सार
2012 के बाद से उपभोक्ताओं में बढ़ता गया क्रेडिट कार्ड का आकर्षण।13,300 करोड़ का भुगतान क्रेडिट कार्ड से इस साल अक्तूबर तक। 9,700 करोड़ का लेनदेन हुआ डेबिट कार्ड से।
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विस्तार
2020 में क्रेडिट कार्ड से 13,500 करोड़ का भुगतान हुआ था। 2012 में यह महज 1,500 करोड़ था, जो 2018 में बढ़कर 10,100 करोड़ और 2019 में 28% से ज्यादा वृद्धि के साथ 13,000 करोड़ पहुंच गया। वहीं, डेबिड कार्ड से 2012 में 12,100 करोड़ का भुगतान हुआ था। यह 2016 में बढ़कर 38,800 करोड़, 2018 में 32,700 करोड़ और 2019 में रिकॉर्ड 56,300 करोड़ पहुंच गया। इसके बाद 2020 में इससे भुगतान घटकर 13,800 करोड़ रह गया।
नकदी का चलन बढ़कर 14.5 फीसदी के उच्च स्तर पर
अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की कोशिशों के बावजूद पांच-छह वर्षों में नकदी का चलन हर साल बढ़ रहा है। 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी का चलन घटकर 8.7% तक आ गया था। लेकिन उसके बाद यह बढ़ते हुए इस साल अब तक जीडीपी के 13.1% पर पहुंच चुका है। 2020-21 में महामारी की अर्थव्यवस्था पर तगड़ी मार से नकदी का चलन बढ़कर 14.5% के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
यूपीआई से लेनदेन 70 गुना बढ़ा
पिछले चार वर्षों में देश में यूपीआई से लेनदेन में 70 गुना इजाफा हुआ है। अक्तूबर, 2021 में यूपीआई से 6.3 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। इसके लिए 3.5 अरब लेनदेन किए गए। लेनदेन के लिहाज से यह पिछले साल अक्तूबर से 100% और भुगतान के मामले में 103% ज्यादा है। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने कहा, ग्राहकों में लेनदेन को यूपीआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।
साल-दर-साल बढ़ोतरी
वर्ष भुगतान (रुपये में)
2017 1,700 करोड़
2018 15,100 करोड़
2018 29,900 करोड़
2020 57,100 करोड़
2021 1.17 लाख करोड़
