वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काबुल
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 03 Jan 2022 09:43 PM IST
सार
देश की खुफिया एजेंसी के महानिदेशालय (जीडीआई) ने एक वीडियो फुटेज जारी करते हुए दिखाया है कि राजधानी काबुल में छापेमारी के दौरान उसके एजेंट बैरल में रखी शराब जब्त कर उसे नहर में बहा रहे हैं। एजेंसी द्वारा पोस्ट में एक ट्वीट खुफिया अफसर ने कहा, मुसलमानों को शराब बनाने और उसकी डिलीवरी से गंभीरतापूर्वक दूर रहना चाहिए।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
देश की खुफिया एजेंसी के महानिदेशालय (जीडीआई) ने एक वीडियो फुटेज जारी करते हुए दिखाया है कि राजधानी काबुल में छापेमारी के दौरान उसके एजेंट बैरल में रखी शराब जब्त कर उसे नहर में बहा रहे हैं। एजेंसी द्वारा पोस्ट में एक ट्वीट खुफिया अफसर ने कहा, मुसलमानों को शराब बनाने और उसकी डिलीवरी से गंभीरतापूर्वक दूर रहना चाहिए।
फुटेज से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छापेमारी कब की गई या शराब नहर में बहाकर कब नष्ट की गई है। लेकिन एजेंसी ने एक बयान में कहा कि इस अभियान के दौरान तीन डीलरों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि अफगानिस्तान में पिछली तालिबान सरकार में भी शराब बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया था। देश में शराब बिक्री अशरफ गनी सरकार में भी प्रतिबंधित थी लेकिन अब इस पर और अधिक पाबंदियां लगाई गई हैं।
महिलाएं नहीं नहा सकेंगी सार्वजनिक स्नानागारों में
तालिबान ने सोमवार को उत्तरी बल्ख सीमा से लगे उज्बेकिस्तान प्रांत में महिलाओं के सभी सार्वजनिक स्नानागारों को बंद करने की घोषणा की। द खामा प्रेस ने बताया कि इस्लामी अमीरात के देश में जड़ें जमाने के साथ महिलाओं पर खासतौर पर पाबंदियां शुरू हो गई हैं। महिलाओं के लिए स्नानागारों को बंद करने का एलान सूबे में सदाचार व रोकथाम के प्रचार निदेशालय के धार्मिक विद्वानों तथा प्रांतीय अफसरों ने सर्वसम्मति से लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, नए फैसले के आधार पर महिलाएं इस्लामी हिजाब का पालन करते हुए सिर्फ निजी स्नानगृह में ही नहा सकती हैं। बता दें कि देश में निजी स्नानागार न होने के चलते महिलाओं के लिए अलग सार्वजनिक स्नानागारों की परंपरा है। इससे पहले पश्चिमी हेरात प्रांत में भी सार्वजनिक स्नानागार अस्थायी रूप से बंद किए जा चुके हैं।
समावेशी होने पर ही तालिबान को देंगे मान्यता: ईरान
ईरान ने कहा है कि अफगानिस्तान की मौजूदा तालिबान सरकार (इस्लामी अमीरात) को वह तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक वह समावेशी नहीं हो। ईरान के राजदूत बहादुर अमीनियन ने काबुल में तोलो न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि यदि तालिबान अपनी सरकार के ढांचे में सुधार लाता है तो ईरान अन्य देशों को भी अफगानिस्तान सरकार को मान्यता देने के लिए राजी कर सकता है। उन्होंने कहा, यदि कोई सत्ता में आकर एक ही जातीय समूह को अपनी सरकार में शामिल करता है और दूसरे जातीय समूहों को सरकार में शामिल नहीं करता तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।