वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Tue, 22 Feb 2022 06:22 PM IST
सार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ये रूस यात्रा उस समय हो रही है, जब यूक्रेन मसले पर पश्चिमी देशों के साथ रूस का तनाव चरम पर है। जिस समय अमेरिका रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारियों में जुटा हुआ है, उस समय इमरान खान का वहां जाने का फैसला नए वैश्विक ध्रुवीकरण में पाकिस्तान के रुख को लेकर एक खास संदेश देता है…
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बुधवार से शुरू हो रही दो दिन की रूस यात्रा को यहां के भू-राजनीतिक विशेषज्ञ बेहद अहम मान रहे हैं। उनकी राय है कि इस समय दुनिया में विभिन्न देशों की हो रही गोलबंदी के बीच इमरान खान की इस यात्रा से पाकिस्तान को एक खास मुकाम मिल सकता है। इसके पहले पाकिस्तान के किसी उच्च अधिकारी ने 2011 में रूस की यात्रा की थी, जब तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी वहां गए थे। पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री की तो यह लगभग ढाई दशक में हो रही पहली रूस यात्रा है।
पुतिन के साथ इमरान की शिखर वार्ता
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक इमरान खान के साथ पाकिस्तान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल रूस जाएगा। लेकिन इस यात्रा का सबसे खास पहलू मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इमरान खान की होने वाली शिखर वार्ता है। बयान में कहा गया है- ‘शिखर वार्ता के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों की समग्र समीक्षा करेंगे। इनमें ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों का आपसी सहयोग भी शामिल है। इसके अलावा दोनों नेता क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इनमें मुद्दों में इस्लामोफोबिया और अफगानिस्तान की स्थिति शामिल हैं।’
विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ये रूस यात्रा उस समय हो रही है, जब यूक्रेन मसले पर पश्चिमी देशों के साथ रूस का तनाव चरम पर है। जिस समय अमेरिका रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारियों में जुटा हुआ है, उस समय इमरान खान का वहां जाने का फैसला नए वैश्विक ध्रुवीकरण में पाकिस्तान के रुख को लेकर एक खास संदेश देता है। इसके पहले बीते जनवरी में इमरान खान की व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत हई थी। उसी वार्ता के दौरान पुतिन ने इमरान खान को रूस आने का न्योता दिया था।
इस बात को खास अहमियत दी गई है कि इमरान खान की रूस यात्रा के कार्यक्रम का एलान उस समय हुआ, जब पुतिन और खान दोनों शीतकालीन ओलिंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए बीजिंग में थे। कुछ विश्लेषकों की राय है कि पाकिस्तान को रूस के करीब ले जाने में चीन की भूमिका है। हाल में रूस और चीन के रिश्ते भी अधिक गहरे हुए हैं।
अमेरिका से खराब हो सकते हैं संबंध
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने इमरान खान की मास्को यात्रा के मौके पर चीनी विश्लेषक चेंग शिझोंग की प्रतिक्रिया छापी है। उसमें झोंग ने इस यात्रा को ‘एतिहासिक और रणनीतिक रूप से बेहद महत्त्वपूर्ण’ बताया है। चेंग ने कहा है- ‘ये बात गौरतलब है कि 23 साल के अंतर के बाद रूस ने किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। यह इमरान खान के ऊंचे कद और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है।’
चेंग ने कहा कि इमरान खान की ये यात्रा रणनीतिक रूप से इस महत्त्वपूर्ण पहलू की तरफ इशारा करती है कि रूस पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने की झुक रहा है। साथ ही अब चीन, रूस और पाकिस्तान के बीच सहयोग का रिश्ता बन रहा है। पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्टों के मुताबिक ज्यादातर पाकिस्तानी इस विश्लेषण से सहमत हैं। हालांकि इसके साथ ही यह भी स्वीकार किया गया है कि पाकिस्तान का ये नया रिश्ता अमेरिका के साथ उसके संबंधों को और कड़वा बना सकता है।
विस्तार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बुधवार से शुरू हो रही दो दिन की रूस यात्रा को यहां के भू-राजनीतिक विशेषज्ञ बेहद अहम मान रहे हैं। उनकी राय है कि इस समय दुनिया में विभिन्न देशों की हो रही गोलबंदी के बीच इमरान खान की इस यात्रा से पाकिस्तान को एक खास मुकाम मिल सकता है। इसके पहले पाकिस्तान के किसी उच्च अधिकारी ने 2011 में रूस की यात्रा की थी, जब तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी वहां गए थे। पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री की तो यह लगभग ढाई दशक में हो रही पहली रूस यात्रा है।
पुतिन के साथ इमरान की शिखर वार्ता
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक इमरान खान के साथ पाकिस्तान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल रूस जाएगा। लेकिन इस यात्रा का सबसे खास पहलू मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इमरान खान की होने वाली शिखर वार्ता है। बयान में कहा गया है- ‘शिखर वार्ता के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों की समग्र समीक्षा करेंगे। इनमें ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों का आपसी सहयोग भी शामिल है। इसके अलावा दोनों नेता क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इनमें मुद्दों में इस्लामोफोबिया और अफगानिस्तान की स्थिति शामिल हैं।’
विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ये रूस यात्रा उस समय हो रही है, जब यूक्रेन मसले पर पश्चिमी देशों के साथ रूस का तनाव चरम पर है। जिस समय अमेरिका रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारियों में जुटा हुआ है, उस समय इमरान खान का वहां जाने का फैसला नए वैश्विक ध्रुवीकरण में पाकिस्तान के रुख को लेकर एक खास संदेश देता है। इसके पहले बीते जनवरी में इमरान खान की व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत हई थी। उसी वार्ता के दौरान पुतिन ने इमरान खान को रूस आने का न्योता दिया था।
इस बात को खास अहमियत दी गई है कि इमरान खान की रूस यात्रा के कार्यक्रम का एलान उस समय हुआ, जब पुतिन और खान दोनों शीतकालीन ओलिंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए बीजिंग में थे। कुछ विश्लेषकों की राय है कि पाकिस्तान को रूस के करीब ले जाने में चीन की भूमिका है। हाल में रूस और चीन के रिश्ते भी अधिक गहरे हुए हैं।
अमेरिका से खराब हो सकते हैं संबंध
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने इमरान खान की मास्को यात्रा के मौके पर चीनी विश्लेषक चेंग शिझोंग की प्रतिक्रिया छापी है। उसमें झोंग ने इस यात्रा को ‘एतिहासिक और रणनीतिक रूप से बेहद महत्त्वपूर्ण’ बताया है। चेंग ने कहा है- ‘ये बात गौरतलब है कि 23 साल के अंतर के बाद रूस ने किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। यह इमरान खान के ऊंचे कद और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है।’
चेंग ने कहा कि इमरान खान की ये यात्रा रणनीतिक रूप से इस महत्त्वपूर्ण पहलू की तरफ इशारा करती है कि रूस पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने की झुक रहा है। साथ ही अब चीन, रूस और पाकिस्तान के बीच सहयोग का रिश्ता बन रहा है। पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्टों के मुताबिक ज्यादातर पाकिस्तानी इस विश्लेषण से सहमत हैं। हालांकि इसके साथ ही यह भी स्वीकार किया गया है कि पाकिस्तान का ये नया रिश्ता अमेरिका के साथ उसके संबंधों को और कड़वा बना सकता है।
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