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अमेरिका: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से निजता के मुकदमे के तहत होगी पूछताछ, जानकारी को अवैध रूप से ट्रैक करने का आरोप

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: ओम. प्रकाश
Updated Wed, 29 Dec 2021 04:47 AM IST

सार

जून 2020 में दायर मुकदमे में उपयोगकर्ताओं ने गूगल पर इंटरनेट के इस्तेमाल को ट्रैक करके उनकी गोपनीयता पर अवैध रूप से आक्रमण करने का आरोप लगाया, जबकि गूगल क्रोम ब्राउजर निजी मोड में सेट किए गए थे।

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गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से एक निजता के मुकदमे के तहत पूछताछ की जा सकती है। वादी द्वारा दायर किए गए मुकदमे पर सुनवाई करते हुए कैलिफोर्निया के एक संघीय न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है। वादी ने इंटरनेट के इस्तेमाल को अवैध रूप से ट्रैक करने का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर जज गूगल सीईओ सुंदर पिचाई से दो घंटे तक पूछताछ कर सकते हैं।

सोमवार को कैलीफोर्नियां के सैन जोस में अपने आदेश में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश सुसान वैन केयूलेन ने कहा, कुछ दस्तावेज के जरिए पता चलता है कि विशिष्ट प्रासंगिक जानकारी सुंदर पिचाई की तरफ से साझा की गई। इसलिए वादी के वकीलों की तरफ से अनुरोध किया गया और उन्होंने उनसे पूछताछ की। गूगल की तरफ से पहले यह कहते हुए स्पष्ट किया गया है कि गुप्त केवल डेटा को इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले के डिवाइस में सेव करने से रोकता है।

जून 2020 में दायर किया गया था मुकदमा
जून 2020 में दायर मुकदमे में उपयोगकर्ताओं ने गूगल पर इंटरनेट के इस्तेमाल को ट्रैक करके उनकी गोपनीयता पर अवैध रूप से आक्रमण करने का आरोप लगाया, जबकि गूगल क्रोम ब्राउजर निजी मोड में सेट किए गए थे। वादी तर्क दे रहे हैं कि सुंदर पिचाई को क्रोमा ब्राउजर और प्राइवेसी से संबंधित चीजों का काफी ज्ञान है। 

गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने दिया बयान
गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने समाचार एजेंसी रॉयटर से कहा, वादी के आरोप अनुचित थे, हम इस मामले में उनके दावों का जोरदार विरोध करते हैं, हमने उनके कई अनुरोधों के लिए सहयोग किया है, हम अपने पक्ष का सख्ती से बचाव करेंगे। 2019 में पिचाई को चेतावनी दी गई थी कि कंपनी के गुप्त ब्राउजिंग मोड को निजी रूप में वर्णित करना समस्याग्रस्त था।

विस्तार

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से एक निजता के मुकदमे के तहत पूछताछ की जा सकती है। वादी द्वारा दायर किए गए मुकदमे पर सुनवाई करते हुए कैलिफोर्निया के एक संघीय न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है। वादी ने इंटरनेट के इस्तेमाल को अवैध रूप से ट्रैक करने का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर जज गूगल सीईओ सुंदर पिचाई से दो घंटे तक पूछताछ कर सकते हैं।

सोमवार को कैलीफोर्नियां के सैन जोस में अपने आदेश में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश सुसान वैन केयूलेन ने कहा, कुछ दस्तावेज के जरिए पता चलता है कि विशिष्ट प्रासंगिक जानकारी सुंदर पिचाई की तरफ से साझा की गई। इसलिए वादी के वकीलों की तरफ से अनुरोध किया गया और उन्होंने उनसे पूछताछ की। गूगल की तरफ से पहले यह कहते हुए स्पष्ट किया गया है कि गुप्त केवल डेटा को इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले के डिवाइस में सेव करने से रोकता है।

जून 2020 में दायर किया गया था मुकदमा

जून 2020 में दायर मुकदमे में उपयोगकर्ताओं ने गूगल पर इंटरनेट के इस्तेमाल को ट्रैक करके उनकी गोपनीयता पर अवैध रूप से आक्रमण करने का आरोप लगाया, जबकि गूगल क्रोम ब्राउजर निजी मोड में सेट किए गए थे। वादी तर्क दे रहे हैं कि सुंदर पिचाई को क्रोमा ब्राउजर और प्राइवेसी से संबंधित चीजों का काफी ज्ञान है। 

गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने दिया बयान

गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने समाचार एजेंसी रॉयटर से कहा, वादी के आरोप अनुचित थे, हम इस मामले में उनके दावों का जोरदार विरोध करते हैं, हमने उनके कई अनुरोधों के लिए सहयोग किया है, हम अपने पक्ष का सख्ती से बचाव करेंगे। 2019 में पिचाई को चेतावनी दी गई थी कि कंपनी के गुप्त ब्राउजिंग मोड को निजी रूप में वर्णित करना समस्याग्रस्त था।

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