb 2022 12:00 AM IST

सार

कपिल सिब्बल ने कहा कि औरंगजेब ने भी ‘जजिया कर’ से गरीबों और वंचितों को राहत दी थी जबकि आज की सरकार वर्ष 2014 के मुकाबले पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 203 और 530 प्रतिशत अधिक उत्पाद कर वसूल रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल।
– फोटो : पीटीआई (फाइल फोटो)

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विस्तार

बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने वर्तमान केंद्र सरकार को मुगल शासक औरंगजेब से भी ‘बदतर’ करार दिया। कपिल सिब्बल ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसकी कर व्यवस्था मुगल शासक औरंगजेब से भी ‘बदतर’ है।

पेट्रोल पर 203 और डीजल पर 530 प्रतिशत अधिक उत्पाद कर वसूल रही मोदी सरकार

केंद्रीय बजट 2022-23 पर चर्चा के दूसरे दिन सिब्बल ने कहा कि 2014 में पेट्रोल की कीमत 71 रुपये थी और जनवरी 2022 में यह 95 रुपये हो गई। केंद्रीय उत्पाद शुल्क जिसे हमने 2014 में लागू किया था वह 9.2 प्रतिशत प्रति लीटर था। आपने इसे 27 प्रतिशत कर दिया। इससे कितनी वृद्धि होती है? 203 प्रतिशत। सिब्बल ने कहा, ‘डीजल की कीमत 55 रुपये थी। उस पर उत्पाद शुल्क 3.46 रुपये था। आज कीमत 86 रुपये और डीजल पर उत्पाद शुल्क 21 रुपये यानी इसमें 530 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

आम बजट जमीनी सच्चाई से दूर: सिब्बल

सिब्बल ने कहा कि औरंगजेब ने भी ‘जजिया कर’ से गरीबों और वंचितों को राहत दी थी जबकि आज की सरकार वर्ष 2014 के मुकाबले पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 203 और 530 प्रतिशत अधिक उत्पाद कर वसूल रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आम बजट जमीनी सच्चाई से दूर है और इसमें सरकार की दूरदृष्टि का अभाव झलकता है जबकि कोई दीर्घकालिक योजना नहीं है।

‘यह बजट गरीब व मध्यम वर्ग के लिए नहीं’

उन्होंने कहा कि बजट में डिजिटल, ग्रीन, जलवायु, आत्मनिर्भर, मेड इन इंडिया और व्यवसाय की सुगमता जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है लेकिन बेरोजगारी, गरीबी, खाद्य सुरक्षा, मजदूर, स्वास्थ्य, कल्याण, महिला और युवाओं का उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीब व मध्यम वर्ग के लिए नहीं बल्कि दो प्रतिशत लोगों के लिए है।

सिब्बल ने कहा, ‘‘आप बात कर रहे हो अमृत काल की और मैं तो 2014 से अब तक राहु काल (अशुभ काल) ही देख रहा हूं…और फिर असलियत क्या है। प्रधानमंत्री ने टुकड़े टुकड़े गैंग की बात की तो मैं अचंभित हुआ…जो सभ्यता के टुकड़े-टुकड़े करता हो, जो इतिहास के टुकड़े-टुकड़े करता हो, जो संविधान के टुकड़े टुकड़े करता है और जो भाईचारा के टुकड़े टुकड़े करता है, वह टुकड़े-टुकड़े गैंग का लीडर है।’’

बता दें कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा था कि विभाजनकारी मानसिकता एवं अंग्रेजों की ‘फूट डालो, राज करो’ की नीति अपनाकर कांग्रेस ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग की लीडर’ बन गई है। पेट्रोल व डीजल के मुल्यों में हुई वुद्धि का उल्लेख करते हुए भी सिब्बल ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला।

इतिहास का उल्लेख करते हुए सिब्बल ने कहा कि अहमद शाह ने 1414 में सबसे पहले ‘जजिया कर’ लगाया था और उसके बाद अकबर आया तो उसने हटा दिया लेकिन जब औरंगजेब आया तो उसने फिर से जजिया कर लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने वंचित लोगों, बेरोजगारों और रक्षा में लगे लोगों पर जजिया कर नहीं लगाया था।

उन्होंने कहा, ‘‘आप बात करते हो औरंगजेब की और यह तो औरंगजेब से भी बदतर बात है। आपने सब पर लागू कर दिया और वह भी 530 और 203 प्रतिशत।’’ सिब्बल ने कहा कि जब देश के गरीब या मध्यम श्रेणी की जनता 95 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत चुकाती है उसे क्या तकलीफ होती होगी, यह इस सरकार को समझ में नहीं आता है।

उन्होंने कहा, ‘‘बड़े-बड़े लोगों को छोड़ दीजिए… जिनके पास सुविधाएं नहीं है उनके बारे में सोचिए। जब तक आप लोगों के हाथों में पैसे नहीं देंगे और वे खर्च नहीं करेंगे तब तक अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ेगी। इनकी शक्ति, खरीद की शक्ति बढ़ानी पड़ेगी। प्रधानमंत्री को अमृत काल की बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि ना वह रहेंगे, ना हम रहेंगे ना आपके रहनुमा रहेंगे। ना नफरत के बयान रहेंगे।’’

बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा

बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए सिब्बल ने कहा चीन में बेरोजगारी की दर पांच प्रतिशत, बांग्लादेश में 5.3 प्रतिशत, पाकिस्तान 4.5 प्रतिशत और श्रीलंका 4.8 जबकि भारत में यह दर 7.51 प्रतिशत है।

सिब्बल ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में, अमेरिका हर साल अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) पर 606 बिलियन डॉलर, चीन 514 बिलियन डॉलर, जापान 172 बिलियन डॉलर, जर्मनी 172 बिलियन डॉलर, फ्रांस 63 बिलियन डॉलर खर्च करता है जबकि भारत का सिर्फ 47 बिलियन डॉलर खर्च करता है।

उन्होंने कहा कि मनरेगा आवंटन को 1.1 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 73,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है और इसमें से राज्यों को लगभग 13,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है जिससे वास्तविक आवंटन 60,000 करोड़ रुपये हो गया है।

भाजपा नेता सुशील मोदी ने पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व की तारीफ की

चर्चा में भाजपा के सुशील मोदी ने यह भी कहा कि देश के पास यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुशल नेतृत्व और चिकित्सकों व अग्रिम मोर्चा के कर्मियों का सहयोग नहीं होता तो कोरोना काल में 50 लाख से अधिक लोग मर जाते।

उन्होंने कहा, ‘‘निर्मला सीतारमण जेएनयू जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ी हैं। उनके पास हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की कोई डिग्री नहीं है, जो पी चिदंबरम (कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री) जी के पास थी। लेकिन मैं कह सकता हूं कि वैश्विक वित्तीय संकट के समय कांग्रेस ने जो बजट पेश किया था, उससे 100 गुना बेहतर बजट निर्मला सीतारमण ने पेश किया है। वह भी प्रतिकूल परिस्थितियों में।’’

मोदी ने वर्ष 2017-2018 में आए स्पेनिश फ्लू का उल्लेख किया और कहा कि उस समय डेढ़ करोड़ लोग मारे गए थे जबकि भारत की आबादी 30 करोड़ थी। उन्होंने कोरोना काल में अमेरिका, ब्राजील और ब्रिटेन सहित विश्व के कई देशों की आबादी के अनुपात में हुई मौतों की संख्या बताते हुए कहा, ‘‘अगर नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व नहीं होता और फ्रंटलाइन वर्कर, डॉक्टर और नर्स का सहयोग नहीं होता तो पचास लाख से ज्यादा लोग मर गए होते।’’

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