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Summit on Democracy: लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी बोले- भारत लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए तैयार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Fri, 10 Dec 2021 09:31 AM IST

सार

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से लोकतंत्र पर आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन  में पीएम मोदी ने वर्चुअली रूप से हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने  लोकतांत्रिक देशों को अपने संविधानों में निहित मूल्यों को पूरा करने पर जोर दिया। 

बाइडन और पीएम मोदी
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

भारत विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। लोकतंत्र के सिद्धांतों को ग्लोबल गर्वनेंस का मार्गदर्शन करना चाहिए और टेक्नोलॉजी कंपनियों को खुले और लोकतांत्रिक समाजों को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभानी चाहिए. ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र पर आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में कहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को लोकतंत्र विषय पर वाइट हाउस के पहले शिखर सम्मेलन की शुरुआत की।  

बाइडन ने सभी देशों से किया आह्वान 

इस दौरान उन्होंने लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए वैश्विक स्तर ह्रास को लेकर चिंता भी जताई। बाइडन ने कहा कि दुनियाभर में लोकतंत्र की मजबूती के लिए  नेता और देशों को आगे आकर काम करना चाहिए। राष्ट्रपति बाइडन ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका और समान विचारधारा वाले सहयोगियों को दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि लोकतंत्र समाज के लिए निरंकुशता से कहीं बेहतर है।

पीएम मोदी की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत बहुपक्षीय मंचों सहित वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करने के लिए तैयार है।

पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक देशों को अपने संविधानों में निहित मूल्यों को पूरा करने पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय लोकतांत्रिक शासन के 4 स्तंभों के रूप में संवेदनशीलता, जवाबदेही, भागीदारी और सुधार पर भी जोर दिया। 

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ठीक इसी तारीख को 75 साल पहले, भारत की संविधान सभा ने अपना पहला सत्र आयोजित किया था। कानून के शासन और बहुलवादी लोकाचार के सम्मान सहित लोकतांत्रिक भावना भारतीय लोगों में निहित है। भारतीय प्रवासी भी इसको मानते हैं, जिससे उनके घरों की आर्थिक भलाई और सामाजिक सद्भाव में योगदान होता है।

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