इलेक्शन डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Mon, 28 Feb 2022 03:48 AM IST
सार
उत्तर प्रदेश में पांच चरणों, जबकि उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में संपूर्ण चुनाव के बाद अब मणिपुर में पहले फेज का चुनाव सोमवार (28 फरवरी) को होना है। दूसरे फेज की वोटिंग पांच मार्च को होगी। मणिपुर में कुल 60 सीटें हैं। पहले फेज में 38 और दूसरे फेज में 22 सीटों पर मतदान होगा।
मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मणिपुर की 60 सीटों पर इस बार कुल 265 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 56 यानी 21% उम्मीदवारों ने पांचवीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई की है। 205 यानी 77% उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनकी शैक्षिक योग्यता स्नातक है। चार प्रत्याशी डिप्लोमा होल्डर हैं। प्रत्याशियों की उम्र देखें तो 32 यानी 12% उम्मीदवारों की आयु 25 से 40 साल के बीच है, जबकि 181 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी उम्र 41 से 60 साल के बीच है। 50 उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 साल के बीच है। दो उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र 80 साल से अधिक है।
पहले 2017 के चुनावी नतीजों के बारे में जान लीजिए
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मणिपुर की 60 सीटों में से 28 पर कांग्रेस और 21 पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी। नेशनल पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) और नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के चार-चार प्रत्याशी जीते थे। तीन अन्य सीटों में से एक-एक पर निर्दलीय, लोजपा और तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे। हालांकि, बाद में कांग्रेस के कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसके साथ ही अन्य पार्टियों के सहयोग से भाजपा ने सरकार बनाई। कांग्रेस के पास अब 13 विधायक ही बचे हैं।
अब इस चुनाव की बात कर लेते हैं…
इस बार चुनाव लड़ने वाले दागियों की संख्या बढ़ गई
मणिपुर में चुनाव लड़ने वाले दागियों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2017 में केवल तीन फीसदी उम्मीदवार ही आपराधिक छवि वाले थे, इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 20% हो गया है। सबसे ज्यादा जदयू ने 29% दागियों को टिकट दिया है। दूसरे नंबर पर कांग्रेस और तीसरे पर भाजपा है। कांग्रेस के 23% और भाजपा के 22% प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले हैं। एनपीपी यानी नेशनल पीपल्स पार्टी ने 13% दागियों को प्रत्याशी बनाया है।
किस-किस तरह के आरोप लगे हैं?
पांच प्रत्याशियों पर महिला उत्पीड़न से जुड़े आरोप लगे हैं। इनमें से एक पर दुष्कर्म का मामला भी चल रहा है।
दो प्रत्याशियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। सात प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है।
करोड़पति उम्मीदवार भी इस बार बढ़ गए
2017 के मुकाबले इस चुनाव में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 2017 में चुनाव लड़ने वाले 31% उम्मीदवार करोड़पति थे, इस बार 54% उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा एनपीएफ यानी नागा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के 80%, नेशनल पीपल्स पार्टी के 71%, भाजपा के 68% और कांग्रेस के 57% उम्मीदवार करोड़पति हैं। जदयू ने भी 50% करोड़पतियों को टिकट दिया है।
कांग्रेस प्रत्याशी सबसे ज्यादा अमीर
कांग्रेस के अल्फ्रेड कनगम एस ऑर्थर उकरूल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अल्फ्रेड के पास 51 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इंफाल वेस्ट के केइशामथोंग विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी सपम निशिकांत अमीर प्रत्याशियों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं। निशिकांत के पास 29 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
इंफाल वेस्ट के उरीपोक सीट से चुनाव लड़ रहे जदयू के प्रत्याशी सुरेश सिंह तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। सुरेश के पास कुल 18 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
कितनी महिलाएं मैदान में?
पार्टी | महिला प्रत्याशियों की संख्या |
कांग्रेस | 04 |
भाजपा | 03 |
एनपीपी | 03 |
निर्दलीय | 02 |
एनसीपी | 02 |
सीपीआई | 01 |
कुकी पीपल्स पार्टी | 01 |
जदयू | 01 |
कुल | 17 |
ये पांच सीटें रेड अलर्ट जोन में
60 में से पांच सीटें रेड अलर्ट जोन में हैं। इनमें इंफाल ईस्ट की काइराओ, लामलाई और एंड्रो, थौबल की खंगाबोक और थौबल सीट शामिल है। यहां तीन या इससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं।