videsh

Nusantara The New Capital of Indonesia: इंडोनेशिया क्यों बदल रहा अपनी राजधानी, क्या अन्य देशों ने अपनी राजधानियां बदली हैं?

सार

इंडोनेशिया की नई राजधानी पूर्वी बोर्नियो द्वीप के कालीमंतन का हिस्सा है। बोर्नियो द्वीप बेहद खूबसूरत है। नई राजधानी कालीमंतन में स्थानांतरित की जा रही है। इस जगह को नुसंतारा कहा जाएगा। इसके क्या कारण है और पूर्वी कालीमंतन को ही क्यों चुना गया है? 

इंडोनेशिया की राजधानी अब जकार्ता की जगह नुसंतारा राजधानी होगी Indonesia New Capital Nusantara
– फोटो : Twitter :@jokowi

ख़बर सुनें

इंडोनेशिया अपनी राजधानी बदलने जा रहा है। अब जकार्ता की जगह नुसंतारा इसकी राजधानी होगी। नुसंतारा का अर्थ है ‘द्वीपसमूह’। यह खूबसूरत बोर्नियो द्वीप के करीब है और यहां की आबादी बेहद कम है, इसलिए इसे देश की नई राजधानी के तौर पर चुना गया है। इससे संबंधित बिल को इंडोनेशिया की संसद से मंगलवार को मंजूरी मिली है। नुसंतारा उत्तरी कालीमंतन का हिस्सा है।

हालांकि, राजधानी बनने से कालीमंतन के जंगलों से भरे प्रांत पर पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंताएं भी पैदा हो गई हैं क्योंकि अब यहां बड़े पैमाने पर निर्माण परियोजना शुरू होगीं। माना जा रहा है कि जब निर्माण परियोजना शुरू होगी तो जंगल काटे जाएगें और पर्यावरण पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। बोर्नियो के स्वदेशी लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने भी अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए कहा है कि इस कदम से उनके पर्यावरण और संस्कृति को खतरा हो सकता है।
कब तक बन कर तैयार होगी नई राजधानी
नई राजधानी बनाने की मांग देश में पिछले 15 सालों से हो रही है। जकार्ता 1949 से इंडोनेशिया की राजधानी है। 

राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पहली बार 2019 में राजधानी को स्थानांतरित करने की योजना की घोषणा की थी। 

इसी साल संसद में इससे संबंधित विधेयक पेश किया गया था। महामारी के कारण इस कदम में देरी हुई है।

लेकिन माना जा रहा है कि 2024 में इसके लिए निर्माण परियोजनाएं शुरू हो जाएंगी।

अनुमान है कि नई राजधानी के निर्माण पर करीब 33 अरब डॉलर खर्च होंगे।

स्टेट कैपिटल ऑथॉरिटी के तहत इसका निर्माण होगा, जिसके प्रमुख राष्ट्रपति होंगे।
राजधानी बदलने की जरूरत क्यों?
इंडोनेशिया को नई राजधानी की जरूरत क्यों है, राष्ट्रपति विडोडो ने इसके बार में विस्तार से बताया है।

उनके अनुसार, नुसंतारा राजधानी ले जाने का मुख्य मकसद जकार्ता में बढ़ता प्रदूषण और बढ़ती आबादी है।

शहर का प्रदूषण स्तर इतना खराब है कि यह सालों से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है।

10 मिलियन की आबादी वाला शहर जकार्ता काफी भीड़भाड़ वाली जगह बन गई है।

ट्रैफिक से पूरा शहर अस्त-व्यस्त रहता है और इससे हर साल छह अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान होता है।

यह शहर नियमित रूप से बाढ़ का शिकार होता है, और दुनिया के सबसे तेजी से डूबने वाले शहरों में से एक है।

अनुमान है कि साल 2050 तक इसका बड़ा हिस्सा समुद्र में समा सकता है।

कैसी होगी नई राजधानी?
खनिज संपदाओं से समृद्ध पूर्वी कालीमंतन केवल में 3.7 मिलियन आबादी है। नई राजधानी को 256,142 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। सरकार की योजना नई राजधानी को पर्यावरण के अनुकूल ‘स्मार्ट शहर’ बनाने की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को एक स्थानीय विश्वविद्यालय में अपने भाषण में राष्ट्रपति विडोडो ने कहा ‘नई राजधानी ऐसी होगी जहां लोग किसी भी गंतव्य पर आसानी से पहुंच जाएंगे, जहां वे बाइक चला सकते हैं और पैदल चल सकते हैं क्योंकि यहां शून्य उत्सर्जन होगा।

नई राजधानी में न केवल सरकारी कार्यालय होंगे, बल्कि हम एक नया स्मार्ट शहर भी बनाना चाहते हैं जो वैश्विक प्रतिभा और नवाचार का केंद्र बन सके।’
नई राजधानी के नाम को लेकर सोशल मीडिया पर बहस
नई राजधानी का नाम नुसंतारा 80 नामों की सूची में से चुना गया है। देश के विकास मंत्री सुहार्सो मोनोआर्फा ने कहा ‘इसके साथ ऐतिहासिक बातें जुड़ी हैं जिससे लोगों का लगाव है और लोगों ने इस नाम को याद रखने में आसान बताया है।’ 

हालांकि नई राजधानी के नाम की घोषणा ने सोशल मीडिया पर कुछ बहस छेड़ दी है। कुछ लोगों का कहना है कि नया नाम भ्रमित करने वाला साबित हो सकता है क्योंकि नुसंतारा इंडोनेशिया में इस्तेमाल किया जाने वाला एक पुराना जावानीस शब्द है जिसका इस्तेमाल पूरे द्वीपसमूह राष्ट्र को बताने के लिए किया जाता है।
क्या इंडोनेशिया अपनी राजधानी बदलने वाला दुनिया का पहला देश है? 
बिल्कुल नहीं। ऐसा करने वाला इंडोनेशिया दुनिया का पहला देश नहीं है।

इससे पहले मलेशिया 2003 में अपनी सरकार को पुत्रजया से कुआलालंपुर ले आई थी। 

वहीं म्यांमार ने 2006 में रंगून से अपनी राजधानी नेपीदा में शिफ्ट कर लिया।

1960 में, ब्राजील ने अपनी राजधानी को रियो डी जनेरियो से बदलकर कर ब्रासीलिया कर दिया। 

नाइजीरिया की सरकार भी 1991 में देश की राजधानी को लागोस से बदलकर अबुजा ले आई। 

इसी तरह कजाकिस्तान सरकार ने भी 1997 में अपनी राजधानी अलमाती से बदलकर नूर-सुल्तान कर लिया।

जब भारत गुलाम था, तो अंग्रेजों ने देश की राजधानी कोलकता (पहले कलकत्ता) को ही बनाया था।  11 दिसंबर 1911 को जॉर्ज पंचम ने इसे दिल्ली शिफ्ट करने की घोषणा की। 

विस्तार

इंडोनेशिया अपनी राजधानी बदलने जा रहा है। अब जकार्ता की जगह नुसंतारा इसकी राजधानी होगी। नुसंतारा का अर्थ है ‘द्वीपसमूह’। यह खूबसूरत बोर्नियो द्वीप के करीब है और यहां की आबादी बेहद कम है, इसलिए इसे देश की नई राजधानी के तौर पर चुना गया है। इससे संबंधित बिल को इंडोनेशिया की संसद से मंगलवार को मंजूरी मिली है। नुसंतारा उत्तरी कालीमंतन का हिस्सा है।

हालांकि, राजधानी बनने से कालीमंतन के जंगलों से भरे प्रांत पर पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंताएं भी पैदा हो गई हैं क्योंकि अब यहां बड़े पैमाने पर निर्माण परियोजना शुरू होगीं। माना जा रहा है कि जब निर्माण परियोजना शुरू होगी तो जंगल काटे जाएगें और पर्यावरण पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। बोर्नियो के स्वदेशी लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने भी अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए कहा है कि इस कदम से उनके पर्यावरण और संस्कृति को खतरा हो सकता है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: