पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 06 Dec 2021 10:45 PM IST
सार
अदालत ने सेना के अधिकारियों की उनके ईमानदार प्रयासों और निष्पक्ष व उद्देश्यपूर्ण तरीके से कार्य करने के लिए प्रशंसा की।
भारतीय सेना की महिला अधिकारी
– फोटो : PTI
केंद्र और सेना के अधिकारियों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पिछले साल के फैसले के बाद 615 में से 487 महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों (WSSCO) को स्थायी कमीशन दिया गया है। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे को निष्पक्ष तरीके से हल करने के लिए थल सेनाध्यक्ष सहित सभी संबंधित अधिकारियों की प्रशंसा की। साथ ही निर्देश दिया कि 12 महिला अधिकारियों जिन्हें कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान सेवा से मुक्त कर दिया गया था, उन्हें सेवा जारी रखने के लायक समझते हुए स्थायी कमीशन प्रदान किया जाना चाहिए।
अदालत ने सेना अधिकारियों की प्रशंसा की
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने सेना के अधिकारियों की उनके ईमानदार प्रयासों और निष्पक्ष व उद्देश्यपूर्ण तरीके से कार्य करने के लिए प्रशंसा की। अदालत ने कहा कि यह सशस्त्र बलों में एक नए युग की शुरुआत है। इस कार्यवाही में सेना के अधिकारी बहुत ही निष्पक्ष रहे हैं। मानसिकता में पूरी तरह परिवर्तन आया है। हम महिला अधिकारियों के बारे में नौसेना प्रमुख के हालिया बयान पढ़ रहे हैं कि इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है और युद्धपोतों पर तैनात किया जा रहा है। यह सशस्त्र बलों में एक नए युग की शुरुआत कर रहा है।
सुनवाई के दौरान केंद्र और सेना के अधिकारियों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन और वरिष्ठ अधिवक्ता आर बालसुब्रमण्यम ने कहा कि डब्लूएसएससीओ से संबंधित पूरे विवाद का समाधान करने की गंभीर इच्छा है। जिन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया, उसका आखिरकार समाधान निकाला गयाा।
विस्तार
केंद्र और सेना के अधिकारियों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पिछले साल के फैसले के बाद 615 में से 487 महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों (WSSCO) को स्थायी कमीशन दिया गया है। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे को निष्पक्ष तरीके से हल करने के लिए थल सेनाध्यक्ष सहित सभी संबंधित अधिकारियों की प्रशंसा की। साथ ही निर्देश दिया कि 12 महिला अधिकारियों जिन्हें कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान सेवा से मुक्त कर दिया गया था, उन्हें सेवा जारी रखने के लायक समझते हुए स्थायी कमीशन प्रदान किया जाना चाहिए।
अदालत ने सेना अधिकारियों की प्रशंसा की
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने सेना के अधिकारियों की उनके ईमानदार प्रयासों और निष्पक्ष व उद्देश्यपूर्ण तरीके से कार्य करने के लिए प्रशंसा की। अदालत ने कहा कि यह सशस्त्र बलों में एक नए युग की शुरुआत है। इस कार्यवाही में सेना के अधिकारी बहुत ही निष्पक्ष रहे हैं। मानसिकता में पूरी तरह परिवर्तन आया है। हम महिला अधिकारियों के बारे में नौसेना प्रमुख के हालिया बयान पढ़ रहे हैं कि इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है और युद्धपोतों पर तैनात किया जा रहा है। यह सशस्त्र बलों में एक नए युग की शुरुआत कर रहा है।
सुनवाई के दौरान केंद्र और सेना के अधिकारियों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन और वरिष्ठ अधिवक्ता आर बालसुब्रमण्यम ने कहा कि डब्लूएसएससीओ से संबंधित पूरे विवाद का समाधान करने की गंभीर इच्छा है। जिन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया, उसका आखिरकार समाधान निकाला गयाा।
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