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ओमिक्रॉन : ताइवान में विदेश से लौटे तीन लोग मिले संक्रमित, ब्रिटेन में 24 घंटे में 50 फीसदी बढ़े मामले

एजेंसी, ताइपे।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 12 Dec 2021 01:39 AM IST

सार

दुनियाभर के दर्जनों देशों में कोरोना का यह नया वैरिएंट पहुंच चुका है हालांकि राहत की बात यह है कि कोरोना के डेल्टा स्वरूप से ओमिक्रॉन कम घातक लग रहा है। 

कोरोना वायरस (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

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दुनियाभर में कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने के बीच ही ताइवान में भी शनिवार को ओमिक्रॉन के मामले सामने आए। हाल ही में विदेश से लौटे तीन लोगों में इसकी पुष्टि हुई है। केंद्रीय महामारी कमान केंद्र ने बताया कि ब्रिटेन, अफ्रीका और अमेरिका से लौटे तीन यात्री ओमिक्रान से संक्रमित पाए गए। देश में लौटते ही उनकी जांच की गई और उन्हें दो सप्ताह के लिए एकांतवास में भेजा गया। 

ब्रिटेन में 24 घंटे में ओमिक्रॉन संक्रमित 50 फीसदी बढ़े
ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने तेज रफ्तार दिखाते हुए संक्रमितों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसी के साथ देश में ओमिक्रॉन से संक्रमित कुल रोगियों की संख्या 1898 पहुंच गई है। हालांकि राहत यह है कि इनमें से किसी भी नागरिक को अभी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। 

तेजी से फैलने के बाद भी डेल्टा जितना घातक नहीं ओमिक्रॉन, बिना अस्पताल गए ठीक हो रहे ज्यादातर मरीज 
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप ने भले ही दहशत फैला दी है मगर डॉ. उनबेन पिल्लै दर्जनों की संख्या में रोजाना संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक किसी भी मरीज को अस्पताल नहीं भेजना पड़ा। यही वजह है कि डॉ. उनबेन के साथ ही अन्य विशेषज्ञों को इस बात पर संदेह है कि ओमिक्रॉन घातक है। उलटे उनका मानना है कि यह कोरोना के डेल्टा स्वरूप से कम घातक लग रहा है। 

डॉ. पिल्लै के अनुसार अधिकांश मरीज घर पर 10 से 14 दिन के एकांतवास के दौरान ठीक हो जा रहे हैं। जिन्हें पहले से ही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हैं और जिनकी उम्र अधिक है उन्हें संक्रमण से ज्यादा परेशानी होती है। बता दें, ओमिक्रॉन का पहला मामला दो हफ्ते पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था।

हालांकि इस पर पर्याप्त आंकड़े अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। दक्षिण अफ्रीका के संक्रामक रोगों की राष्ट्रीय संस्था के अनुसार पिछले कुछ हफ्ते में अस्पताल में भर्ती कोरोना के महज 30 फीसदी मरीज ही गंभीर रूप से बीमार थे।

वहीं, मरीजों के अस्पताल में ठहरने की अवधि भी पहले के मुकाबले 2.8 दिन रही, जबकि पहले यह अवधि आठ दिन थी। आंकड़ों के मुताबिक महज तीन फीसदी मरीजों की ही इस दौरान मौत हुई है। जबकि पिछली लहर में यह 20 फीसदी थी। अफ्रीकन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक विलेम हानेकॉम ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट के आंकड़ों से यही लगता है कि ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के हैं। 

विस्तार

दुनियाभर में कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने के बीच ही ताइवान में भी शनिवार को ओमिक्रॉन के मामले सामने आए। हाल ही में विदेश से लौटे तीन लोगों में इसकी पुष्टि हुई है। केंद्रीय महामारी कमान केंद्र ने बताया कि ब्रिटेन, अफ्रीका और अमेरिका से लौटे तीन यात्री ओमिक्रान से संक्रमित पाए गए। देश में लौटते ही उनकी जांच की गई और उन्हें दो सप्ताह के लिए एकांतवास में भेजा गया। 

ब्रिटेन में 24 घंटे में ओमिक्रॉन संक्रमित 50 फीसदी बढ़े

ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने तेज रफ्तार दिखाते हुए संक्रमितों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसी के साथ देश में ओमिक्रॉन से संक्रमित कुल रोगियों की संख्या 1898 पहुंच गई है। हालांकि राहत यह है कि इनमें से किसी भी नागरिक को अभी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। 

तेजी से फैलने के बाद भी डेल्टा जितना घातक नहीं ओमिक्रॉन, बिना अस्पताल गए ठीक हो रहे ज्यादातर मरीज 

दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप ने भले ही दहशत फैला दी है मगर डॉ. उनबेन पिल्लै दर्जनों की संख्या में रोजाना संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक किसी भी मरीज को अस्पताल नहीं भेजना पड़ा। यही वजह है कि डॉ. उनबेन के साथ ही अन्य विशेषज्ञों को इस बात पर संदेह है कि ओमिक्रॉन घातक है। उलटे उनका मानना है कि यह कोरोना के डेल्टा स्वरूप से कम घातक लग रहा है। 

डॉ. पिल्लै के अनुसार अधिकांश मरीज घर पर 10 से 14 दिन के एकांतवास के दौरान ठीक हो जा रहे हैं। जिन्हें पहले से ही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हैं और जिनकी उम्र अधिक है उन्हें संक्रमण से ज्यादा परेशानी होती है। बता दें, ओमिक्रॉन का पहला मामला दो हफ्ते पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था।

हालांकि इस पर पर्याप्त आंकड़े अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। दक्षिण अफ्रीका के संक्रामक रोगों की राष्ट्रीय संस्था के अनुसार पिछले कुछ हफ्ते में अस्पताल में भर्ती कोरोना के महज 30 फीसदी मरीज ही गंभीर रूप से बीमार थे।

वहीं, मरीजों के अस्पताल में ठहरने की अवधि भी पहले के मुकाबले 2.8 दिन रही, जबकि पहले यह अवधि आठ दिन थी। आंकड़ों के मुताबिक महज तीन फीसदी मरीजों की ही इस दौरान मौत हुई है। जबकि पिछली लहर में यह 20 फीसदी थी। अफ्रीकन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक विलेम हानेकॉम ने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट के आंकड़ों से यही लगता है कि ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के हैं। 

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