न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Sat, 09 Apr 2022 10:24 PM IST
सार
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश में विविधता ने लोकतंत्र को मजबूत किया है, जबकि कोविड-19 महामारी ने दुनिया को सामूहिक रूप से समस्याओं का सामना करना सिखाया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार दुनिया को एक वैश्विक परिवार के तौर पर देखता है और भारतीयों का मानना है कि सभी अंतरराष्ट्रीय विवादों को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लंबित मुद्दों का हल करने के लिए अन्य देशों के साथ नियमित तौर पर वार्ता करता है।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की कार्यकारी समिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा, विकास के लिए शांति और स्थिरता आवश्यक है। इसलिए भारत लंबित मुद्दों को हल करने के लिए अन्य देशों के साथ नियमित तौर पर वार्ता करता है। उन्होंने ने उम्मीद जतायी कि दो दिवसीय बैठक के दौरान विचार-विमर्श से सदस्य देशों को अपने-अपने देशों में लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस बैठक में 53 देशों के प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से या डिजिटल माध्यम से भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं को आगे बढ़ाता रहा है और चुनावी प्रक्रिया में लोगों की बढ़ती जन भागीदारी लोकतंत्र में लोगों के विश्वास की गवाही देती है। उन्होंने कहा, ग्राम स्तर के निकायों से लेकर संसद तक, हमारे पास सभी स्तरों पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया शामिल है, जिसमें 90 करोड़ मतदाता भाग ले रहे हैं, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
देश की विविधता ने लोकतंत्र को मजबूत किया
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश में विविधता ने लोकतंत्र को मजबूत किया है, जबकि कोविड-19 महामारी ने दुनिया को सामूहिक रूप से समस्याओं का सामना करना सिखाया है। एसोसिएशन की भारत क्षेत्र इकाई के अध्यक्ष बिरला ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सीपीए की बैठक में लोगों तक सुशासन लाने और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। सीपीए के कार्यवाहक अध्यक्ष इयान लिडेल-ग्रेंजर ने सदस्यों से लोगों को सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे से जुड़ने, विकसित करने, बढ़ावा देने और समर्थन करने के अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया।
विस्तार
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार दुनिया को एक वैश्विक परिवार के तौर पर देखता है और भारतीयों का मानना है कि सभी अंतरराष्ट्रीय विवादों को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लंबित मुद्दों का हल करने के लिए अन्य देशों के साथ नियमित तौर पर वार्ता करता है।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की कार्यकारी समिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा, विकास के लिए शांति और स्थिरता आवश्यक है। इसलिए भारत लंबित मुद्दों को हल करने के लिए अन्य देशों के साथ नियमित तौर पर वार्ता करता है। उन्होंने ने उम्मीद जतायी कि दो दिवसीय बैठक के दौरान विचार-विमर्श से सदस्य देशों को अपने-अपने देशों में लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस बैठक में 53 देशों के प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से या डिजिटल माध्यम से भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं को आगे बढ़ाता रहा है और चुनावी प्रक्रिया में लोगों की बढ़ती जन भागीदारी लोकतंत्र में लोगों के विश्वास की गवाही देती है। उन्होंने कहा, ग्राम स्तर के निकायों से लेकर संसद तक, हमारे पास सभी स्तरों पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया शामिल है, जिसमें 90 करोड़ मतदाता भाग ले रहे हैं, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
देश की विविधता ने लोकतंत्र को मजबूत किया
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश में विविधता ने लोकतंत्र को मजबूत किया है, जबकि कोविड-19 महामारी ने दुनिया को सामूहिक रूप से समस्याओं का सामना करना सिखाया है। एसोसिएशन की भारत क्षेत्र इकाई के अध्यक्ष बिरला ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सीपीए की बैठक में लोगों तक सुशासन लाने और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। सीपीए के कार्यवाहक अध्यक्ष इयान लिडेल-ग्रेंजर ने सदस्यों से लोगों को सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे से जुड़ने, विकसित करने, बढ़ावा देने और समर्थन करने के अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया।
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