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Russia Ukraine War: जेलेंस्की ने बताया समझौते का फार्मूला, कहा- संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेंगे

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 29 Mar 2022 12:15 AM IST

सार

यूक्रेन समझौते के लिए रूस की कुछ शर्तें मानने के लिए तैयार हो गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन शांति के लिए तटस्थ स्थिति को स्वीकार कर सकता है। वह सुरक्षा गारंटी, तटस्थ और परमाणु शस्त्र विहीन स्थिति के लिए रूस से समझौता करने के लिए है। लेकिन जेलेंस्की ने कहा है कि युद्धविराम और रूसी सेनाओं की वापसी के बिना कोई शांति समझौता संभव नहीं है। 

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रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष को 33 दिन बीत चुके हैं। कई देशों की मध्यस्थता के बावजूद दोनों में से कोई देश झुकने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच, यूक्रेन ने कहा है कि वह शांति के लिए तटस्थ स्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार है यानी रूस और अमेरिका से समान दूरी बनाकर चल सकता है। वह सुरक्षा गारंटी, तटस्थ और परमाणु शस्त्र विहीन स्थिति के लिए रूस से समझौता कर सकता है।

यह बात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूसी पत्रकार के साथ एक साक्षात्कार में कही है। हालांकि जेलेंस्की के इस तरह के साक्षात्कार करने और उसे रूस में दिखाने-सुनाने पर रूसी सरकार ने रोक लगा रखी है।

विसैन्यीकरण की शर्त नहीं है स्वीकार
जेलेंस्की ने इसके अतिरिक्त रूस की किसी अन्य शर्त पर बात करने से इनकार कर दिया है। वह यूक्रेन के विसैन्यीकरण की शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इस शर्त के चलते यूक्रेन को अपनी सेना सीमित करनी होगी और विध्वंसक हथियारों से मुक्त बनानी होगी।

रूसी सेनाओं की वापसी के बिना समझौता नहीं
जेलेंस्की ने कहा है कि युद्धविराम और रूसी सेनाओं की वापसी के बिना कोई शांति समझौता संभव नहीं है। रूसी सेना की वापसी के बाद यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के मुद्दे पर जनता जनमत संग्रह के जरिये फैसला करेगी। जेलेंस्की ने रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों को ताकत के बल पर वापस लेने की संभावना से इनकार किया है।

शांति वार्ता में यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा मुख्य
जेलेंस्की ने कहा कि ऐसी कोई कोशिश तीसरा विश्व युद्ध करा सकती है। इसलिए वह डोनबास पर समझौता करने के लिए तैयार हैं। इस इलाके पर रूस समर्थित अलगाववादियों का 2014 से कब्जा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति का यह बयान रूसी हमले के 33वें दिन आया। राष्ट्र के नाम संबोधन में जेलेंस्की ने कहा है कि तुर्की में होने वाली शांति वार्ता में यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा मुख्य रूप से चर्चा में होगा।

जेलेंस्की ने कहा कि उनकी राष्ट्रपति पुतिन के साथ आमने-सामने की बैठक युद्ध को खत्म करा सकती है। शांति के लिए युद्ध को अविलंब रोका जाना चाहिए। जबकि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों की वार्ता समझौते के करीब पहुंचने पर राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की की आमने-सामने की वार्ता संभव है।
 

बता दें कि तुर्की की पहल पर यूक्रेन और रूस के बीच यह वार्ता हो रही है। रविवार को तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बात कर यूक्रेन में युद्धविराम की आवश्यकता पर जोर दिया था। एर्दोगन ने कहा था कि वहां पर रूसी सेना से घिरे शहरों में मानवीय सुविधाओं को बेहतर किए जाने की जरूरत है। इससे शांति स्थापित होने की संभावना को बल मिलेगा।

विस्तार

रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष को 33 दिन बीत चुके हैं। कई देशों की मध्यस्थता के बावजूद दोनों में से कोई देश झुकने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच, यूक्रेन ने कहा है कि वह शांति के लिए तटस्थ स्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार है यानी रूस और अमेरिका से समान दूरी बनाकर चल सकता है। वह सुरक्षा गारंटी, तटस्थ और परमाणु शस्त्र विहीन स्थिति के लिए रूस से समझौता कर सकता है।

यह बात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूसी पत्रकार के साथ एक साक्षात्कार में कही है। हालांकि जेलेंस्की के इस तरह के साक्षात्कार करने और उसे रूस में दिखाने-सुनाने पर रूसी सरकार ने रोक लगा रखी है।

विसैन्यीकरण की शर्त नहीं है स्वीकार

जेलेंस्की ने इसके अतिरिक्त रूस की किसी अन्य शर्त पर बात करने से इनकार कर दिया है। वह यूक्रेन के विसैन्यीकरण की शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इस शर्त के चलते यूक्रेन को अपनी सेना सीमित करनी होगी और विध्वंसक हथियारों से मुक्त बनानी होगी।

रूसी सेनाओं की वापसी के बिना समझौता नहीं

जेलेंस्की ने कहा है कि युद्धविराम और रूसी सेनाओं की वापसी के बिना कोई शांति समझौता संभव नहीं है। रूसी सेना की वापसी के बाद यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के मुद्दे पर जनता जनमत संग्रह के जरिये फैसला करेगी। जेलेंस्की ने रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों को ताकत के बल पर वापस लेने की संभावना से इनकार किया है।

शांति वार्ता में यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा मुख्य

जेलेंस्की ने कहा कि ऐसी कोई कोशिश तीसरा विश्व युद्ध करा सकती है। इसलिए वह डोनबास पर समझौता करने के लिए तैयार हैं। इस इलाके पर रूस समर्थित अलगाववादियों का 2014 से कब्जा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति का यह बयान रूसी हमले के 33वें दिन आया। राष्ट्र के नाम संबोधन में जेलेंस्की ने कहा है कि तुर्की में होने वाली शांति वार्ता में यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा मुख्य रूप से चर्चा में होगा।

जेलेंस्की ने कहा कि उनकी राष्ट्रपति पुतिन के साथ आमने-सामने की बैठक युद्ध को खत्म करा सकती है। शांति के लिए युद्ध को अविलंब रोका जाना चाहिए। जबकि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों की वार्ता समझौते के करीब पहुंचने पर राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की की आमने-सामने की वार्ता संभव है।

 

बता दें कि तुर्की की पहल पर यूक्रेन और रूस के बीच यह वार्ता हो रही है। रविवार को तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बात कर यूक्रेन में युद्धविराम की आवश्यकता पर जोर दिया था। एर्दोगन ने कहा था कि वहां पर रूसी सेना से घिरे शहरों में मानवीय सुविधाओं को बेहतर किए जाने की जरूरत है। इससे शांति स्थापित होने की संभावना को बल मिलेगा।

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