ज्योतिषशास्त्र में बनने वाले पंचग्रही योग के बारे में जो कि 27 फरवरी 2022 को मकर राशि में बन रहा है। यह युति 27,28 फरवरी और 01 मार्च तक बनी रहेगी, इसके बाद चंद्रमा इस युति से बाहर निकल जाएंगे। 27 फरवरी को 2:28 मिनट दोपहर में मकर राशि में पांच ग्रह एकत्रित होंगे। शनि, मंगल,चंद्रमा, शुक्र और बुध एक ही राशि में होगे। तीन ग्रह सूर्य के उत्तराषाढा नक्षत्र में होंगे और सूर्य स्वयं ही शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। पहले से ही इस राशि में प्लूटो का गोचर चल रहा है। अतः इन सभी ग्रहों के साथ प्लूटो की युति के दूरगामी परिणाम आने वाले समय में दिखेंगे। हर दो से तीन सालों में यह योग बन जाता है। 26 दिसंबर 2019 में धनु राशि में राहु केतु अक्ष पर सारे ग्रहों की युति हुई और कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में अपने पाँव पसारे। इसके बाद इस तरह के योग कई बार बने। जिससे कि आज भी विश्व में भय व्याप्त है।
9 फरवरी 2021 में मकर राशि में पांच ग्रह एकत्रित हुए थे लेकिन मंगल इस योग में नहीं था। मंगल एक ऊर्जावान ग्रह है और मकर राशि पृथ्वी तत्व राशि है। मकर राशि में शनि मंगल की युति को सिद्धांतों में लिखा गया है कि धन धान्य की कमी, आर्थिक परेशानी और युद्ध की संभावनाएं बन जाती हैं। मंगल शनि की राशि मकर में उच्च के होते हैं और रूचक राज योग का निर्माण करते हैं, लेकिन इस बार स्थिति अलग है क्योंकि मकर राशि के स्वामी शनि स्वयं अपनी ही राशि में बैठे हुए हैं अतः शनि और मंगल दोनों ही बलवान स्थिति में है। इनकी युति को ज्योतिष जगत में अच्छा नहीं माना गया है। इस बार तो शुक्र, बुध और चंद्रमा भी साथ आयेंगे तो जब कई ग्रह एक साथ एक ही राशि में होते हैं तो उनमें आपस में ग्रह युद्ध हो जाता है। हालांकि पूरे विश्व के परिपेक्ष्य में भारत पर इसका प्रभाव कम ही होगा। यह सभी घटनाएं पूरे विश्व के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं।
मकर राशि में ग्रहों की इस युति से पानी से जुड़ी हुई परेशानियां दिख रही है जैसे पानी के नीचे युद्ध,साइक्लोन,पानी के नीचे भूकंप,सुनामी। इस युति में बुध भी साथ है तो व्यापार में भी उतार चढ़ाव दिखेगा। अचानक से मौसम का बदलना। शुक्र भी इस युति में है तो फाइनेंस के क्षेत्र में,फिल्म इंडस्ट्री में कुछ प्रभाव दिख सकता है। सोना और चांदी ,शेयर बाजार में काफी बड़े बड़े उतार चढ़ा देखने को मिलेंगे।
इन ग्रहों के गोचर का सकारात्मक प्रभाव ये है कि मंगल बलवान स्थिति में है और शनि भी,अतः यह समय अपनी मेहनत से कुछ कर दिखाने का है समय है। मकर राशि काल पुरुष कुंडली की दशम भाव की राशि है इसलिए अपने कार्य क्षेत्र पर ध्यान अवश्य दें। क्योंकि मंगल को दशम भाव में दिग्बल प्राप्त है। शनि कर्म के देवता हैं और मंगल पराक्रम के अतः अपने पराक्रम के बल पर अपने कर्म को सही दिशा दे तो यह युति अपना अच्छा फल ही देगी।
