न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 29 Nov 2021 09:47 AM IST
सार
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नतीजे इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं कि ये म्यूटेशन अधिक खतरनाक हैं। इसलिए हमें इस पर और शोध की जरूरत है, जिससे पता चल सके कि यह खतरनाक है या नहीं।
कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट में डेल्टा के मुकाबले कहीं ज्यादा म्यूटेशन हो रहे हैं। इसकी पुष्टि ओमिक्रॉन की सामने आई पहली तस्वीर से हुई है। रोम के बैमबिनो गेसू अस्पताल ने इस नए वैरिएंट की तस्वीरें प्रकाशित की हैं। नए वैरिएंट पर शोध कर रही टीम ने रविवार को एक बयान में कहा कि नई तस्वीर का तीन आयामों से अध्ययन करने के बाद पता चला है कि नया वैरिएंट खुद को इंसानों की तरह बदल रहा है, स्वयं को उनके अनुकूल बना रहा है। इसके साथ ही यह लगातार म्यूटेट होता जा रहा है।
मानव कोशिकाओं के साथ संपर्क में है नया वैरिएंट
शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि ओमिक्रॉन मानव शरीर में प्रोटीन के हर क्षेत्र में मौजूद है और लगातार मानव कोशिकाओं के संपर्क में है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि यह ज्यादा खतरनाक है या कम। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वैरिएंट डेल्टा या अन्य किसी वैरिएंट की तुलना में कितना खतरनाक है, इसकी जानकारी के लिए और शोध किया जाना बाकी है। उसके बाद ही यह पता चल सकेगा कि यह प्राकृतिक बदलाव हैं या इस पर और कोई चीज असर कर रही है। साथ ही ये कितना खतरनाक है। शोधकर्ताओं ने बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में सामने आए वैरिएंट के क्रम में एक स्टडी के आधार पर यह तस्वीर प्रकाशित की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कर रहा शोध
नए वैरिएंट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी खुल के नहीं बोल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी जो भी नतीजे आए है वें बहुत ही प्रारंभिक दौर के हैं। ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि विश्वविद्यालयों में किए गए प्रारंभिक शोध युवाओं पर किए गए हैं। युवाओं में पहले से ही अधिक गंभीर बीमारी नहीं होती है, इसलिए इस पर विस्तृत रिपोर्ट आने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन यह पता लगाना बाकी है कि इसका कारण ओमिक्रॉन ही है या फिर अन्य।
विस्तार
कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट में डेल्टा के मुकाबले कहीं ज्यादा म्यूटेशन हो रहे हैं। इसकी पुष्टि ओमिक्रॉन की सामने आई पहली तस्वीर से हुई है। रोम के बैमबिनो गेसू अस्पताल ने इस नए वैरिएंट की तस्वीरें प्रकाशित की हैं। नए वैरिएंट पर शोध कर रही टीम ने रविवार को एक बयान में कहा कि नई तस्वीर का तीन आयामों से अध्ययन करने के बाद पता चला है कि नया वैरिएंट खुद को इंसानों की तरह बदल रहा है, स्वयं को उनके अनुकूल बना रहा है। इसके साथ ही यह लगातार म्यूटेट होता जा रहा है।
मानव कोशिकाओं के साथ संपर्क में है नया वैरिएंट
शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि ओमिक्रॉन मानव शरीर में प्रोटीन के हर क्षेत्र में मौजूद है और लगातार मानव कोशिकाओं के संपर्क में है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि यह ज्यादा खतरनाक है या कम। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वैरिएंट डेल्टा या अन्य किसी वैरिएंट की तुलना में कितना खतरनाक है, इसकी जानकारी के लिए और शोध किया जाना बाकी है। उसके बाद ही यह पता चल सकेगा कि यह प्राकृतिक बदलाव हैं या इस पर और कोई चीज असर कर रही है। साथ ही ये कितना खतरनाक है। शोधकर्ताओं ने बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में सामने आए वैरिएंट के क्रम में एक स्टडी के आधार पर यह तस्वीर प्रकाशित की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कर रहा शोध
नए वैरिएंट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी खुल के नहीं बोल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी जो भी नतीजे आए है वें बहुत ही प्रारंभिक दौर के हैं। ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि विश्वविद्यालयों में किए गए प्रारंभिक शोध युवाओं पर किए गए हैं। युवाओं में पहले से ही अधिक गंभीर बीमारी नहीं होती है, इसलिए इस पर विस्तृत रिपोर्ट आने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन यह पता लगाना बाकी है कि इसका कारण ओमिक्रॉन ही है या फिर अन्य।
Source link
Like this:
Like Loading...
corona, covid 19, delta variant, delta virus news, omicron image, omicron variant, omicron variant news, omicron variant news latest, omicron variant news today, omicron virus, World Hindi News, World News in Hindi