एजेंसी, वाशिंगटन/काबुल
Published by: Kuldeep Singh
Updated Sun, 05 Dec 2021 05:59 AM IST
तालिबान का सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा
– फोटो : एएनआई
तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंजादा ने महिलाओं को संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल नहीं करने और शादी के लिए मजबूर नहीं करने का एलान किया है। शुक्रवार को अखुंजादा की घोषणा के बारे में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया कि महिलाएं कोई संपत्ति नहीं है, बल्कि स्वतंत्र इंसान हैं। शांति समझौते या दुश्मनी खत्म करने के बदले कोई महिलाओं का संपत्ति का तरह इस्तेमाल नहीं कर सकता।
अखुंजादा का एलान महिलाओं का संपत्ति की तरह नहीं होगा इस्तेमाल
इसके साथ ही अखुंजादा ने पति की मृत्यु के 17 सप्ताह बाद विधवाओं को पुनर्विवाह की अनुमति देने का भी एलान किया। इस्लामिक कानूनों के आधार पर चलने वाले तालिबान के शासन में अब तक जबरन विवाह आम बात रही है। खुद तालिबान भी अब तक महिलाओं को संपत्ति की तरह मानता आया है।
बहरहाल, सर्वोच्च नेता के आदेश के बाद तालिबान ने सभी अदालतों को भी महिलाओं के हकों के मामलों की प्राथमिकता से सुनवाई करने का निर्देश दिया है। हालांकि, तालिबान ने अभी तक सात से 12वीं कक्षा की हजारों लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा महिलाओं को काम करने की इजाजत भी नहीं है।
आतंकवाद रोकने के लिए उठाने होंगे कदम
अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत थॉमस वेस्ट ने तालिबान के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि अभी अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को लेकर काफी सुधारों की दरकार है। खासतौर पर लड़कियों के स्कूल जाने और महिलाओं के कामकाज करने को लेकर तालिबान को प्रयास करने होंगे। इसके अलावा आतंकवाद को समर्थन ऐसा मुद्दा है, जिसे किसी भी कीमत पर दरकिनार नहीं किया जा सकता।
तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंजादा ने महिलाओं को संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल नहीं करने और शादी के लिए मजबूर नहीं करने का एलान किया है। शुक्रवार को अखुंजादा की घोषणा के बारे में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया कि महिलाएं कोई संपत्ति नहीं है, बल्कि स्वतंत्र इंसान हैं। शांति समझौते या दुश्मनी खत्म करने के बदले कोई महिलाओं का संपत्ति का तरह इस्तेमाल नहीं कर सकता।
अखुंजादा का एलान महिलाओं का संपत्ति की तरह नहीं होगा इस्तेमाल
इसके साथ ही अखुंजादा ने पति की मृत्यु के 17 सप्ताह बाद विधवाओं को पुनर्विवाह की अनुमति देने का भी एलान किया। इस्लामिक कानूनों के आधार पर चलने वाले तालिबान के शासन में अब तक जबरन विवाह आम बात रही है। खुद तालिबान भी अब तक महिलाओं को संपत्ति की तरह मानता आया है।
बहरहाल, सर्वोच्च नेता के आदेश के बाद तालिबान ने सभी अदालतों को भी महिलाओं के हकों के मामलों की प्राथमिकता से सुनवाई करने का निर्देश दिया है। हालांकि, तालिबान ने अभी तक सात से 12वीं कक्षा की हजारों लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी है। इसके अलावा महिलाओं को काम करने की इजाजत भी नहीं है।
आतंकवाद रोकने के लिए उठाने होंगे कदम
अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत थॉमस वेस्ट ने तालिबान के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि अभी अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को लेकर काफी सुधारों की दरकार है। खासतौर पर लड़कियों के स्कूल जाने और महिलाओं के कामकाज करने को लेकर तालिबान को प्रयास करने होंगे। इसके अलावा आतंकवाद को समर्थन ऐसा मुद्दा है, जिसे किसी भी कीमत पर दरकिनार नहीं किया जा सकता।
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