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Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर 29 साल बाद सूर्य-शनि की युति और चार महासंयोग, दान करके उठाएं लाभ

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर 29 साल बाद सूर्य-शनि की युति और चार महासंयोग, दान करके उठाएं लाभ

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Wed, 12 Jan 2022 08:11 AM IST

सार

Makar Sankranti 2022: इस वर्ष मकर संक्रांति पर 29 साल के बाद सूर्य-शनि की युति होने जा रही है। इसके अलावा चार महासंयोग के कारण इस बार की मकर संक्रांति बेहद ही खास रहने वाली है।

Makar Sankranti 2022: सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहते हैं।
– फोटो : अमर उजाला

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Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति का त्योहार देश में बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से मनाया जाने वाला त्योहार है। मकर संक्रांति को खिचड़ी, उत्तरायण पर्व, पौष संक्रांति, पोंगल और बिहू आदि के नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्ना न और दान का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के नजरिए से मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है। सू्र्य के धनु राशि से मकर में प्रवेश करने को ही मकर संक्रांति कहते हैं। वैसे तो सूर्यदेव हर एक महीने में एक से दूसरी राशि में विचरण करते रहते हैं लेकिन जब सूर्य मकर राशि में आते हैं इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। 

मकर संक्रांति पर दान करने का महत्व
मकर संक्रांति पर दान करने और सूर्यदेव की विशेष आराधना का त्योहार होता है।  मकर संक्रांति के दिन दान करने के पीछे ज्योतिषीय कारण है दरअसल मकर संक्रांति पर सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं और एक महीने के लिए उन्ही की राशि में रहते हैं। शनिदेव अपने पिता सूर्यदेव को अपना शत्रु मानते हैं। लेकिन सूर्यदेव शनिदेव पर हमेशा अपनी कृपा ही बरसाते हैं। सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश करने पर इसका प्रभाव शनि पर बहुत ही गहरा पड़ता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। ऐसे में मकर संक्रांति पर काला तिल, मूंगफली,कपड़े, गुड़,रेवड़ी और खिचड़ी का दान करना बहुत ही शुभफलदायी होता है।

मकर संक्रांति पर 29 साल के बाद सूर्य-शनि की युति
इस वर्ष मकर संक्रांति पर सूर्यदेव और उनके पुत्र शनिदेव की युति होने जा रही है। 29 वर्षों के बाद सूर्य और शनि मकर राशि में एक साथ एक महीने के लिए आ रहे हैं। शनिदेव पिछले दो साल से मकर राशि में विराजमान है और 14 जनवरी 2022 को सूर्यदेव धनु राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर शनि की राशि मकर में प्रवेश कर रहे हैं। इस कारण से सूर्य और शनि की युति बन रही है। 

मकर संक्रांति पर शुभ योग
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार मकर संक्रांति पर ब्रह्रा, व्रज, बुध और आदित्य योगों को एक साथ समागम हो रहा है। मकर संक्रांति पर इस बार सूर्य का वाहन शेर है जो काफी शुभफल देने वाला माना जा रहा है। सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में गोचर 14 जनवरी 2022 को रात में 08 बजकर 34 मिनट पर करेंगे। मकर संक्रांति पर पुण्यकाल का स्नान और दान करने का शुभ समय 15 जनवरी को होगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास भी खत्म हो जाएगा और विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। 

विस्तार

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति का त्योहार देश में बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से मनाया जाने वाला त्योहार है। मकर संक्रांति को खिचड़ी, उत्तरायण पर्व, पौष संक्रांति, पोंगल और बिहू आदि के नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्ना न और दान का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के नजरिए से मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है। सू्र्य के धनु राशि से मकर में प्रवेश करने को ही मकर संक्रांति कहते हैं। वैसे तो सूर्यदेव हर एक महीने में एक से दूसरी राशि में विचरण करते रहते हैं लेकिन जब सूर्य मकर राशि में आते हैं इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। 

मकर संक्रांति पर दान करने का महत्व

मकर संक्रांति पर दान करने और सूर्यदेव की विशेष आराधना का त्योहार होता है।  मकर संक्रांति के दिन दान करने के पीछे ज्योतिषीय कारण है दरअसल मकर संक्रांति पर सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं और एक महीने के लिए उन्ही की राशि में रहते हैं। शनिदेव अपने पिता सूर्यदेव को अपना शत्रु मानते हैं। लेकिन सूर्यदेव शनिदेव पर हमेशा अपनी कृपा ही बरसाते हैं। सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश करने पर इसका प्रभाव शनि पर बहुत ही गहरा पड़ता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। ऐसे में मकर संक्रांति पर काला तिल, मूंगफली,कपड़े, गुड़,रेवड़ी और खिचड़ी का दान करना बहुत ही शुभफलदायी होता है।

मकर संक्रांति पर 29 साल के बाद सूर्य-शनि की युति

इस वर्ष मकर संक्रांति पर सूर्यदेव और उनके पुत्र शनिदेव की युति होने जा रही है। 29 वर्षों के बाद सूर्य और शनि मकर राशि में एक साथ एक महीने के लिए आ रहे हैं। शनिदेव पिछले दो साल से मकर राशि में विराजमान है और 14 जनवरी 2022 को सूर्यदेव धनु राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर शनि की राशि मकर में प्रवेश कर रहे हैं। इस कारण से सूर्य और शनि की युति बन रही है। 

मकर संक्रांति पर शुभ योग

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार मकर संक्रांति पर ब्रह्रा, व्रज, बुध और आदित्य योगों को एक साथ समागम हो रहा है। मकर संक्रांति पर इस बार सूर्य का वाहन शेर है जो काफी शुभफल देने वाला माना जा रहा है। सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में गोचर 14 जनवरी 2022 को रात में 08 बजकर 34 मिनट पर करेंगे। मकर संक्रांति पर पुण्यकाल का स्नान और दान करने का शुभ समय 15 जनवरी को होगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास भी खत्म हो जाएगा और विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। 

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