वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 13 Jan 2022 08:42 PM IST
सार
भारत ने अक्तूबर 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर में पांच एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया था। तब तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अगर इस समझौते को अमल में लाया जाता है तो अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है।
कॉप26 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन
– फोटो : पीटीआई
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विस्तार
भारत को रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी शुरू हो गई है। इस बीच अमेरिका ने भारत पर इन हथियारों की खरीद को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के को-ऑर्डिनेटर फॉर सैंक्शंस पॉलिसी जेम्स ओ ब्रायन ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि अमेरिका नहीं चाहता कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति बाइडन द्वारा भारत को काट्सा (CAATSA) कानून से छूट देने की बढ़ती मांग पर वॉशिंगटन को महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक परिस्थितियों पर गौर करना होगा।
भारत ने अक्तूबर 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर में पांच एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया था। तब तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अगर इस समझौते को अमल में लाया जाता है तो अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है। बाइडन प्रशासन ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि क्या वह एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए भारत पर काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (काट्सा) के तहत प्रतिबंध लगाएगा या नहीं।
क्या है काट्सा कानून?
काट्सा कानून 2017 में बना था और इसके जरिए अमेरिकी प्रशासन उन देशों पर प्रतिबंध लगाता है जो रूस से बड़े सैन्य साजो-सामान खरीदते हैं। गौरतलब है कि अमेरिका पहले ही रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए तुर्की पर काट्सा के तहत प्रतिबंध लगा चुका है।
रिपब्लिकन सांसद ने किया भारत को प्रतिबंधों से छूट देने का समर्थन
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टॉड यंग ने रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए भारत के खिलाफ काटसा के तहत प्रतिबंधों में छूट का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए जो भारत को क्वाड से हमें दूर कर सकता है। यंग ने चीन के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में भारत की जरूरत को अहम बताया।
