देश की आजादी के 75 वें वर्ष में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’पर आयोजित आईआईटीएफ-2021, आत्मनिर्भर भारत की थीम पर केंद्रित होगा। बढ़ती महंगाई को देखते हुए इस बार आईआईटीएफ में प्रवेश के लिए बच्चों को छोड़कर व्यस्कों को 20 फीसदी अधिक कीमत चुकानी होगी। हालांकि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों के लिए हर दिन प्रवेश निशुल्क होगा।
यह परिसर इंटरनेशनल एक्जिविशन कम कंवेशन सेंटर (आईईसीसी) का अभिन्न अंग है। परिसर में चार नए आधुनिक हॉल में पहली बार मेला का आयोजन किया जा रहा है। दो साल बाद आयोजित हो रहे व्यापार मेले में प्रदर्शनी के लिए तीन गुना क्षेत्र होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्तूबर, 2021 को इसका लोकार्पण किया था।
मेले में अधिक भीड़ न हो इसलिए सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन को छोड़ 70 स्टेशनों पर टिकटों की बिक्री की जाएगी। दर्शकों को ऑनलाइन टिकट खरीदने की भी सुविधा होगी ताकि आयोजन स्थल के आसपास भीड़ न हो।
आईआईटीएफ में घरेलू मांग को पूरा करने सहित उत्पादों और तकनीक प्रदर्शित किए जाएंगे। इस आयोजन का उद्देश्य निवेश और देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
कोविड-1 महामारी के दौरान विपरीत हालात में भी ऐसे कई उद्यमियों ने उत्कृष्टता को साबित किया है उनकी उपलब्धियां भी प्रदर्शित की जाएंगी। आईआईटीएफ में ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत भारतीय उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था की नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
टिकट की दरें
बिजनेस डे : वीकेंड और अववाश के दिन(बिजनेस डे)पर व्यस्कों के लिए 500 रुपये का टिकट होगा। बच्चों के लिए इन दिनों में 200 रुपये का टिकट होगा। बिजनेस डे के दौरान सप्ताह के शेष दिन भी व्यस्कों के लिए टिकट का रेट 500 रुपये जबकि बच्चों के लिए 150 रुपये होगा।
नॉन बिजनेस डे (19 नवंबर से)
वीकेंड और अवकाश के दिन व्यस्कों के लिए 150 रुपये का टिकट होगा जबकि इस दौरान बच्चों के लिए 60 रुपये का टिकट होगा। वीकेंड को छोड़कर शेष दिनों में व्यस्कों के लिए 80 रुपये का टिकट होगा जबकि बच्चों के लिए 40 रुपये होगा।
कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन
मेले के आयोजन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा। इस दौरान प्रगति मैदान में मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन सहित सभी जरूरी हिदायतों के पालन करने के निर्देश, बोर्ड पर लगाए गए हैं। प्रवेश पर सभी दर्शकों की जांच की जाएगी ताकि संक्रमण की चिंता न सताए।
3000 प्रदर्शक होंगे मेले में शामिल
प्रगति मैदान में देश और विदेश के करीब 3000 प्रदर्शक हिस्सा लेंगे। आईआईटीएफ-2021 में पिछले मेले(2019) की तुलना में करीब तीन गुना क्षेत्र होगा। इस बार 70 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में बिहार भागीदार राज्य है जबकि उत्तर प्रदेश और झारखंड फोकस राज्य हैं।
मेले में नौ देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
आईआईटीएफ-2021 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, किर्गिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, यूएई, ट्यूनीशिया और तुर्की की भी भागीदारी रहेगी। इस दौरान पहले ही तरह राज्य दिवस समारोह, सेमिनार, कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी होंगी।
स्थानीय उद्यमिता की होगी वैश्विक पहुंच
आईआईटीएफ में सरस, जूट मैन्युफैक्चरर्स डवलेपमेंट काउंसिल, लघु और मध्यम उद्यम, हथकरघा, हस्तशिल्प, कॉयर बोर्ड, लघु उद्योग, खादी ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग के भागीदार परंपरागत क्षेत्रों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगी। इससे स्थानीय उद्यमिता को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत की तरफ भी देश अग्रसर होगा।
मेले के लिए अंतिम दौर की चल रही है तैयारी
मेला के आयोजन के लिए प्रगति मैदान में अलग अलग पवेलियन और हॉल में स्टॉल बनाए जा रहे हैं। मेले को आकर्षक रूप दिया जा सके। स्टॉल या दूसरी सेवाओं की बुकिंग के लिए पारदर्शी ऑनलाइन सिस्टम होगा। शुरुआती पांच दिनों के दौरान गणमान्य व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण, मेले के लिए मोबाइल एप्लिकेशन और सूचना प्रदर्शित करने के लिए एलईडी स्क्रीन भी लगाए गए हैं। मेले में डाकघर, बैंक और एटीएम और मीडिया सेंटर, प्रोटोकॉल, व्यावसायिक दिनों के लिए पंजीकरण शामिल हैं। प्रदर्शकों के लिए भैरो मार्ग पर पेड पार्किंग उपलब्ध होंगी। आईटीपीओ की ओर से आयोजन के दौरान परिसर को प्लास्टिक-मुक्त बनाने और पर्यावरण अनुकूल बनाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
70-80 फीसदी दर्शक मेट्रो से पहुंचेंगे मेला
आईआईटीएफ में पहुंचने के लिए अधिकतर दर्शक मेट्रो के जरिये पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि 70-80 फीसदी दर्शक मेट्रो का इस्तेमाल करेंगे। इससे न तो पार्किंग की समस्या आएगी और न ही उन्हें आवागमन में अधिक वक्त लगेगा। इससे सड़कों पर वाहनों के जाम की स्थिति में कमी आने की उम्मीद है।