सार
दानिश अली को भेजे गए जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि ऐसे मामलों में राज्य सरकारें अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होती हैं।
बसपा सांसद दानिश अली
– फोटो : Social Media
बसपा सांसद दानिश अली ने दिल्ली की जेलों में यूएपीए कानूनों के तहत बंद छात्रों के मुद्दे पर सरकार के रवैये पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इन छात्रों की रिहाई के सवाल पर गृह मंत्रालय ने गोलमोल जवाब देकर इसे दिल्ली सरकार पर टाल दिया है। दानिश अली ने ये मामला लोकसभा में उठाया था और इन छात्रों की रिहाई की मांग की थी, लेकिन 29 दिसंबर को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने अपने जवाब में इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।
दानिश अली ने अमर उजाला को बताया कि गृह राज्यमंक्षी ने अपने जवाब में कहा है कि जेलों में बंद छात्रों की रिहाई के मामले में ‘राज्य’ अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसमें केंद्र सरकार कोई दखलंदाजी नहीं करती। दानिश अली ने कहा कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और ऐसे मामलों पर सीधे केंद्र सरकार ही कार्रवाई करती है।
दानिश अली ने इसे सरकार का ‘बचावपूर्ण’ जवाब बताया है उन्होंने कहा है कि क्या गृह राज्य मंत्री को यह नहीं मालूम है कि दिल्ली सीधे केंद्र सरकार के अधीन आती है और इस के संदर्भ में सारे निर्णय वही करती है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को इस मामले में स्पष्ट जवाब देना चाहिए था। यह प्रश्न देश के युवा छात्रों के संदर्भ में है सरकार को इसे लेकर ठोस नीति अपनानी चाहिए।
दानिश अली को भेजे गए जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि ऐसे मामलों में राज्य सरकारें अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होती हैं, इसलिए वह जो भी उचित समझें निर्णय कर सकती हैं। उच्च शिक्षण संस्थाओं को खोलने के संदर्भ में जवाब देते हुए राय ने कहा है कि कोविड-19 पालन करते हुए उच्च शिक्षण संस्थाओं को कैसे संचालित किया जाना है, इसके संदर्भ में गृह मंत्रालय और यूजीसी ने समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन नियमों का पालन करते हुए शिक्षण संस्थाओं को खोला जा सकता है।
विस्तार
बसपा सांसद दानिश अली ने दिल्ली की जेलों में यूएपीए कानूनों के तहत बंद छात्रों के मुद्दे पर सरकार के रवैये पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इन छात्रों की रिहाई के सवाल पर गृह मंत्रालय ने गोलमोल जवाब देकर इसे दिल्ली सरकार पर टाल दिया है। दानिश अली ने ये मामला लोकसभा में उठाया था और इन छात्रों की रिहाई की मांग की थी, लेकिन 29 दिसंबर को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने अपने जवाब में इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।
दानिश अली ने अमर उजाला को बताया कि गृह राज्यमंक्षी ने अपने जवाब में कहा है कि जेलों में बंद छात्रों की रिहाई के मामले में ‘राज्य’ अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसमें केंद्र सरकार कोई दखलंदाजी नहीं करती। दानिश अली ने कहा कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और ऐसे मामलों पर सीधे केंद्र सरकार ही कार्रवाई करती है।
दानिश अली ने इसे सरकार का ‘बचावपूर्ण’ जवाब बताया है उन्होंने कहा है कि क्या गृह राज्य मंत्री को यह नहीं मालूम है कि दिल्ली सीधे केंद्र सरकार के अधीन आती है और इस के संदर्भ में सारे निर्णय वही करती है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को इस मामले में स्पष्ट जवाब देना चाहिए था। यह प्रश्न देश के युवा छात्रों के संदर्भ में है सरकार को इसे लेकर ठोस नीति अपनानी चाहिए।
दानिश अली को भेजे गए जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि ऐसे मामलों में राज्य सरकारें अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होती हैं, इसलिए वह जो भी उचित समझें निर्णय कर सकती हैं। उच्च शिक्षण संस्थाओं को खोलने के संदर्भ में जवाब देते हुए राय ने कहा है कि कोविड-19 पालन करते हुए उच्च शिक्षण संस्थाओं को कैसे संचालित किया जाना है, इसके संदर्भ में गृह मंत्रालय और यूजीसी ने समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन नियमों का पालन करते हुए शिक्षण संस्थाओं को खोला जा सकता है।
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