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UP Election Result 2022: मुनव्वर राणा की बेटी, खुशी दुबे की बहन, पूजा शुक्ला और आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय में से किसने बचाई जमानत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 11 Mar 2022 12:27 AM IST

सार

इन चर्चित उम्मीदवारों में योगी की वापसी पर यूपी छोड़ने की धमकी देने वाले उर्दू कवि मुनव्वर राणा की बेटी और कांग्रेस उम्मीदवार उरूसा राणा, बिकरु कांड के कुख्यात विकास दुबे के सहयोगी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की बहन कांग्रेस उम्मीदवार नेहा तिवारी, सीएम योगी को काला झंडा दिखाकर चर्चा में आने वाली लखनऊ नॉर्थ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पूजा शुक्ला और शाहजहांपुर से कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय के नाम शामिल हैं।

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पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। भाजपा ने चार राज्यों में सत्ता में धमाकेदार वापसी की है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को एक बार फिर प्रचंड बहुमत मिला है और योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में वापसी की है। इस बीच हम आपको कुछ ऐसे चर्चित उम्मीदवारों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें से कई अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।

पूजा शुक्ला ने भाजपा प्रत्याशी को दी कड़ी टक्कर
इन चार उम्मीदवारों में सिर्फ समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पूजा शुक्ला ने बढ़िया प्रदर्शन किया। पूजा शुक्ला को कुल 1,05,206 (40.29 प्रतिशत) वोट मिले। लखनऊ नॉर्थ विधानसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा विधायक डॉ. नीरज बोरा और समाजवादी पार्टी की पूजा शुक्ला के बीच कांटे की टक्कर गुरुवार सुबह से ही चल रही थी। पहले ही राउंड से बढ़त बनाकर समाजवादी पार्टी की युवा नेत्री पूजा शुक्ला ने नीरज बोरा के साथ सभी को चौंका दिया था। पूजा शुक्ला पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही थीं और नीरज बोरा पर कई बार 20 हजार वोटों तक की बढ़त बनाए रखा। आखिरी के कुछ राउंड में नीरज बोरा ने अच्छी वापसी की और 33,953 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। 

उरूसा राणा का क्या हुआ?
‘योगी जीत गए तो उत्तर प्रदेश छोड़ दूंगा’ कहने वाले उर्दू कवि मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा राणा को जनता ने बहुत ही बुरा झटका दिया है। उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले हैं। उरूसा उन्नाव की पुरवा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार थीं। उरूसा अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं। उन्हें मात्र 1878 (0.73 प्रतिशत) वोट मिले।

खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी नहीं बचा पाईं जमानत
यूपी चुनाव में कांग्रेस ने एलान किया था कि कल्याणपुर विधानसभा सीट से खुशी दुबे की मां गायत्री को उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन बाद में गायत्री तिवारी की नामांकन प्रक्रिया में कुछ दिक्कतों की वजह से खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया था। नेहा तिवारी की पहचान के लिए आपको बिकरु कांड की याद दिलाना जरूरी है। बिकरु कांड बात करें तो पुलिस ने कुख्यात विकास दुबे के खास आदमी अमर दुबे को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था। उसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी। बाद में उसकी पत्नी खुशी दुबे को भी आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया था। इस कार्रवाई पर खूब बवाल हुआ था और बसपा से लेकर कांग्रेस तक सभी ने इसका विरोध किया था। बाद में प्रियंका गांधी ने खुशी के परिवार से मुलाकात की थी और उनकी मां को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया था। लेकिन पेंच फंस गया है और नेहा तिवारी को कल्याणपुर से कांग्रेस ने प्रत्याशी बना दिया। कल्याणपुर से भाजपा प्रत्याशी नीलीमा कटियार ने जीत दर्ज की है, जबकि नेहा तिवारी को मात्र 2302 (1.23 प्रतिशत) वोट मिले। नेहा अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं।

आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय की जमानत जब्त
यूपी चुनावों के लिए कांग्रेस ने पहली सूची में 50 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इनमें इनमें से कई महिलाएं ऐसी भी थीं, जिनका राजनीति और चुनाव लड़ने का कोई इतिहास नहीं था। ऐसी ही एक प्रत्याशी आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय भी थीं, जिन्हें कांग्रेस ने शाहजहांपुर से चुनावी मैदान में उतारा था।

शाहजहांपुर की आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय ने मानदेय बढ़ाने को लेकर अन्य कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया था। इसी वजह से वह सोशल मीडिया पर चर्चा में थीं। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब शाहजहांपुर आए थे उस वक्त आशा वर्कर अपनी मांगपत्र देने के लिए आगे आईं तो यूपी पुलिस द्वारा इनको रोका गया था। कथित तौर पर यूपी पुलिस ने आशा बहुओं को सीएम योगी से मिलने से रोका और उनके साथ हिंसक व्यवहार किया। पुलिस ने आशा वर्कर की पिटाई की, जिसमें सबसे अधिक गंभीर रूप से पूनम पांडेय ही घायल हुई थीं। पूनम को वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पिटा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। प्रियंका गांधी ने पूनम पांडेय को पुलिस द्वारा बुरी तरह पीटने का आरोप लगाते हुए यहां से उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन पूनम पांडेय को जनता ने नकार दिया। वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं। पूनम पांडेय को कुल 1382 (0.62 प्रतिशत) वोट मिले हैं। शाहजहांपुर से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कुमार खन्ना ने जीत दर्ज की है। उन्हें 1,09,188 (48.98 प्रतिशत) मत मिले हैं।

विस्तार

पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। भाजपा ने चार राज्यों में सत्ता में धमाकेदार वापसी की है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को एक बार फिर प्रचंड बहुमत मिला है और योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में वापसी की है। इस बीच हम आपको कुछ ऐसे चर्चित उम्मीदवारों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें से कई अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।

पूजा शुक्ला ने भाजपा प्रत्याशी को दी कड़ी टक्कर

इन चार उम्मीदवारों में सिर्फ समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पूजा शुक्ला ने बढ़िया प्रदर्शन किया। पूजा शुक्ला को कुल 1,05,206 (40.29 प्रतिशत) वोट मिले। लखनऊ नॉर्थ विधानसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा विधायक डॉ. नीरज बोरा और समाजवादी पार्टी की पूजा शुक्ला के बीच कांटे की टक्कर गुरुवार सुबह से ही चल रही थी। पहले ही राउंड से बढ़त बनाकर समाजवादी पार्टी की युवा नेत्री पूजा शुक्ला ने नीरज बोरा के साथ सभी को चौंका दिया था। पूजा शुक्ला पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही थीं और नीरज बोरा पर कई बार 20 हजार वोटों तक की बढ़त बनाए रखा। आखिरी के कुछ राउंड में नीरज बोरा ने अच्छी वापसी की और 33,953 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। 

उरूसा राणा का क्या हुआ?

‘योगी जीत गए तो उत्तर प्रदेश छोड़ दूंगा’ कहने वाले उर्दू कवि मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा राणा को जनता ने बहुत ही बुरा झटका दिया है। उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले हैं। उरूसा उन्नाव की पुरवा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार थीं। उरूसा अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं। उन्हें मात्र 1878 (0.73 प्रतिशत) वोट मिले।

खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी नहीं बचा पाईं जमानत

यूपी चुनाव में कांग्रेस ने एलान किया था कि कल्याणपुर विधानसभा सीट से खुशी दुबे की मां गायत्री को उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन बाद में गायत्री तिवारी की नामांकन प्रक्रिया में कुछ दिक्कतों की वजह से खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया था। नेहा तिवारी की पहचान के लिए आपको बिकरु कांड की याद दिलाना जरूरी है। बिकरु कांड बात करें तो पुलिस ने कुख्यात विकास दुबे के खास आदमी अमर दुबे को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था। उसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी। बाद में उसकी पत्नी खुशी दुबे को भी आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया था। इस कार्रवाई पर खूब बवाल हुआ था और बसपा से लेकर कांग्रेस तक सभी ने इसका विरोध किया था। बाद में प्रियंका गांधी ने खुशी के परिवार से मुलाकात की थी और उनकी मां को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया था। लेकिन पेंच फंस गया है और नेहा तिवारी को कल्याणपुर से कांग्रेस ने प्रत्याशी बना दिया। कल्याणपुर से भाजपा प्रत्याशी नीलीमा कटियार ने जीत दर्ज की है, जबकि नेहा तिवारी को मात्र 2302 (1.23 प्रतिशत) वोट मिले। नेहा अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं।

आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय की जमानत जब्त

यूपी चुनावों के लिए कांग्रेस ने पहली सूची में 50 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इनमें इनमें से कई महिलाएं ऐसी भी थीं, जिनका राजनीति और चुनाव लड़ने का कोई इतिहास नहीं था। ऐसी ही एक प्रत्याशी आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय भी थीं, जिन्हें कांग्रेस ने शाहजहांपुर से चुनावी मैदान में उतारा था।

शाहजहांपुर की आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय ने मानदेय बढ़ाने को लेकर अन्य कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया था। इसी वजह से वह सोशल मीडिया पर चर्चा में थीं। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब शाहजहांपुर आए थे उस वक्त आशा वर्कर अपनी मांगपत्र देने के लिए आगे आईं तो यूपी पुलिस द्वारा इनको रोका गया था। कथित तौर पर यूपी पुलिस ने आशा बहुओं को सीएम योगी से मिलने से रोका और उनके साथ हिंसक व्यवहार किया। पुलिस ने आशा वर्कर की पिटाई की, जिसमें सबसे अधिक गंभीर रूप से पूनम पांडेय ही घायल हुई थीं। पूनम को वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पिटा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। प्रियंका गांधी ने पूनम पांडेय को पुलिस द्वारा बुरी तरह पीटने का आरोप लगाते हुए यहां से उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन पूनम पांडेय को जनता ने नकार दिया। वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं। पूनम पांडेय को कुल 1382 (0.62 प्रतिशत) वोट मिले हैं। शाहजहांपुर से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कुमार खन्ना ने जीत दर्ज की है। उन्हें 1,09,188 (48.98 प्रतिशत) मत मिले हैं।

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