बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 03 Feb 2022 12:37 PM IST
सार
Services Sector PMI Slumps To 51.5 In January: जनवरी महीने में सर्विस सेक्टर का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) 51.5 के स्तर पर आ गया। यह दिसंबर 2021 में 55.5 के स्तर पर रहा था। आईएचएस मार्किट के अनुसार, सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में इस सुस्ती की वजह कोरोना के नए वैरिएंट का लगातार बढ़ता प्रकोप और बढ़ती महंगाई का दबाव रहा है।
भारत में सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) की गतिविधियां छह माह के निचले स्तर पर आ गई हैं। जनवरी महीने में सर्विस सेक्टर का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) 51.5 के स्तर पर आ गया। यह दिसंबर 2021 में 55.5 के स्तर पर रहा था। गौरतलब है कि 50 से ऊपर की पीएमआई का मतलब होता है कि गतिविधियों में विस्तार देखने को मिल रहा है। वहीं पीएमआई के 50 से कम होना गतिविधियों में संकुचन आया है।
विनिर्माण क्षेत्र के पीएमआई में भी गिरावट
इस लिहाज से देखा जाए तो सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जनवरी में ठीक-ठाक रही हैं, लेकिन इससे पिछले महीनों की तुलना में इसमें कमी आई है। आईएचएस मार्किट के अनुसार, सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में आई इस सुस्ती की वजह कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का लगातार बढ़ता प्रकोप और बढ़ती महंगाई का दबाव रहा है। 1 फरवरी को जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 में विनिर्माण क्षेत्र की पीएमआई दिसंबर के 55.5 से गिरकर 54 पर आ गई है। इसी तरह जनवरी महीने में कम्पोजिट पीएमआई भी दिसंबर के 56.4 से गिरकर 53 पर आ गई है।
प्रतिबंधों का नकारात्मक प्रभाव पड़ा
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के मामलों में आई तेजी और इसके चलते लागू किए गए प्रतिबंधों ने सेवा क्षेत्र की ग्रोथ पर नकारात्मक असर डाला है। नये व्यापार और उत्पादन दोनों में काफी सुस्त गति से बढ़त देखने को मिली है और यह ग्रोथ 6 महीनों के सबसे धीमे स्तर पर आ गई है। आईएचएस मार्किट के सर्वे के मुताबिक जनवरी 2022 में उत्पादन लागत की महंगाई दर 10 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। वहीं कंपनियां इसी दर पर अपने उत्पादों की कीमतों में बढ़त नहीं कर पाईं। हालांकि उन्होंने दिसंबर 2021 की तुलना में कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी की है।
विस्तार
भारत में सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) की गतिविधियां छह माह के निचले स्तर पर आ गई हैं। जनवरी महीने में सर्विस सेक्टर का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) 51.5 के स्तर पर आ गया। यह दिसंबर 2021 में 55.5 के स्तर पर रहा था। गौरतलब है कि 50 से ऊपर की पीएमआई का मतलब होता है कि गतिविधियों में विस्तार देखने को मिल रहा है। वहीं पीएमआई के 50 से कम होना गतिविधियों में संकुचन आया है।
विनिर्माण क्षेत्र के पीएमआई में भी गिरावट
इस लिहाज से देखा जाए तो सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जनवरी में ठीक-ठाक रही हैं, लेकिन इससे पिछले महीनों की तुलना में इसमें कमी आई है। आईएचएस मार्किट के अनुसार, सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में आई इस सुस्ती की वजह कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का लगातार बढ़ता प्रकोप और बढ़ती महंगाई का दबाव रहा है। 1 फरवरी को जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 में विनिर्माण क्षेत्र की पीएमआई दिसंबर के 55.5 से गिरकर 54 पर आ गई है। इसी तरह जनवरी महीने में कम्पोजिट पीएमआई भी दिसंबर के 56.4 से गिरकर 53 पर आ गई है।
प्रतिबंधों का नकारात्मक प्रभाव पड़ा
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के मामलों में आई तेजी और इसके चलते लागू किए गए प्रतिबंधों ने सेवा क्षेत्र की ग्रोथ पर नकारात्मक असर डाला है। नये व्यापार और उत्पादन दोनों में काफी सुस्त गति से बढ़त देखने को मिली है और यह ग्रोथ 6 महीनों के सबसे धीमे स्तर पर आ गई है। आईएचएस मार्किट के सर्वे के मुताबिक जनवरी 2022 में उत्पादन लागत की महंगाई दर 10 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। वहीं कंपनियां इसी दर पर अपने उत्पादों की कीमतों में बढ़त नहीं कर पाईं। हालांकि उन्होंने दिसंबर 2021 की तुलना में कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी की है।
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