न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sun, 02 Jan 2022 09:59 AM IST
सार
पुलिस ने बताया है कि गिटहब की ओर से उन्हें इस संबंध में कोई जवाब नहीं मिला है। इस मामले में दो एफआईआर करीब छह महीने पहले दर्ज की गई थीं।
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
Bulli Bai ने देश में सियासी भूचाल मचाकर रख दिया है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है जब मुस्लिम महिलाओं को एप के माध्यम से निशाना बनाया गया है। इससे पहले Sulli deals पर भी ऐसा ही बवाल मचा था। दरअसल, चार जुलाई, 2021 को ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए थे। इस एप में एक टैग लाइन लगी थी, ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’। इसे मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों के साथ शेयर किया जा रहा है। उनकी तस्वीरों पर आपत्तिजनक कमेंट लिखा गया था, जिसे ट्रोल कराने के साथ ही साथ नीलामी की लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जाता था।
दो एफआईआर हुईं थी दर्ज
सुल्ली डील्स को लेकर दिल्ली व उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दो एफआईआर भी दर्ज की गई थीं, लेकिन इस मामले में न तो कोई गिरफ्तारी हुई और न ही कार्रवाई आगे बढ़ी। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि गिटहब की ओर से उन्हें इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला है। जबकि, सरकार की ओर से भी सुल्ली डील्स मामले में एक पत्र गिटहब को लिखा गया था।
कैस हुआ गिटहब का गलत इस्तेमाल
गिटहब पर एक अज्ञात समूह ने सुल्ली डील्स नाम का एक एप बनाया था। इस एप का प्रयोग करके उपयोगकर्ता कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को अवैध रूप से एकत्र करता था। इसके बाद हर दिन एक मुस्लिम महिला की फोटो पर आपत्तिजनक कमेंट लिखकर उन्हें एप पर ट्रोल कराया जाता था। इस एप पर भी काफी विवाद छिड़ा था।
विस्तार
Bulli Bai ने देश में सियासी भूचाल मचाकर रख दिया है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है जब मुस्लिम महिलाओं को एप के माध्यम से निशाना बनाया गया है। इससे पहले Sulli deals पर भी ऐसा ही बवाल मचा था। दरअसल, चार जुलाई, 2021 को ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए थे। इस एप में एक टैग लाइन लगी थी, ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’। इसे मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों के साथ शेयर किया जा रहा है। उनकी तस्वीरों पर आपत्तिजनक कमेंट लिखा गया था, जिसे ट्रोल कराने के साथ ही साथ नीलामी की लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जाता था।
दो एफआईआर हुईं थी दर्ज
सुल्ली डील्स को लेकर दिल्ली व उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दो एफआईआर भी दर्ज की गई थीं, लेकिन इस मामले में न तो कोई गिरफ्तारी हुई और न ही कार्रवाई आगे बढ़ी। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि गिटहब की ओर से उन्हें इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला है। जबकि, सरकार की ओर से भी सुल्ली डील्स मामले में एक पत्र गिटहब को लिखा गया था।
कैस हुआ गिटहब का गलत इस्तेमाल
गिटहब पर एक अज्ञात समूह ने सुल्ली डील्स नाम का एक एप बनाया था। इस एप का प्रयोग करके उपयोगकर्ता कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को अवैध रूप से एकत्र करता था। इसके बाद हर दिन एक मुस्लिम महिला की फोटो पर आपत्तिजनक कमेंट लिखकर उन्हें एप पर ट्रोल कराया जाता था। इस एप पर भी काफी विवाद छिड़ा था।
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