Desh

अहम बैठक: यूपी चुनाव से पहले आरएसएस की बड़ी पहल, मुस्लिम महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की मुहिम होगी तेज

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम महिलाओं के लिए एक व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया है। इस कदम के तहत आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की महिला विंग की एक दिवसीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर त्वरित कदम उठाने का संकल्प लिया गया। मुस्लिम महिलाओं को भय, भूख, भ्रष्टाचार के चंगुल से निकाल कर मुख्य धारा से जोड़ने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के अलावा राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, गिरीश जुयाल, शालिनी अली, शहनाज अफजाल, रेशमा हुसैन, सुषमा पाचपोर समेत देश भर की 100 महिला कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। 

मुस्लिम महिलाओं के मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में मुस्लिम महिलाओं की चिंताओं, चुनौतियों, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, समस्याओं और समाधान पर चर्चा हुई। तय हुआ कि आज की महिला खुद हिसाब लेंगी। इस तरह दिल्ली के हरियाणा भवन में एक नई इबारत लिखी गई। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की यह पहल आगे आने वाले समय में बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर बनाने जा रही है। बैठक में मुस्लिम महिलाओं ने दृढ़ संकल्प लिया कि अब और अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस दौरान महिलाओं के “अजमत” से “हसरत” तक हर ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हुई। 

बैठक में मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीवनी दास्तान-ए-योगी नामक एक पुस्तक का अनावरण किया। इंद्रेश कुमार द्वारा अनावरण की गई पुस्तक, ‘द मोंक हू बिकम चीफ मिनिस्टर’ का उर्दू अनुवाद है, जिसे शांतनु गुप्ता द्वारा लिखित और मूल रूप से 2017 में जारी किया गया था। उर्दू अनुवाद इमरान चौधरी ने किया है। बैठक के दौरान, मुस्लिम महिलाओं ने एमआरएम, अदालत और मोदी सरकार को तुरंत तीन तलाक के दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए धन्यवाद दिया। 

पिछले 60 साल में विभिन्न पार्टियों से क्या मिला? 
आरएसएस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक का समापन प्रतिभागियों (मुस्लिम महिलाओं) के साथ एक महत्वपूर्ण सवाल उठाने के साथ हुआ कि उन्हें पिछले 60 वर्षों में पिछड़ेपन, गरीबी, भूख, अपमान, बेरोजगारी, तत्काल ट्रिपल तलाक के दर्द के अलावा उन पार्टियों से क्या मिला है जिन्हें उन्होंने प्यार किया और वोट दिया। संघ नेता ने कहा कि तलाक और हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरी गई। उन्होंने मुस्लिम मंच, अदालत और सरकार को तत्काल तीन तलाक के दर्द से मुक्त करने के लिए धन्यवाद दिया और अन्य दलों (विपक्ष में) से पूछा कि क्या यदि वे सत्ता में आते हैं तो तत्काल ट्रिपल तलाक को फिर से लागू करेंगे? 

आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं सोशल मीडिया, बैठकों एवं जनसंपर्क के माध्यमों से संदेश को समुदाय तक ले जाएंगी और विभिन्न बैठकों के प्रयास में लोगों को आरएसएस और भाजपा की एक सही तस्वीर दिखाएंगी। संघ नेता ने दावा किया कि मुस्लिम महिलाएं, जो दो साल पहले तीन तलाक को खत्म करने और अपराधीकरण पर कुछ राजनेताओं के विचारों से आहत हुई थीं, शादी के लिए न्यूनतम आयु बढ़ाने के केंद्र सरकार के कदम पर ऐसे लोगों की अनैतिक टिप्पणियों से एक बार फिर आहत हैं। सरकार ने शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष तय कर दी है जिसका कई नेताओं ने बहुत ही गंदे तरीके से विरोध किया है। 

क्या एमआरएम की मुस्लिम महिला विंग की बैठक का उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर कोई असर पड़ेगा? इस सवाल के जवाब में इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि शादी की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 करने से उन्हें कम से कम स्नातक स्तर तक अपनी उच्च शिक्षा, या कुछ कौशल हासिल करने का अवसर मिलेगा जो उन्हें भविष्य में अपने परिवार का समर्थन करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि जब इस बैठक के संदेश को सोशल मीडिया और बैठकों के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा तो स्वाभाविक रूप से आरएसएस और भाजपा की सही तस्वीर सभी के सामने होगी और इसका असर हर जगह होगा। 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: