सार
7 मार्च तक, अमेरिका और अन्य नाटो सदस्य देश यूक्रेन में लगभग 17,000 एंटी-टैंक मिसाइलें और 2,000 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें भेज चुके हैं। यूक्रेन को यहां से लगातार सैन्य सहायता मिल रही है।
रूस-यूक्रेन जंग का आज 30वां दिन है। करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी यूक्रेन हार मानने को तैयार नहीं है और न ही रूस पीछे हटने को। इस संकट पर गुरुवार को नाटो की ब्रुसेल्स में आपात बैठक हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नाटो समिट को संबोधित किया।
बाइडेन ने कहा कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ रसायनिक हथियार का इस्तेमाल किया तो नाटो उसका जवाब देगा। उन्होंने कहा कि रूस जिस तरह के हथियारों का इस्तेमाल करेगा, नाटो उसी तरह के हथियारों से उसे जवाब देगा।
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की हथियारों की कमी की सामना कर रहे हैं और उन्हें रोजाना एक हजार मिसाइलों की जरूरत है। यूक्रेन ने अमेरिका को बताया कि उसे रूसी सेना का मुकाबला करने के लिए प्रति दिन 500 जेवलिन और 500 स्टिंगर्स की जरूरत है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक उसे उपलब्ध कराए एक दस्तावेज के अनुसार, यूक्रेन पिछले कई दिनों में अमेरिकी सरकार से अतिरिक्त सैन्य सहायता लेने के लिए अपनी सूची को अपडेट कर रहा है। जिसमें पहले अनुरोध किए गए सैन्य सहायता की तुलना में अधिक एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी-टैंक मिसाइलें मांगी हैं। साथ ही इस सूची में जेट, अटैक हेलीकॉप्टर और एस-300 जैसे विमान-रोधी सिस्टम भी शामिल है।
यूक्रेन ने पिछले हफ्ते यह सूची अमेरिका को दी है। हाल ही में अमेरिकी सांसदों को यह सूची सौंपी गई है। इस सूची में यूक्रेन ने अमेरिकी निर्मित स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों और जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलों की बढ़ती जरूरत पर जोर दिया है। यूक्रेन ने कहा कि उसे तत्काल इन हथियारों और उपकरणों की जरूरत है।
सांसदों की क्या प्रतिक्रिया है?
कांग्रेस के कुछ सांसदों का मानना है कि अमेरिका को यूक्रेन को वे हथियार तुरंत उपलब्ध कराने चाहिए जिनकी वे मांग कर रहे हैं।
नेवादा के एक डेमोक्रेट सेन जैकी रोसेन ने पिछले सप्ताहांत पोलैंड और जर्मनी का दौरा किया और उन नागरिक समाज संगठनों से मुलाकात की थी जो उन देशों में पहुंचे यूक्रेनी शरणार्थियों की मदद कर रहे हैं और उन्हें औ मानवीय सहायता प्रदान कर रहे हैं।
रोसेन ने सीएनएन को बताया, ‘उन्हें न केवल युद्ध में जीवित रहने के लिए, बल्कि युद्ध जीतने के लिए सभी हथियारों और उपकरणों की आवश्यकता है, इसलिए हम उन्हें हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, ड्रोन और सभी सैन्य सहायता प्रदान करते हैं।’
यूक्रेन में हथियारों की कमी
यह नई सूची तब आई है, जब यूक्रेनी ने दावा किया है कि रूसी हमले के बीच वह हथियारों की कमी का सामना कर रहा है और अमेरिका और नाटो के अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यूक्रेन को अतिरिक्त सैन्य सहायता पहले से ही दी जा रही है।
7 मार्च तक, अमेरिका और अन्य नाटो सदस्य यूक्रेन में लगभग 17,000 एंटी-टैंक मिसाइलें और 2,000 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें भेज चुके हैं। यूक्रेन को यहां से लगातार सैन्य सहायता मिल रही है।
सीएनएन के मुताबिक एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा कि फरवरी के अंत में 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सुरक्षा सहायता यूक्रेन पहुंच चुका है। वहीं अगले दो पैकेज का कुल एक बिलियन डॉलर की सहायता पहुंचना शुरु हो गया है।
इस बीच, बुधवार को ब्रिटेन ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन को टैंक-रोधी और उच्च विस्फोटक हथियारों सहित 6,000 और मिसाइलें भेजेगा। साथ ही यूक्रेनी सेना की वित्तीय सहायता के लिए लगभग 33 मिलियन डॉलर देगा।
विस्तार
रूस-यूक्रेन जंग का आज 30वां दिन है। करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी यूक्रेन हार मानने को तैयार नहीं है और न ही रूस पीछे हटने को। इस संकट पर गुरुवार को नाटो की ब्रुसेल्स में आपात बैठक हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नाटो समिट को संबोधित किया।
बाइडेन ने कहा कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ रसायनिक हथियार का इस्तेमाल किया तो नाटो उसका जवाब देगा। उन्होंने कहा कि रूस जिस तरह के हथियारों का इस्तेमाल करेगा, नाटो उसी तरह के हथियारों से उसे जवाब देगा।
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की हथियारों की कमी की सामना कर रहे हैं और उन्हें रोजाना एक हजार मिसाइलों की जरूरत है। यूक्रेन ने अमेरिका को बताया कि उसे रूसी सेना का मुकाबला करने के लिए प्रति दिन 500 जेवलिन और 500 स्टिंगर्स की जरूरत है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक उसे उपलब्ध कराए एक दस्तावेज के अनुसार, यूक्रेन पिछले कई दिनों में अमेरिकी सरकार से अतिरिक्त सैन्य सहायता लेने के लिए अपनी सूची को अपडेट कर रहा है। जिसमें पहले अनुरोध किए गए सैन्य सहायता की तुलना में अधिक एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी-टैंक मिसाइलें मांगी हैं। साथ ही इस सूची में जेट, अटैक हेलीकॉप्टर और एस-300 जैसे विमान-रोधी सिस्टम भी शामिल है।
यूक्रेन ने पिछले हफ्ते यह सूची अमेरिका को दी है। हाल ही में अमेरिकी सांसदों को यह सूची सौंपी गई है। इस सूची में यूक्रेन ने अमेरिकी निर्मित स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों और जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलों की बढ़ती जरूरत पर जोर दिया है। यूक्रेन ने कहा कि उसे तत्काल इन हथियारों और उपकरणों की जरूरत है।
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