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अपराध: 64 साल के दादा ने किया पोते का यौन शोषण, मिली 73 साल की सजा 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 21 Mar 2022 11:08 PM IST

सार

यह घटना 2019 में हुई थी। घटना तब सामने आई जब बच्चे की दादी ने अपराध देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। आरोपी को अन्य रिश्तेदारों ने बचाने की कोशिश की थी। 

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केरल के इडुक्की की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने तीन साल पहले अपने सात साल के पोते का यौन शोषण करने के आरोपी 64 वर्षीय व्यक्ति को 73 साल की जेल और 1,60,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी को कम से कम बीस साल जेल की सजा काटनी होगी क्योंकि सजा की अवधि साथ-साथ चलेगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज पी जी वर्गीज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी ऐसे अपराधों की जांच के लिए किसी सहानुभूति का पात्र नहीं है।

घटना 2019 में हुई थी 
अभियोजन पक्ष के अनुसार यह घटना 2019 में हुई थी। घटना तब सामने आई जब बच्चे की दादी (आरोपी की पत्नी) ने अपराध देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। बाद में मेडिकल रिपोर्ट ने यौन हमले की पुष्टि की और उसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।

अदालत में मुकरे रिश्तेदार 
मुकदमे के दौरान बच्चे के पिता और कुछ अन्य रिश्तेदार आरोपी को बचाने के लिए बयानों से मुकर गए लेकिन अदालत ने इंसाफ दिलाने के लिए पहले के बयानों और मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा किया। जुर्माने के अलावा अदालत ने कानूनी सेवा प्राधिकरण को बच्चे को सही मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।

मामले में लोक अभियोजक सनेश एस एस ने कहा कि आरोपी को पॉक्सो की तीन धाराओं के तहत 20-20 साल और बार-बार अपराध के लिए 10 साल और धारा 377 के तहत तीन साल की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब दोषी को राज्य में इतनी बड़ी सजा दी गई है।

विस्तार

केरल के इडुक्की की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने तीन साल पहले अपने सात साल के पोते का यौन शोषण करने के आरोपी 64 वर्षीय व्यक्ति को 73 साल की जेल और 1,60,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी को कम से कम बीस साल जेल की सजा काटनी होगी क्योंकि सजा की अवधि साथ-साथ चलेगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज पी जी वर्गीज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी ऐसे अपराधों की जांच के लिए किसी सहानुभूति का पात्र नहीं है।

घटना 2019 में हुई थी 

अभियोजन पक्ष के अनुसार यह घटना 2019 में हुई थी। घटना तब सामने आई जब बच्चे की दादी (आरोपी की पत्नी) ने अपराध देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। बाद में मेडिकल रिपोर्ट ने यौन हमले की पुष्टि की और उसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।

अदालत में मुकरे रिश्तेदार 

मुकदमे के दौरान बच्चे के पिता और कुछ अन्य रिश्तेदार आरोपी को बचाने के लिए बयानों से मुकर गए लेकिन अदालत ने इंसाफ दिलाने के लिए पहले के बयानों और मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा किया। जुर्माने के अलावा अदालत ने कानूनी सेवा प्राधिकरण को बच्चे को सही मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।

मामले में लोक अभियोजक सनेश एस एस ने कहा कि आरोपी को पॉक्सो की तीन धाराओं के तहत 20-20 साल और बार-बार अपराध के लिए 10 साल और धारा 377 के तहत तीन साल की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब दोषी को राज्य में इतनी बड़ी सजा दी गई है।

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