वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 18 Dec 2021 11:17 AM IST
सार
इस साल नवंबर के मध्य में दक्षिणी अफ्रीका के बोत्सवाना में वैज्ञानिक एक नए तरीके के वैरिएंट का पता लगाया था। वैज्ञानिकों को स्पाइक प्रोटीन में कई ऐसे म्यूटेशन्स दिखे जो पहले नहीं देखे गए थे। इसके तीन हफ्तों में ही वायरस का ये वैरिएंट 80 से अधिक देशों और अमेरिका के करीब 15 राज्यों में फैल चुका था।
ओमिक्रॉन वैरिएंट
– फोटो : अमर उजाला
दुनिया में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। ऐसे में कई देशों के शोधकर्ताओं ने इसपर अध्ययन शुरू कर दिया है। शोधकर्ता इसकी गंभीरता को पता करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। इसी क्रम में इंपीरियल कॉलेज के शोध में एक बड़ी जानकारी यह सामने आई है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट से अधिक गंभीर हो सकता है क्योंकि इसके कम गंभीर होने का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। शोधकर्ताओं ने कहा कि हम ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों का और भी अधिक विश्लेषण कर रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के डाटा पर भी अध्ययन कर रहे हैं। इस बीच नवीनतम ओमिक्रॉन डाटा की जांच के लिए शनिवार को ब्रिटेन में आज मंत्रियों की एक आपातकालीन बैठक आयोजित की जाएगी। वहीं इससे पहले एक सरकारी सूत्रों ने ओमिक्रॉन को संभावित रूप से सबसे खतरनाक बताया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोरोना वैक्सीन का बूस्टर शॉट्स ओमिक्रॉन से लगभग 85 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं, और मृत्यु के खिलाफ 90 प्रतिशत से अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
ओमिक्रॉन वैरिएंट का पुन: संक्रमण दर डेल्टा से अधिक
इंपीरियल कॉलेज के एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का पुन: संक्रमण दर डेल्टा वैरिएंट की तुलना में पांच गुना अधिक है। इसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन के साथ पुन: संक्रमण के खिलाफ पिछले संक्रमण की तुलना में सुरक्षा 19 फीसदी तक कम हो सकती है। इंपीरियल कॉलेज लंदन द्वारा किया गया अध्ययन यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा डेटा पर आधारित था , हालांकि अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है। इसके अलावा, अध्ययन में उन लोगों के लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा की तुलना में अधिक खतरनाक है जिन्होंने अभी तक कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है या बूस्टर खुराक नहीं लगवाया है।
विस्तार
दुनिया में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। ऐसे में कई देशों के शोधकर्ताओं ने इसपर अध्ययन शुरू कर दिया है। शोधकर्ता इसकी गंभीरता को पता करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। इसी क्रम में इंपीरियल कॉलेज के शोध में एक बड़ी जानकारी यह सामने आई है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट से अधिक गंभीर हो सकता है क्योंकि इसके कम गंभीर होने का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। शोधकर्ताओं ने कहा कि हम ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों का और भी अधिक विश्लेषण कर रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के डाटा पर भी अध्ययन कर रहे हैं। इस बीच नवीनतम ओमिक्रॉन डाटा की जांच के लिए शनिवार को ब्रिटेन में आज मंत्रियों की एक आपातकालीन बैठक आयोजित की जाएगी। वहीं इससे पहले एक सरकारी सूत्रों ने ओमिक्रॉन को संभावित रूप से सबसे खतरनाक बताया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोरोना वैक्सीन का बूस्टर शॉट्स ओमिक्रॉन से लगभग 85 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं, और मृत्यु के खिलाफ 90 प्रतिशत से अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
ओमिक्रॉन वैरिएंट का पुन: संक्रमण दर डेल्टा से अधिक
इंपीरियल कॉलेज के एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का पुन: संक्रमण दर डेल्टा वैरिएंट की तुलना में पांच गुना अधिक है। इसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन के साथ पुन: संक्रमण के खिलाफ पिछले संक्रमण की तुलना में सुरक्षा 19 फीसदी तक कम हो सकती है। इंपीरियल कॉलेज लंदन द्वारा किया गया अध्ययन यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा डेटा पर आधारित था , हालांकि अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है। इसके अलावा, अध्ययन में उन लोगों के लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा की तुलना में अधिक खतरनाक है जिन्होंने अभी तक कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है या बूस्टर खुराक नहीं लगवाया है।
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