Pearl Stone: रत्न इंसान की जिंदगी को काफी प्रभावित करते हैं। रत्न शास्त्र में ऐसे बहुत से रत्नों के बारे में बताया गया है, जो व्यक्ति की कुंडली में कमजोर ग्रह को मजबूत करने का काम करते हैं। शास्त्रों के अनुसार कुंडली में अगर कोई ग्रह दोष हो तो उससे संबंधित रत्न धारण करने से मनुष्य को राहत मिलती है। ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ाने और अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रत्न शास्त्र में कई रत्नों के बारे में बताया गया है। इन्हीं रत्नों में से एक है मोती। ज्योतिष शास्त्र में मोती को एक महत्वपूर्ण रत्न माना गया है। मोती का संबंध चंद्रमा से है। ऐसे में कहा जाता है कि जिन लोगों का चंद्रमा अशुभ या कमजोर होता है, उन्हें मोती धारण करनी चाहिए। मोती धारण करने से जातक को कई लाभ मिलते हैं। तो चलिए आज जानते हैं मोती पहने के क्या फायदे होते हैं और इसे कब धारण करना चाहिए…
मोती का संबंध चंद्र ग्रह से माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मस्तिष्क और मन पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है। इसलिए मन को शांत और दिमाग को स्थिर बनाने के लिए लोग इसे धारण करते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को गुस्सा या डिप्रेशन रहता हो वो लोग भी मोती को पहन सकते हैं। कर्क और सिंह राशि के जातकों के लिए ये विशेष रूप से शुभ फलदायी माना गया है।
मोती लक्ष्मी जी को बहुत प्रिय है। मान्यता है कि मोती पहनने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिन लोगों के जीवन में धन की कमी या इससे जुड़ी कोई परेशानी बनी हुई है तो मोती धारण करना चाहिए।
मोती को हमेशा चांदी की अंगूठी में ही धारण करना चाहिए। मोती रत्न का संबंध चंद्र ग्रह से है ऐसे में अंगूठी को सोमवार ही सुबह धारण करना चाहिए।
इस अंगूठी को हाथ की सबसे छोटी अंगुली में धारण करना चाहिए। इसके अलावा कई लोग इसे पूर्णिमा के दिन भी पहनने की सलाह देते हैं। इस रत्न को पहनने से पहले इसे गंगाजल से धो लें फिर इसे शिवजी को अर्पित करने के बाद ही धारण करें।
