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इंफोसिस: इस साल 55000 नौकरियां देगी, कंपनी के सीईओ बोले- बदलाव के दौर में हर तीन साल में खुद को कुशल बनाएं युवा

इंफोसिस: इस साल 55000 नौकरियां देगी, कंपनी के सीईओ बोले- बदलाव के दौर में हर तीन साल में खुद को कुशल बनाएं युवा

एजेंसी, मुंबई

Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 17 Feb 2022 07:03 AM IST

सार

इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने नासकॉम के कार्यक्रम में कहा, इंफोसिस 2022-23 में सालाना राजस्व में 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रही है और यह नौकरी चाहने वाले नए स्नातकों के लिए कंपनी से जुड़कर आगे बढ़ने का अवसर है। 

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प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस 2022-23 में 55,000 स्नातकों को नौकरी देगी। कंपनी के सीईओ सलिल पारेख ने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इंजीनियरिंग व विज्ञान स्नातकों के लिए शानदार अवसर हैं, लेकिन यह ऐसा करियर होगा जहां उन्हें कम अवधि में नए कौशल सीखने होंगे।

पारेख ने नासकॉम के कार्यक्रम में कहा, इंफोसिस 2022-23 में सालाना राजस्व में 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रही है और यह नौकरी चाहने वाले नए स्नातकों के लिए कंपनी से जुड़कर आगे बढ़ने का अवसर है। बदलाव को देखते हुए युवा स्नातकों को हर तीन से पांच साल में खुद को कुशल बनाने को तैयार रहना चाहिए। 

बड़ी आईटी कंपनियों को जवाबदेह बनाने की तैयारी
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, सरकार फेसबुक व गूगल जैसी आईटी कंपनियों को जवाबदेह बनाना चाहती है। देश कुछ जिम्मेदारी तय कर रहा है तो इसे अभिव्यक्ति के खिलाफ कदम न समझा जाए।

विस्तार

प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस 2022-23 में 55,000 स्नातकों को नौकरी देगी। कंपनी के सीईओ सलिल पारेख ने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इंजीनियरिंग व विज्ञान स्नातकों के लिए शानदार अवसर हैं, लेकिन यह ऐसा करियर होगा जहां उन्हें कम अवधि में नए कौशल सीखने होंगे।

पारेख ने नासकॉम के कार्यक्रम में कहा, इंफोसिस 2022-23 में सालाना राजस्व में 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रही है और यह नौकरी चाहने वाले नए स्नातकों के लिए कंपनी से जुड़कर आगे बढ़ने का अवसर है। बदलाव को देखते हुए युवा स्नातकों को हर तीन से पांच साल में खुद को कुशल बनाने को तैयार रहना चाहिए। 

बड़ी आईटी कंपनियों को जवाबदेह बनाने की तैयारी

सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, सरकार फेसबुक व गूगल जैसी आईटी कंपनियों को जवाबदेह बनाना चाहती है। देश कुछ जिम्मेदारी तय कर रहा है तो इसे अभिव्यक्ति के खिलाफ कदम न समझा जाए।

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