वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Wed, 29 Dec 2021 07:45 PM IST
सार
दुनिया में अंगूर के पौधों की खेती के लिहाज से चीन तीसरे नंबर पर है। अब जिस तेजी से यहां अंगूर से वाइन बनाने का कारोबार बढ़ रहा है, उसे देखते हुए अनुमान लगाया गया है कि चीन जल्द ही बेहतरीन वाइन के एक बड़े उपभोक्ता के साथ-साथ बड़ा निर्यातक भी बन जाएगा…
चीन में अब देशी शराब की पसंद बढ़ रही है। इसकी वजह से देश के तुरपन इलाके में अंगूर के बगानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उस क्षेत्र में अंगूर से वाइन बनाने वाले कारखानों की संख्या 2015 के बाद दोगुनी हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि आधुनिक चीन में बाइजिउ जैसे स्पीरिट वाले ड्रिंक्स का ज्यादा शौक रहा। लेकिन अब चीनियों को देशी वाइन का चस्का लग गया है।
चाइना एल्कोहलिक ड्रिंक्स एसोसिएशन के मुताबिक 2020 में प्रीमियम वाइन की खपत 27 फीसदी बढ़ी। इस वाइन की एक बोतल की कीमत 600 युवान यानी लगभग 94 डॉलर है। एसोसिएशन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 2020 में कोविड-19 महामारी की वजह से बार-बार लगे लॉकडाउन के बावजूद देशी वाइन की मांग बढ़ती चली गई।
साधारण वाइन की मांग घटी
जर्मनी की कारोबार संबंधी आंकड़े मुहैया कराने वाली एजेंसी स्टैटिस्ता के कंसल्टैंट मा यिहान ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा कि इस नए चलन की वजह से साधारण वाइन की मांग बहुत घट गई है। उधर ब्रिटिश मार्केट रिसर्च कंपनी ग्लोबल डेटा के मुताबिक चीनी उपभोक्ताओं की बदली पसंद के कारण 2024 तक देश में प्रीमियम वाइन की खपत में 100 फीसदी का इजाफा होने का अनुमान है। शंघाई स्थित वाइन विशेषज्ञ टेरी शू ने कहा है- ‘अब फैशन देश में बनी वाइन की बोतल को अपने डिनर टेबल रखने का है।’
दुनिया में अंगूर के पौधों की खेती के लिहाज से चीन तीसरे नंबर पर है। अब जिस तेजी से यहां अंगूर से वाइन बनाने का कारोबार बढ़ रहा है, उसे देखते हुए अनुमान लगाया गया है कि चीन जल्द ही बेहतरीन वाइन के एक बड़े उपभोक्ता के साथ-साथ बड़ा निर्यातक भी बन जाएगा। अंगूर की बेल और वाइन के कारोबार से जुड़ी एक पेरिस स्थित संस्था के मुताबिक ये घटनाक्रम चीनी लोगों के नजरिए में आए एक बड़े बदलाव का संकेत है। परंपरागत रूप से चीनी यूरोपीय शराब के शौकीन रहे हैं।
बिकने वाली हर दस बोतल में आठ रेड वाइन की
स्टैटिस्ता के मुताबिक चीन में अभी हाल तक वाइन की बिकने वाली हर दस बोतल में आठ रेड वाइन की होती थीं। ये वाइन यूरोपीय अंगूर से बनी होती हैं। लेकिन चीन के वाइन उद्योग ने जानकारों की राय पर ध्यान दिया। मसलन, बीजिंग स्थित चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में फ्रूट ट्री विज्ञान के प्रोफेसर मा हुइचिन ने कहा था कि अगर चीनी शराब निर्माता अपने कारोबार में दीर्घकालिक वृद्धि चाहते हैं, तो उन्हें नौजवानों की पसंद के मुताबिक अधिक लाइट और अधिक स्वीट ड्रिंक्स का उत्पादन करना होगा। अब ऐसे ड्रिंक्स का यहां काफी उत्पादन हो रहा है।
शराब उद्योग संबंधी पत्रिका एशियन वाइन रिव्यू ने हाल में अपने पाठकों के बीच एक प्रतिस्पर्धा आयोजित की। उसमें एशिया में बनने वाले वाइन के बारे में उनकी राय पूछी गई। उसमें जो नाम सबसे ऊपर रहे, उनमें दो चीन में निर्मित आइस वाइन के रहे। उधर शंघाई स्थित मार्केट रिसर्च विशेषज्ञ मैथ्यू डेविड एक्सपर्टन ने कहा है कि वाइन निर्माता सोशल मीडिया के ट्रेंड्स को भी ध्यान में रख रहे हैं। इन ट्रेंड्स के मुताबिक चीन में बने स्वीट वाइन अब नौजवानों के बीच खूब लोकप्रिय हैं।
विस्तार
चीन में अब देशी शराब की पसंद बढ़ रही है। इसकी वजह से देश के तुरपन इलाके में अंगूर के बगानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उस क्षेत्र में अंगूर से वाइन बनाने वाले कारखानों की संख्या 2015 के बाद दोगुनी हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि आधुनिक चीन में बाइजिउ जैसे स्पीरिट वाले ड्रिंक्स का ज्यादा शौक रहा। लेकिन अब चीनियों को देशी वाइन का चस्का लग गया है।
चाइना एल्कोहलिक ड्रिंक्स एसोसिएशन के मुताबिक 2020 में प्रीमियम वाइन की खपत 27 फीसदी बढ़ी। इस वाइन की एक बोतल की कीमत 600 युवान यानी लगभग 94 डॉलर है। एसोसिएशन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 2020 में कोविड-19 महामारी की वजह से बार-बार लगे लॉकडाउन के बावजूद देशी वाइन की मांग बढ़ती चली गई।
साधारण वाइन की मांग घटी
जर्मनी की कारोबार संबंधी आंकड़े मुहैया कराने वाली एजेंसी स्टैटिस्ता के कंसल्टैंट मा यिहान ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा कि इस नए चलन की वजह से साधारण वाइन की मांग बहुत घट गई है। उधर ब्रिटिश मार्केट रिसर्च कंपनी ग्लोबल डेटा के मुताबिक चीनी उपभोक्ताओं की बदली पसंद के कारण 2024 तक देश में प्रीमियम वाइन की खपत में 100 फीसदी का इजाफा होने का अनुमान है। शंघाई स्थित वाइन विशेषज्ञ टेरी शू ने कहा है- ‘अब फैशन देश में बनी वाइन की बोतल को अपने डिनर टेबल रखने का है।’
दुनिया में अंगूर के पौधों की खेती के लिहाज से चीन तीसरे नंबर पर है। अब जिस तेजी से यहां अंगूर से वाइन बनाने का कारोबार बढ़ रहा है, उसे देखते हुए अनुमान लगाया गया है कि चीन जल्द ही बेहतरीन वाइन के एक बड़े उपभोक्ता के साथ-साथ बड़ा निर्यातक भी बन जाएगा। अंगूर की बेल और वाइन के कारोबार से जुड़ी एक पेरिस स्थित संस्था के मुताबिक ये घटनाक्रम चीनी लोगों के नजरिए में आए एक बड़े बदलाव का संकेत है। परंपरागत रूप से चीनी यूरोपीय शराब के शौकीन रहे हैं।
बिकने वाली हर दस बोतल में आठ रेड वाइन की
स्टैटिस्ता के मुताबिक चीन में अभी हाल तक वाइन की बिकने वाली हर दस बोतल में आठ रेड वाइन की होती थीं। ये वाइन यूरोपीय अंगूर से बनी होती हैं। लेकिन चीन के वाइन उद्योग ने जानकारों की राय पर ध्यान दिया। मसलन, बीजिंग स्थित चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में फ्रूट ट्री विज्ञान के प्रोफेसर मा हुइचिन ने कहा था कि अगर चीनी शराब निर्माता अपने कारोबार में दीर्घकालिक वृद्धि चाहते हैं, तो उन्हें नौजवानों की पसंद के मुताबिक अधिक लाइट और अधिक स्वीट ड्रिंक्स का उत्पादन करना होगा। अब ऐसे ड्रिंक्स का यहां काफी उत्पादन हो रहा है।
शराब उद्योग संबंधी पत्रिका एशियन वाइन रिव्यू ने हाल में अपने पाठकों के बीच एक प्रतिस्पर्धा आयोजित की। उसमें एशिया में बनने वाले वाइन के बारे में उनकी राय पूछी गई। उसमें जो नाम सबसे ऊपर रहे, उनमें दो चीन में निर्मित आइस वाइन के रहे। उधर शंघाई स्थित मार्केट रिसर्च विशेषज्ञ मैथ्यू डेविड एक्सपर्टन ने कहा है कि वाइन निर्माता सोशल मीडिया के ट्रेंड्स को भी ध्यान में रख रहे हैं। इन ट्रेंड्स के मुताबिक चीन में बने स्वीट वाइन अब नौजवानों के बीच खूब लोकप्रिय हैं।
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