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Shani Dev Puja Vidhi: शनिदेव की अशुभ छाया से मुक्ति के लिए जरूर करें ये चार आसान उपाय

Shani Dev Puja Vidhi: शनिदेव की अशुभ छाया से मुक्ति के लिए जरूर करें ये चार आसान उपाय

Shani Dev Puja Vidhi:  वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी जातकों के जीवन पर ग्रहों का विशेष प्रभाव अवश्य ही पड़ता है। जातक के जन्म लेने के फौरन बाद ही ग्रहों की दशा औ दिशाएं चलने लगती हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सभी नौ ग्रह सूर्य, चंद्रमा,मंगल,बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु समय समय पर एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करते हैं। इसके अलावा ये ग्रह अस्त, उदय, मार्गी और वक्री चलते हैं और इनकी दशा और महादशा चलती रहती है।  जिसका प्रभाव जातकों के ऊपर पड़ता है। आज हम आपको इन सभी ग्रहों में शनि ग्रह के बारे में बताने जा रहे हैं। शनि ग्रह को सभी 12 राशियों में से कुंभ और मकर राशि का स्वामी माना गया है। 

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को बहुत ही विशेष ग्रह माना गया है। शनि ग्रह का प्रभाव जातकों पर काफी देर तक होता है क्योंकि शनि सभी ग्रहों से सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। ये किसी एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लेते हैं। जिसके चलते एक राशि में दोबारा शनिदेव 30 वर्षों के बाद ही आ पाते हैं। 

ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। यह व्यक्ति को उनके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं। शनि देव को सभी ग्रहों में क्रूर और अशुभ छाया वाला ग्रह माना गया है ,लेकिन इसमें सच्चाई नहीं हैं। शनि अगर किसी जातक की कुंडली में शुभ भाव में विराजमान है या फिर जातक अच्छे कर्म करता है तो शनिदेव की शुभ छाया रहती है। शनिदेव ऐसे जातकों को हमेशा धन और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर जातक की कुंडली में शनि अशुभ भाव में विराजमान है या शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो तो कई तरह की परेशानियां आती हैं। ज्योतिष में शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों का कम करने और शनिदेव की शुभ कृपा पाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं जिसको करने से बहुत लाभ मिलता है। आइए जानते हैं शनि देव को प्रसन्न करने के कुछ उपाय-

सरसों का तेल

शास्त्रों में बताया गया है कि शनिदेव की पूजा-आराधना में अगर सरसों के तेल का प्रयोग किया जाय तो यह बहुत ही शुभ होता है। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है, ऐसे में शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करना शुभ और फलदायक माना गया है। जिन जातकों की कुंडली में शनि की दशा या साढ़ेसाती चल रही हो तो सरसों का तेल और सिक्के का दान करना शुभ होता है।

पीपल के पेड़ को जल और दीपदान करना

पीपल के पेड़ के नीचे शनिवार के दिन जल चढ़ाने और तेल का दीपक जलाने से शनि की अशुभ छाया दूर होती है और शनिदेव की कृपा प्राप्ति होती है।

हनुमानजी की पूजा

मान्यता है जो लोग हनुमानजी की नियमित पूजा आराधना और चालीसा का पाठ करते हैं शनिदेव हमेशा उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं। वहीं जिन जातकों के ऊपर शनि की छाया हो तो वे अगर मंगलवार के दिन हनुमानजी के दर्शन और हनुमान चालीसा का पाठ करे तो शनि के प्रकोप से मुक्ति पा सकते हैं।

 

काले तिल और उड़द दाल का दान करना

शनिदेव के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन काला तिल और काली उड़द की दाल का दान करना शुभ होता है।

 

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