एजेंसी, वॉशिंगटन,
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 18 Dec 2021 09:17 PM IST
सार
चीनी जासूस यांजुन शू चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय में उप निदेशक के पद पर कार्यरत था। मंत्रालय में उसके विभाग के पास विदेशों से खुफिया जानकारियां एकत्रित करने का जिम्मा था।
यूरोप से प्रत्यर्पित कर अमेरिका लाए गए चीन के बड़े जासूस यांजुन शू ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। उसे पिछले माह वॉशिंगटन लाया गया है। उसके खुलासे से पता चला है कि अमेरिका में चीन जमकर जासूसी करा रहा है। इससे दोनों देशों के बीच जारी तनातनी और बढ़ सकती है।
चीनी जासूस यांजुन शू चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय में उप निदेशक के पद पर कार्यरत था। मंत्रालय में उसके विभाग के पास विदेशों से खुफिया जानकारियां एकत्रित करने का जिम्मा था। शू यूरोप में चीन को लाभ पहुंचाने वाली गोपनीय सूचनाएं जुटाने का काम करता था। शू जब यूरोप में जासूसी कर रहा था, तभी वहां की सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया था। उससे पूछताछ में चीन के विदेशी खुफिया नेटवर्क को लेकर कई रहस्य उजागर हुए हैं।
एक अमेरिकी अखबार के मुताबिक नवंबर में संघीय अदालत में पेशी के दौरान अमेरिकी एजेंसियों ने बताया कि शू चीनी नागरिक है। वह मूल रूप से चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के छठे ब्यूरो में बतौर उपनिदेशक कार्यरत था।
इस तरह से शू करता था शू
अमेरिकी न्याय विभाग के असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जी ओसेन ने शू पर लगे आरोपों को कोर्ट के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि शू चीन सरकार का खुफिया अधिकारी है। वह व्यापार से संबंधित गुप्त जानकारियों की चोरी करके उन्हें चीन सरकार के पास भेजता था। उसके आधार पर चीन अपने उद्योगों का आधुनिकीकरण और उनमें फेरबदल करता था। वह अमेरिका में मौजूद चीन के खुफिया एजेंटों को भी निर्देश भेजा करता था और ये एजेंट अमेरिकी उद्योगों से संबंधित उच्च तकनीकों की चोरी करते और उसे चीन भेजते थे।
अमेरिका में 160 अड्डों से जासूसी कर रहे चीनी एजेंट
अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे का कहना है कि अमेरिका में आर्थिक जासूसी 1,300 फीसदी तक बढ़ी है। देश में चीन की खुफिया गतिविधियों पर बीते 21 सालों से नजर रख रहे अमेरिकी थिंक टैंक सीएसआईएस का कहना है कि अमेरिका में चीनी जासूस 160 ठिकानों से जासूसी कर रहे हैं। इनमें 42 फीसदी जासूस चीनी सेना व ड्रैगन के सरकारी विभागों से जुड़े हैं।
विस्तार
यूरोप से प्रत्यर्पित कर अमेरिका लाए गए चीन के बड़े जासूस यांजुन शू ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। उसे पिछले माह वॉशिंगटन लाया गया है। उसके खुलासे से पता चला है कि अमेरिका में चीन जमकर जासूसी करा रहा है। इससे दोनों देशों के बीच जारी तनातनी और बढ़ सकती है।
चीनी जासूस यांजुन शू चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय में उप निदेशक के पद पर कार्यरत था। मंत्रालय में उसके विभाग के पास विदेशों से खुफिया जानकारियां एकत्रित करने का जिम्मा था। शू यूरोप में चीन को लाभ पहुंचाने वाली गोपनीय सूचनाएं जुटाने का काम करता था। शू जब यूरोप में जासूसी कर रहा था, तभी वहां की सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया था। उससे पूछताछ में चीन के विदेशी खुफिया नेटवर्क को लेकर कई रहस्य उजागर हुए हैं।
एक अमेरिकी अखबार के मुताबिक नवंबर में संघीय अदालत में पेशी के दौरान अमेरिकी एजेंसियों ने बताया कि शू चीनी नागरिक है। वह मूल रूप से चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के छठे ब्यूरो में बतौर उपनिदेशक कार्यरत था।
इस तरह से शू करता था शू
अमेरिकी न्याय विभाग के असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जी ओसेन ने शू पर लगे आरोपों को कोर्ट के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि शू चीन सरकार का खुफिया अधिकारी है। वह व्यापार से संबंधित गुप्त जानकारियों की चोरी करके उन्हें चीन सरकार के पास भेजता था। उसके आधार पर चीन अपने उद्योगों का आधुनिकीकरण और उनमें फेरबदल करता था। वह अमेरिका में मौजूद चीन के खुफिया एजेंटों को भी निर्देश भेजा करता था और ये एजेंट अमेरिकी उद्योगों से संबंधित उच्च तकनीकों की चोरी करते और उसे चीन भेजते थे।
अमेरिका में 160 अड्डों से जासूसी कर रहे चीनी एजेंट
अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे का कहना है कि अमेरिका में आर्थिक जासूसी 1,300 फीसदी तक बढ़ी है। देश में चीन की खुफिया गतिविधियों पर बीते 21 सालों से नजर रख रहे अमेरिकी थिंक टैंक सीएसआईएस का कहना है कि अमेरिका में चीनी जासूस 160 ठिकानों से जासूसी कर रहे हैं। इनमें 42 फीसदी जासूस चीनी सेना व ड्रैगन के सरकारी विभागों से जुड़े हैं।
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