बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 22 Apr 2022 10:20 AM IST
सार
भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन में गुरुवार को बैठक के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों के वित्त पोषण के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर को कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में प्रदान किए गए सक्षम मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए उन्हें बधाई दी।
अमेरिका में भारत की जमकर तारीफ की जा रही है। इस बीच यहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्त पोषण के खिलाफ लड़ने के लिए भारत की राजनीति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वैश्विक वित्ती प्रणाली की सुरक्षा में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की भूमिका की जमकर सराहना भी की।
क्या है फाइनेंशियन एक्शन टास्क फोर्स?
आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने 2022-24 के लिए पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की रणनीतिक प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की 2022 की स्प्रिंग मीटिंग के साथ आयोजित एफएटीएफ मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। गौरतलब है कि FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्री वित्तीय प्रणाली से संबंधित अन्य खतरों से निपटने के लिए की गई थी।
FATF की ग्रे-सूची में है पाकिस्तान
सीतारमण ने गुरुवार को बैठक के दौरान एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर को कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में प्रदान किए गए सक्षम मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए उन्हें बधाई दी। बता दें कि आईएमएफ-वर्ल्ड बैंक स्प्रिंग मीटिंग 2022 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते सोमवार को अमेरिका के वाशिंगटन पहुंचीं थी। इस बीच बता दें कि आतंकी वित्तपोषण के मामले में पेरिस स्थित FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में विफल रहने के कारण जून 2018 से पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में रखा है और अक्तूबर 2019 तक इसे पूरा करने के लिए कार्य योजना दी गई थी। लेकिन आदेशों का पालन करने में विफल रहने के चलते पाकिस्तान अभी भी FATF की इस सूची में बना हुआ है।
2022-24 के लिए ये प्राथमिकताएं
FATF में वर्तमान में 39 सदस्य हैं, जिनमें दो क्षेत्रीय संगठन यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं। भारत FATF परामर्श और उसके एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है। बैठक के दौरान एफएटीएफ की 2022-24 के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि इस अवधि के लिए प्राथमिकताओं में प्रमुख रूप से एफएटीएफ ग्लोबल नेटवर्क को मजबूत करना, पारस्परिक मूल्यांकन की एफएटीएफ प्रणाली निर्मित करना, आपराधिक संपत्तियों को अधिक प्रभावी ढंग से पुनर्प्राप्त करने की क्षमता बढ़ाना शामिल हैं।
विस्तार
अमेरिका में भारत की जमकर तारीफ की जा रही है। इस बीच यहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्त पोषण के खिलाफ लड़ने के लिए भारत की राजनीति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वैश्विक वित्ती प्रणाली की सुरक्षा में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की भूमिका की जमकर सराहना भी की।
क्या है फाइनेंशियन एक्शन टास्क फोर्स?
आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने 2022-24 के लिए पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की रणनीतिक प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की 2022 की स्प्रिंग मीटिंग के साथ आयोजित एफएटीएफ मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। गौरतलब है कि FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्री वित्तीय प्रणाली से संबंधित अन्य खतरों से निपटने के लिए की गई थी।
FATF की ग्रे-सूची में है पाकिस्तान
सीतारमण ने गुरुवार को बैठक के दौरान एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर को कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में प्रदान किए गए सक्षम मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए उन्हें बधाई दी। बता दें कि आईएमएफ-वर्ल्ड बैंक स्प्रिंग मीटिंग 2022 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते सोमवार को अमेरिका के वाशिंगटन पहुंचीं थी। इस बीच बता दें कि आतंकी वित्तपोषण के मामले में पेरिस स्थित FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में विफल रहने के कारण जून 2018 से पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में रखा है और अक्तूबर 2019 तक इसे पूरा करने के लिए कार्य योजना दी गई थी। लेकिन आदेशों का पालन करने में विफल रहने के चलते पाकिस्तान अभी भी FATF की इस सूची में बना हुआ है।
2022-24 के लिए ये प्राथमिकताएं
FATF में वर्तमान में 39 सदस्य हैं, जिनमें दो क्षेत्रीय संगठन यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं। भारत FATF परामर्श और उसके एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है। बैठक के दौरान एफएटीएफ की 2022-24 के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि इस अवधि के लिए प्राथमिकताओं में प्रमुख रूप से एफएटीएफ ग्लोबल नेटवर्क को मजबूत करना, पारस्परिक मूल्यांकन की एफएटीएफ प्रणाली निर्मित करना, आपराधिक संपत्तियों को अधिक प्रभावी ढंग से पुनर्प्राप्त करने की क्षमता बढ़ाना शामिल हैं।
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