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आरबीआई ने बैंकों को जारी किया निर्देश: बकाया वसूली के लिए ग्राहकों को नहीं धमका सकते बैंक, नियम एक जुलाई होगा से लागू

आरबीआई ने बैंकों को जारी किया निर्देश: बकाया वसूली के लिए ग्राहकों को नहीं धमका सकते बैंक, नियम एक जुलाई होगा से लागू

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 21 Apr 2022 08:33 PM IST

सार

आरबीआई ने कहा कि जिस व्यक्ति का कार्ड पर नाम है, वह ऐसे करने वाले बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के खिलाफ केंद्रीय बैंक के लोकपास से शिकायत कर सकता है। इसमें समय के नुकसान, खर्च और उत्पीड़न के साथ मानसिक प्रताड़ना से जुड़ीं शिकायतें भी दर्ज कराई जा सकती हैं।

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बैंक बकाया वसूली के लिए तीसरी पार्टी के जरिए अब ग्राहकों को डरा-धमका नहीं सकेंगे। आरबीआई ने गुरुवार को इस संबंध में बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान ग्राहकों की मंजूरी के बिना डेबिट/क्रेडिट कार्ड न तो जारी कर सकेंगे और न ही अपग्रेड या एक्टिव कर सकेंगे। ऐसा करने पर कार्ड जारी करने वाले को सभी शुल्क ग्राहक को वापस करने होंगे। साथ ही क्रेडिट कार्ड बिल का दोगुना जुर्माना भी देना पड़ेगा। नया नियम एक जुलाई 2022 से लागू होगा।

आरबीआई ने कहा कि जिस व्यक्ति का कार्ड पर नाम है, वह ऐसे करने वाले बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के खिलाफ केंद्रीय बैंक के लोकपास से शिकायत कर सकता है। इसमें समय के नुकसान, खर्च और उत्पीड़न के साथ मानसिक प्रताड़ना से जुड़ीं शिकायतें भी दर्ज कराई जा सकती हैं।

आरबीआई के मुताबिक, जिन व्यवसायिक बैंकों की नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है, वे भी अब क्रेडिट कार्ड बिजनेस कर सकते हैं। वे चाहें तो इसके लिए एनबीएफसी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और अन्य बैंक के साथ मिलकर इसे कर सकते हैं। 

एनबीएफसी क्रेडिट कार्ड का कारोबार नहीं कर सकतीं
रिजर्व बैंक ने सर्कुलर में कहा कि बिना मंजूरी के गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) क्रेडिट और डेबिट कार्ड का कारोबार नहीं कर सकतीं। न ही वे इस तरह के किसी और कारोबार को कर सकती हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे ग्राहकों से वसूली के मामले में अपने एजेंट को सही तरीके से काम करने के लिए कहें। ऐसा नहीं करने पर बैंक और वित्तीय कंपनियां अपना विश्वास खो सकती हैं। 

कार्ड की सुविधा का लाभ उठाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों को किसी ग्राहक को डेबिट कार्ड सुविधा का लाभ उठाने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए और न ही किसी अन्य सेवा के लाभ के लिए डेबिट कार्ड को कहीं लिंक करना चाहिए। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि कार्ड जारी करने वाले बैंक या कंपनियां ग्राहकों को शिकायतों के समाधान के लिए एक तंत्र स्थापित करें और इसका प्रचार भी करें। 

कॉल सेंटर को पर्याप्त प्रशिक्षण दें
सर्कुलर के मुताबिक, कार्ड जारी करने वाली कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि उनके कॉल सेंटर के कर्मचारियों को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे शिकायतों को सक्षम तरीके से सुलझा सकें। उसने कहा है कि कार्ड जारी करने वाला शिकायतकर्ता को उसके वित्तीय नुकसान, मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजा देने का जिम्मेदार होगा। यदि शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज करने की तारीख से अधिकतम एक महीने के समय के भीतर कार्ड जारी करने वाले से संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो उसके पास शिकायतों के निवारण के लिए रिजर्व बैंक के लोकपाल से संपर्क करने का विकल्प होगा। 

विस्तार

बैंक बकाया वसूली के लिए तीसरी पार्टी के जरिए अब ग्राहकों को डरा-धमका नहीं सकेंगे। आरबीआई ने गुरुवार को इस संबंध में बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान ग्राहकों की मंजूरी के बिना डेबिट/क्रेडिट कार्ड न तो जारी कर सकेंगे और न ही अपग्रेड या एक्टिव कर सकेंगे। ऐसा करने पर कार्ड जारी करने वाले को सभी शुल्क ग्राहक को वापस करने होंगे। साथ ही क्रेडिट कार्ड बिल का दोगुना जुर्माना भी देना पड़ेगा। नया नियम एक जुलाई 2022 से लागू होगा।

आरबीआई ने कहा कि जिस व्यक्ति का कार्ड पर नाम है, वह ऐसे करने वाले बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के खिलाफ केंद्रीय बैंक के लोकपास से शिकायत कर सकता है। इसमें समय के नुकसान, खर्च और उत्पीड़न के साथ मानसिक प्रताड़ना से जुड़ीं शिकायतें भी दर्ज कराई जा सकती हैं।

आरबीआई के मुताबिक, जिन व्यवसायिक बैंकों की नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है, वे भी अब क्रेडिट कार्ड बिजनेस कर सकते हैं। वे चाहें तो इसके लिए एनबीएफसी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और अन्य बैंक के साथ मिलकर इसे कर सकते हैं। 

एनबीएफसी क्रेडिट कार्ड का कारोबार नहीं कर सकतीं

रिजर्व बैंक ने सर्कुलर में कहा कि बिना मंजूरी के गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) क्रेडिट और डेबिट कार्ड का कारोबार नहीं कर सकतीं। न ही वे इस तरह के किसी और कारोबार को कर सकती हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे ग्राहकों से वसूली के मामले में अपने एजेंट को सही तरीके से काम करने के लिए कहें। ऐसा नहीं करने पर बैंक और वित्तीय कंपनियां अपना विश्वास खो सकती हैं। 

कार्ड की सुविधा का लाभ उठाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते

रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों को किसी ग्राहक को डेबिट कार्ड सुविधा का लाभ उठाने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए और न ही किसी अन्य सेवा के लाभ के लिए डेबिट कार्ड को कहीं लिंक करना चाहिए। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि कार्ड जारी करने वाले बैंक या कंपनियां ग्राहकों को शिकायतों के समाधान के लिए एक तंत्र स्थापित करें और इसका प्रचार भी करें। 

कॉल सेंटर को पर्याप्त प्रशिक्षण दें

सर्कुलर के मुताबिक, कार्ड जारी करने वाली कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि उनके कॉल सेंटर के कर्मचारियों को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे शिकायतों को सक्षम तरीके से सुलझा सकें। उसने कहा है कि कार्ड जारी करने वाला शिकायतकर्ता को उसके वित्तीय नुकसान, मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजा देने का जिम्मेदार होगा। यदि शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज करने की तारीख से अधिकतम एक महीने के समय के भीतर कार्ड जारी करने वाले से संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो उसके पास शिकायतों के निवारण के लिए रिजर्व बैंक के लोकपाल से संपर्क करने का विकल्प होगा। 

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