वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 17 Mar 2022 10:55 PM IST
सार
आईएमएफ के संचार विभाग के निदेशक गेरी राइस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘युद्ध के वैश्विक आर्थिक प्रभाव का विभिन्न माध्यमों से भारत की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।’’
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष
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विस्तार
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने गुरुवार को आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए चिंता पैदा करने वाली बात कही। आईएमएफ ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले का नकारात्मक प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। जबकि चीन पर तत्काल इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम होगा।
आईएमएफ के संचार विभाग के निदेशक गेरी राइस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘युद्ध के वैश्विक आर्थिक प्रभाव का विभिन्न माध्यमों से भारत की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।’’ राइस ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी का व्यापार पर प्रतिकूल पड़ेगा। साथ ही इसका वृहत-आर्थिक प्रभाव भी होगा। इससे मुद्रास्फीति और चालू खाते का घाटा बढ़ेगा।
राइस ने कहा, ‘‘लेकिन चालू खाते पर प्रभाव संभावित रूप से उन वस्तुओं की कीमतों में अनुकूल बदलाव से कम हो सकता है जो भारत निर्यात करता है। इसमें गेहूं शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध का अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीनी अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से भारत की निर्यात मांग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। जबकि आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से भारत के आयात की मात्रा और कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आईएमएफ के मुताबिक, भारत के लिये परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ने का जोखिम है। वहीं दूसरी तरफ आईएमएफ ने कहा कि युद्ध का चीन पर तत्कालिक प्रभाव कम होगा। राइस ने कहा, ‘‘चीन पर यूक्रेन संकट का तत्काल प्रभाव अपेक्षाकृत कम होने की संभावना है। तेल की ऊंची कीमत आगे चलकर घरेलू खपत और निवेश को प्रभावित कर सकती है, लेकिन मूल्य सीमा प्रभाव को सीमित करेगी।’’