हालात बिगड़ते देख यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश मॉस्कों के साथ कूटनीतिक रिश्ते तोड़ सकता है। उधर, युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच मंगलवार को तेल की कीमतें सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं और दुनिया भर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी विवाद रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद चरम पर आ गया है। मंगलवार को दोनेस्क में बिना संकेतकों वाले टैंक भी देखे गए जबकि यूक्रेन ने माना कि उसके दो सैनिक 24 घंटे चली गोलाबारी में मारे गए हैं और 12 घायल हुए हैं। उधर, रूस को पश्चिमी देशों के कठोर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा।
यूक्रेन ने स्वीकार किया कि दोनेस्क और लोहान्स्क प्रांतों को अलग से मान्यता देने के बाद से पिछले 24 घंटे में सीमावर्ती क्षेत्र में जबरदस्त गोलाबारी हुई है। इसमें उसके दो सैनिकों के मारे जाने के बाद से तनाव और बढ़ गया है। उधर, रूसी आदेश मिलने के बाद क्षेत्र में रूसी टैंक और अन्य सैन्य साजो सामान अलगाववादियों के नियंत्रण वाले दोनेस्क शहर में देखे गए। इन वाहनों पर कोई प्रतीक चिन्ह दिखाई नहीं दिया।
पश्चिमी देश फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पुतिन आगे क्या करेंगे और क्या रूस अपने पूर्व सोवियत पड़ोसी देशों की सीमाओं के पास सैनिकों को एकत्र करने तथा यूरोप में सुरक्षा व्यवस्था को फिर से चुनौती देने की कोशिश कर रहा है।
हालात बिगड़ते देख यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश मॉस्कों के साथ कूटनीतिक रिश्ते तोड़ सकता है। उधर, युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच मंगलवार को तेल की कीमतें सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं और दुनिया भर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका ने दो बैंकों पर लगाया प्रतिबंध, बाइडन बोले- रूस अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा
इधन, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार रात प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए रूस पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया। इसके साथ ही रूस पर महत्वपूर्ण प्रतिबंधों की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है। जो बाइडन ने पूछा कि पुतिन को अपने पड़ोसियों के क्षेत्र में नए तथाकथित देशों को घोषित करने का अधिकार कौन देता है? अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। अमेरिका का मानना है कि यूक्रेन के साथ बढ़े तनाव में रूस स्पष्ट रूप से हमलावर है। बाइडन ने बताया कि दो वित्तीय संस्थान वीईबी और रूस के सैन्य बैंक पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा रूसी अभिजात वर्ग और उनके परिवारों के खिलाफ और प्रतिबंधों लगाए जाने की संभावना है।
सैन्य तकनीकी कार्रवाई करेगा रूस
व्हाइट हाउस सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक के बाद मंगलवार को एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि रूस को अपने सेना वापस लेने, कूटनीतिक टेबल पर लौटने और शांति की दिशा में काम करने के लिए राजी होना पड़ेगा। अन्यथा हम एकजुट होकर प्रतिबंध लगाएंगे।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने प्रतिबंध की धमकी को खारिज करते हुए कहा कि पश्चिम इन पाबंदियों को बिना घटनाओं की परवाह के लागू करेगा।
उन्होंने कहा, हमारे यूरोपीय, अमेरिकी और ब्रिटिश सहयोगी तब तक नहीं रुकेंगे जब तक वे रूस को तथाकथित दंड के लिए अपनी संभावनाएं खत्म नहीं कर लेंगे। रूस ने यूक्रेन पर हमले की आशंकाएं खारिज करते हुए चेताया कि उसे यदि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं करने की व्यापक सुरक्षा गारंटी नहीं मिली तो वह सैन्य-तकनीकी कार्रवाई करेगा।
रूसी सैनिकों को ‘शांतिरक्षक’ बताने पर अमेरिका ने कहा, बकवास कर रहा रूस
यूएन में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के उस दावे को ‘बकवास’ बताया है जिसमें पुतिन ने कहा है कि जिन सैनिकों को पूर्वी यूक्रेन में भेजने का आदेश दिया गया है, वे सैनिक शांतिदूत होंगे। उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने भी यूक्रेन के दोनेस्क और लोहान्स्क क्षेत्रों की ‘स्वतंत्रता’ को मान्यता देने के रूस के फैसले पर चिंता जताई है।
गुटेरस ने कहा, मॉस्को का फैसला यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का उल्लंघन है तथा यूएन के चार्टर के सिद्धांतों के खिलाफ है। अमेरिका ने भी दोनेस्क और लोहान्स्क को मान्यता देने के रूसी फैसले को मिंस्क समझौते के खिलाफ बताया। अमेरिकी दूत ग्रीनफील्ड ने यूक्रेन संकट पर बुलाई गई सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में कहा, हम जानते हैं कि वास्तविकता क्या है।
यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों को स्वतंत्र मान्यता देना क्षेत्र में युद्ध को भड़काने का बहाना है। ग्रीनफील्ड ने 15 सदस्यीय परिषद की आपात बैठक में कहा, रूसी कार्रवाइयों के नतीजे यूक्रेन, यूरोप व दुनिया भर में भयानक होंगे।
पुतिन को यूक्रेन मामले में नहीं मिला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का समर्थन
रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में अलगाववादियों को अपने नियंत्रण में लाने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक में यूएनएससी सदस्यों से कोई समर्थन नहीं मिला। यूक्रेन ने दोनेस्क और लोहान्स्क के अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने सहित विभिन्न मुद्दों पर पुतिन के कदमों की निंदा करने के लिए विशेष सत्र का बुलाया था।
रूस इस माह सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और वह बैठक नहीं चाहता था, लेकिन राजनयिकों ने कहा कि पश्चिमी देशों और अन्य सदस्यों के तीव्र दबाव में वे खुले सत्र के लिए सहमत हुए। संयुक्त राष्ट्र में फ्रांसीसी राजदूत निकोलस डी रिवेरे ने कहा कि रूस ‘चुनौती और टकराव का रास्ता चुन रहा है जबकि फ्रांस व जर्मनी सहित अन्य देशों ने पिछले दिनों में तनाव कम करने के लिए अथक प्रयास किए हैं।
दोनेस्क-लोहान्स्क में नए निवेश रोकेगा अमेरिका
रूसी राष्ट्रपति द्वारा दोनेस्क और लोहान्स्क को आधिकारिक मान्यता देने के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन पर आपात बैठक बुलाई। इसकी अध्यक्षता इस माह रूस के पास है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे अमेरिकियों द्वारा यूक्रेन के तथाकथित ‘दोनेस्क और लोहान्स्क’ क्षेत्रों में सभी नए निवेश, व्यापार और वित्त पोषण पर रोक लग जाएगी। उन्होंने कहा, हम यूक्रेन और अपने सहयोगियों तथा साझेदारों के साथ समन्वय करते रहेंगे, ताकि रूस की बिना उकसावे वाली व अस्वीकार्य कार्रवाई के जवाब में उचित कदम उठाए जा सकें।
निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि हमला शुरू हो गया है : ब्रिटेन
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कहा, मौजूदा हालात 1962 में क्यूबा मिसाइल संकट जैसे गंभीर हैं। उस वक्त अमेरिका-ओवियत संघ में टकराव ने दुनिया को परमाणु युद्ध के कगार पर ला दिया था। उन्होंने कहा, आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यूक्रेन पर आक्रमण शुरू हो गया है।
दो ध्रुवों में बंट रही दुनिया
यूक्रेन संकट को लेकर दुनिया दो ध्रुवों में बंटती दिख रही है। चीन ने कहा कि वह चिंतित है और सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करता है जबकि जापान ने कहा कि वह पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की स्थिति में मॉस्को पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में शामिल होने के लिए तैयार है। तुर्की ने कहा कि दोनों क्षेत्रों की रूसी मान्यता अस्वीकार्य थी। सीरिया के विदेश मंत्री ने कहा कि हमने दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के मास्को के फैसले का समर्थन किया। बता दें, सीरिया पुतिन के पक्ष में इसलिए खड़ा है क्योंकि उनकी सेनाओं ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के पक्ष में गृहयुद्ध को मोड़ने में मदद की थी।
तुरंत हो राजनयिक बातचीत, सैन्य कार्रवाई ठीक नहीं : भारत
रूस-यूक्रेन के बीच गहराते युद्ध के संकट के बीच भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सभी पक्षों के बीच कूटनीटिक और राजनयिक बातचीत का आह्वान किया है। भारत ने कहा है कि सैन्य वृद्धि हमारे लिए ठीक नहीं है। भारत ने संकट पर चिंता जताते हुए कहा कि सभी देशों के सुरक्षा हितों को देखते हुए तनाव कम करना तत्काल प्राथमिकता है।
यूएनएससी की बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, रूस-यूक्रेन संकट की तत्काल प्राथमिकता सैन्य वापसी है। हम सभी पक्षों से संयम कई अपील करते हैं और आश्वस्त हैं कि यह मुद्दा केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। हमें तनाव को कम करने की कोशिश करने वाली पार्टियों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को जगह देने की जरूरत है। तिरुमूर्ति ने कहा, हम यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर हो रही गतिविधियों और रूसी संघ द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा सहित पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हैं।
ब्रिटेन : जॉनसन बोले- रूस पर लगाएंगे आर्थिक प्रतिबंध
पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटेन आर्थिक प्रतिबंधों की पहली कड़ी के साथ रूस पर हमला बोलेगा। उन्होंने पुतिन पर यूक्रेन की संप्रभुता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने विवादित क्षेत्र में सैनिकों को भेजकर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है। उन्होंने कहा यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाएगा। यूक्रेन संकट को लेकर ब्रिटिश पीएम ने आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की।
कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम-ए (कोबरा) मंगलवार सुबह हुई बैठक में कहा गया कि रूस ने यूक्रेन के दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद ब्रिटेन मॉस्को पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। जॉनसन ने मौजूदा हालात को ‘दुर्भाग्य सूचक और बहुत खराब समय’ करार दिया। विदेश मंत्री लिज ट्रस ने पुष्टि की कि रूस से जुड़े लोगों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है और इसके लिए हालिया कानूनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
ऊर्जा सुरक्षा पर मंथन कर रहा यूरोप
ईंधन की कीमतों में वृद्धि और यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका के कारण यूरोपीय देशों के नेता ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। चिंता का एक बड़ा कारण यह है कि वे प्राकृतिक गैस के लिए दशकों तक मॉस्को पर निर्भर रहे हैं। सौर तथा वायु ऊर्जा जैसे नवीकरणीय माध्यमों पर मंद गति से काम चल रहा है और अन्य जीवाश्म ईंधन खत्म होते जा रहे हैं इसलिए प्राकृतिक गैस के लिए यूरोप रूस पर निर्भर है। रूस द्वारा सामान्य से कम गैस बेचने के कारण कीमतों में उछाल आया जिसका खामियाजा आम लोगों और व्यवसायियों को उठाना पड़ा है। ईयू के ऊर्जा आयुक्त कादरी सिमसन ने कहा, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत को मजबूत करने से गैस के लिए रूस पर निर्भरता कम होगी।
जापान करेगा ‘गंभीर कार्रवाई’ पर विचार
जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने यूक्रेन की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करते हुए कहा कि उनका देश विश्व बिरादरी के साथ प्रतिबंधों सहित रूस पर संभावित ‘गंभीर कार्रवाई’ पर चर्चा करेगा। किशिदा पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों की आजादी को मान्यता देने के आदेश पर हस्ताक्षर किए जाने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। पुतिन के मुताबिक, उनके सैनिक इन इलाकों में शांति स्थापित करेंगे। किशिदा ने कहा, यह कार्रवाई अस्वीकार्य है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, जापान गंभीर चिंता पैदा करने वाली इन घटनाओं को देख रहा है।
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रूस-यूक्रेन के बीच जारी विवाद रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद चरम पर आ गया है। मंगलवार को दोनेस्क में बिना संकेतकों वाले टैंक भी देखे गए जबकि यूक्रेन ने माना कि उसके दो सैनिक 24 घंटे चली गोलाबारी में मारे गए हैं और 12 घायल हुए हैं। उधर, रूस को पश्चिमी देशों के कठोर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा।
यूक्रेन ने स्वीकार किया कि दोनेस्क और लोहान्स्क प्रांतों को अलग से मान्यता देने के बाद से पिछले 24 घंटे में सीमावर्ती क्षेत्र में जबरदस्त गोलाबारी हुई है। इसमें उसके दो सैनिकों के मारे जाने के बाद से तनाव और बढ़ गया है। उधर, रूसी आदेश मिलने के बाद क्षेत्र में रूसी टैंक और अन्य सैन्य साजो सामान अलगाववादियों के नियंत्रण वाले दोनेस्क शहर में देखे गए। इन वाहनों पर कोई प्रतीक चिन्ह दिखाई नहीं दिया।
पश्चिमी देश फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पुतिन आगे क्या करेंगे और क्या रूस अपने पूर्व सोवियत पड़ोसी देशों की सीमाओं के पास सैनिकों को एकत्र करने तथा यूरोप में सुरक्षा व्यवस्था को फिर से चुनौती देने की कोशिश कर रहा है।
हालात बिगड़ते देख यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश मॉस्कों के साथ कूटनीतिक रिश्ते तोड़ सकता है। उधर, युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच मंगलवार को तेल की कीमतें सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं और दुनिया भर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका ने दो बैंकों पर लगाया प्रतिबंध, बाइडन बोले- रूस अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा
इधन, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार रात प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए रूस पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया। इसके साथ ही रूस पर महत्वपूर्ण प्रतिबंधों की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है। जो बाइडन ने पूछा कि पुतिन को अपने पड़ोसियों के क्षेत्र में नए तथाकथित देशों को घोषित करने का अधिकार कौन देता है? अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। अमेरिका का मानना है कि यूक्रेन के साथ बढ़े तनाव में रूस स्पष्ट रूप से हमलावर है। बाइडन ने बताया कि दो वित्तीय संस्थान वीईबी और रूस के सैन्य बैंक पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा रूसी अभिजात वर्ग और उनके परिवारों के खिलाफ और प्रतिबंधों लगाए जाने की संभावना है।
सैन्य तकनीकी कार्रवाई करेगा रूस
व्हाइट हाउस सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक के बाद मंगलवार को एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि रूस को अपने सेना वापस लेने, कूटनीतिक टेबल पर लौटने और शांति की दिशा में काम करने के लिए राजी होना पड़ेगा। अन्यथा हम एकजुट होकर प्रतिबंध लगाएंगे।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने प्रतिबंध की धमकी को खारिज करते हुए कहा कि पश्चिम इन पाबंदियों को बिना घटनाओं की परवाह के लागू करेगा।
उन्होंने कहा, हमारे यूरोपीय, अमेरिकी और ब्रिटिश सहयोगी तब तक नहीं रुकेंगे जब तक वे रूस को तथाकथित दंड के लिए अपनी संभावनाएं खत्म नहीं कर लेंगे। रूस ने यूक्रेन पर हमले की आशंकाएं खारिज करते हुए चेताया कि उसे यदि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं करने की व्यापक सुरक्षा गारंटी नहीं मिली तो वह सैन्य-तकनीकी कार्रवाई करेगा।