न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलुरु
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 14 Mar 2022 10:58 PM IST
सार
इसरो ने सोमवार को घोषणा की कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) के लिए नव विकसित ठोस बूस्टर चरण (एसएस-1) का जमीनी परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान सभी पैरामीटर संतोषजनक पाए गए।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मई में अपने मिनी रॉकेट लांचर एसएसएलवी की पहली उड़ान के लिए तैयार है। इसरो ने सोमवार को घोषणा की कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) के लिए नव विकसित ठोस बूस्टर चरण (एसएस-1) का जमीनी परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान सभी पैरामीटर संतोषजनक पाए गए। एसएस- परीक्षण सफल रहा।
इसरो के अनुसार, नव विकसित ठोस बूस्टर चरण एक तीन खंडों वाला ठोस प्रणोदन चरण है। यह चरण मूल रूप से अंतरिक्ष यान को प्रारंभिक जोर प्रदान करता हैं क्योंकि यह जमीन से ऊपर उठता है और अपनी पहली चढ़ाई शुरू करता है। इसरों ने बताया कि इसमें कई नई तकनीकों और नवीन प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है जिसमें खंडों के बीच बंधन-मुक्त जोड़, डिजिटल नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ उच्च-शक्ति इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्ट्यूएटर, अनुकूलित इग्निटर और सभी खंडों की एक साथ प्रणोदक कास्टिंग शामिल है। एसएसएलवी के शेष चरण एसएस 2 और एसएस 3 पहले ही सफलतापूर्वक आवश्यक जमीनी परीक्षण से गुजर चुके हैं।
इसरो ने अपने बयान में कहा कि सॉलिड बूस्टर स्टेज के सफल परीक्षण ने एसएसएलवी (एसएसएलवी-डी1) की पहली विकासात्मक उड़ान के साथ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास दिया है। इसकी पहली उड़ान मई 2022 में होगी।
विस्तार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मई में अपने मिनी रॉकेट लांचर एसएसएलवी की पहली उड़ान के लिए तैयार है। इसरो ने सोमवार को घोषणा की कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) के लिए नव विकसित ठोस बूस्टर चरण (एसएस-1) का जमीनी परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान सभी पैरामीटर संतोषजनक पाए गए। एसएस- परीक्षण सफल रहा।
इसरो के अनुसार, नव विकसित ठोस बूस्टर चरण एक तीन खंडों वाला ठोस प्रणोदन चरण है। यह चरण मूल रूप से अंतरिक्ष यान को प्रारंभिक जोर प्रदान करता हैं क्योंकि यह जमीन से ऊपर उठता है और अपनी पहली चढ़ाई शुरू करता है। इसरों ने बताया कि इसमें कई नई तकनीकों और नवीन प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है जिसमें खंडों के बीच बंधन-मुक्त जोड़, डिजिटल नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ उच्च-शक्ति इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्ट्यूएटर, अनुकूलित इग्निटर और सभी खंडों की एक साथ प्रणोदक कास्टिंग शामिल है। एसएसएलवी के शेष चरण एसएस 2 और एसएस 3 पहले ही सफलतापूर्वक आवश्यक जमीनी परीक्षण से गुजर चुके हैं।
इसरो ने अपने बयान में कहा कि सॉलिड बूस्टर स्टेज के सफल परीक्षण ने एसएसएलवी (एसएसएलवी-डी1) की पहली विकासात्मक उड़ान के साथ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास दिया है। इसकी पहली उड़ान मई 2022 में होगी।
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