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एनएसई को-लोकेशन मामला: ईडी ने दिल्ली-गुरुग्राम में कई ठिकानों पर मारा छापा, जानें क्यों की गई कार्रवाई

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 08 Apr 2022 02:12 PM IST

सार

एनएसई को-लोकेशन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ब्रोकरों के ठिकानों पर छापेमारी की। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दिल्ली और गुरुग्राम में नौ जगहों पर ईडी के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाया है। 

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एनएसई को-लोकेशन घोटाले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। अधिकारियों की टीम ने इस मामले से जुड़े ब्रोकरों के दिल्ली-गुरुग्राम स्थित कार्यालयों पर छापेमारी की है। 

नौ जगहों पर तलाशी अभियान
इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली और गुरुग्राम के नौ ठिकानों पर ईडी के अधिकारियों द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, एनएसई को-लोकेशन घोटाले से इन ब्रोकरों को लाभ हुआ था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि कुछ ब्रोकरों ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से अप्रत्याशित लाभ कमाया है। गौरतलब है कि इस मामले में एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण और जीओओ आनंद सुब्रमण्यम की गिरफ्तारी की जा चुकी है। 

क्या है को-लोकेशन स्कैम?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन मामले में प्राथमिकी साल 2018 में  दर्ज की गई थी। दरअसलल, शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी। इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे। इससे संभवत: एनएसई के डिम्यूचुलाइजेशन और पारदर्शिता आधारित ढांचे का उल्लंघन हो रहा था। धांधली करके अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था। 

विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एनएसई को-लोकेशन घोटाले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। अधिकारियों की टीम ने इस मामले से जुड़े ब्रोकरों के दिल्ली-गुरुग्राम स्थित कार्यालयों पर छापेमारी की है। 

नौ जगहों पर तलाशी अभियान

इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली और गुरुग्राम के नौ ठिकानों पर ईडी के अधिकारियों द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, एनएसई को-लोकेशन घोटाले से इन ब्रोकरों को लाभ हुआ था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि कुछ ब्रोकरों ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से अप्रत्याशित लाभ कमाया है। गौरतलब है कि इस मामले में एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण और जीओओ आनंद सुब्रमण्यम की गिरफ्तारी की जा चुकी है। 

क्या है को-लोकेशन स्कैम?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन मामले में प्राथमिकी साल 2018 में  दर्ज की गई थी। दरअसलल, शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी। इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे। इससे संभवत: एनएसई के डिम्यूचुलाइजेशन और पारदर्शिता आधारित ढांचे का उल्लंघन हो रहा था। धांधली करके अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था। 

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