वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Fri, 11 Feb 2022 11:19 PM IST
सार
तालिबान लगातार अमेरिका और अन्य सरकारों से अपील कर रहा है कि वे अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंकों की संपत्ति से जुटाए जाने वाले फंड्स को रिलीज करें, ताकि अफगान नागरिकों को मदद पहुंचाई जा सके।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से ही काबुल के केंद्रीय बैंक के फंड्स को फ्रीज कर रखा है।
– फोटो : पीटीआई
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विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक विशेष कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर अफगानिस्तान के बैंकों की जब्त की गई संपत्ति का एक हिस्सा अमेरिका के 9/11 पीड़ितों के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अगस्त में तालिबान का राज आने के बाद अमेरिकी प्रशासन ने विदेशी संस्थानों और सरकारों पर दबाव डालकर अफगान केंद्रीय बैंकों की विदेश में मौजूद 10 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति को फ्रीज कर दिया था। इनमें से सात अरब डॉलर की संपत्ति अमेरिका ने ही जब्त की थी।
तालिबान लगातार अमेरिका और अन्य सरकारों से अपील कर रहा है कि वे अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंकों की संपत्ति से जुटाए जाने वाले फंड्स को रिलीज करें, ताकि अफगान नागरिकों को मदद पहुंचाई जा सके। हालांकि, बाइडन प्रशासन ने तालिबान की मांग को पूरी तरह ठुकराते हुए फंड्स को अपने देश के लोगों के इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
क्या है अमेरिकी सरकार का फैसला?
बाइडन प्रशासन का फैसला है कि वह अफगानिस्तान से जब्त हुई सात अरब डॉलर की संपत्ति से जो फंड्स जुटाएगा, उनमें से आधे यानी 3.5 अरब डॉलर को 9/11 हमलों के पीड़ितों के परिवारों को मुहैया कराएगा। इसके बाद बची आधी राशि अफगानिस्तान को मानवीय मदद के तौर पर पहुंचाई जा सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया है कि फेडरल रिजर्व द्वारा जब्त की गई अफगानिस्तान की 3.5 अरब डॉलर की संपत्ति को अफगानिस्तान के भविष्य और अफगान लोगों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की जाएगी। हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि यह मदद अफगान लोगों तक कैसे पहुंचाई जाएगी।
बाइडन ने खारिज की अफगानिस्तान से बाहर निकलने संबंधी सेना की रिपोर्ट
वाशिंगटन। राष्ट्रपति जो बाइडन ने सेना की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि व्हाइट हाउस और विदेश मंत्रालय ने मिलकर रक्षा मंत्रालय को अफगानिस्तान स्थित दूतावास से अपने कर्मियों और अपने सहयोगियों की सुरक्षित निकालने के लिए एक बेहतर योजना बनाने का दबाव बनाया था। रिपोर्ट के मुताबिक ये तालिबान के काबुल कब्जे से करीब एक सप्ताह पहले किया गया था। बाइडन ने एक इंटरव्यू में एनबीसी न्यूज से कहा कि वे इस रिपोर्ट को नहीं मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वो सेना की जांच रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों की इज्जत करते हैं। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान से बाहर निकलने को कोई अच्छा समय नहीं था और न ही कोई ऐसा विकल्प था जिससे अफगानिस्तान को एकजुट किया जा सकता है।