सार
Magh Purnima 2022 : माघी पूर्णिमा पर स्नान एवं दान का विशेष महत्व है। इस दिन किए दान से जहां जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं
Magh Purnima 2022 : माघ पूर्णिमा पर वृषभ राशि वाले ल में श्वेत पुष्प डालकर स्नान करें। स्नान के बाद किसी कन्या को खीर खिलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
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विस्तार
माघी पूर्णिमा पर स्नान एवं दान का विशेष महत्व है। इस दिन किए दान से जहां जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, वहीं अनिष्ट ग्रहों से संबंधित पीड़ाओं का निवारण भी होता है।
मेष : लाल पुष्प डालकर स्नान करें। स्नान के बाद ब्राह्मण को लाल मसूर, लाल वस्त्र में बांधकर दक्षिणा सहित दान करने से जीवन में आ रही बाधाओं की निवृत्ति होगी।
वृषभ : जल में श्वेत पुष्प डालकर स्नान करें। स्नान के बाद किसी कन्या को खीर खिलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
मिथुन : जल में गन्ने का रस मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद ब्राह्मण को किसी हरे वस्त्र में मूंग की दाल रखकर दान करें। सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।
कर्क : जल में पंचगव्य मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद किसी पुजारी को लाल कपड़े में आटा और गुड़ बांधकर दान करें।
सिंह : जल में केसर मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद किसी गरीब को सात तरह के अनाज का दान करने से अवरोध दूर होंगे।
कन्या : जल अक्षत मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद विष्णु मंदिर में बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं।
तुला : जल में इलाइची मिलाकर स्नान करें। स्नान बाद गाय को खीर खिलाने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
वृश्चिक : जल में लाल चंदन मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद निर्धन तथा असहाय व्यक्तियों को भोजन, वस्त्र तथा जूते-चप्पल दान करें।
धनु : जल में हल्दी मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद चने की सवा किलो दाल तथा सात फूल पीले रंग के वस्त्र में बांधकर पुजारी को दान करें।
मकर : जल में काले तथा सफेद तिल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद तेल में सिकी हुई पूड़ियां गरीबों में बाटें।
कुंभ : जल में काले तथा सफेद तिल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद काले वस्त्र में बांधकर काला तिल तथा सरसों का तेल किसी ब्राह्मण को दान करें।
मीन : जल में तीन रंगों के पुष्प मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद किसी गरीब को एक कंबल का दान करें।
माघी पूर्णिमा पर पूजन कैसे करें
पूर्णिमा भगवान सत्यनारायण की कथा भी करनी चाहिए। इस दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु, लक्ष्मी, बालकृष्ण की पूजा करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, ऊँ महालक्ष्म्यै नम:, कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। किसी मंदिर में शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल और चांदी के लोटे से दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा, हार-फूल सहित अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। धूप-दीप जलाएं। हनुमानजी के सामने धूप-दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। अगर आपके पास पर्याप्त समय है तो सुंदरकांड का पाठ करें।