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LIC IPO: देश का सबसे बड़ा आईपीओ, निवेश से पहले जानें ये चार जरूरी बातें

LIC IPO: देश का सबसे बड़ा आईपीओ, निवेश से पहले जानें ये चार जरूरी बातें

सार

आईपीओ में जारी शेयरों में 10 फीसदी पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित है। इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए आईपीओ में जारी इक्विटी का पांच फीसदी तक आरक्षित रखा जा सकता है।

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भारत सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने की अंतिम दौर की प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं। मार्च के आखिर में आने वाला यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

65 वर्ष पुरानी इस कंपनी ने अपनी एंबेडेड वैल्यू 5.39 लाख करोड़ (72 बिलियन डॉलर) घोषित की है। एंबेडेड वैल्यू जीवन बीमा कंपनियों की भविष्य की आय का प्रमुख पैमाना होता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि एलआईसी का बाजार मूल्य इसकी एंबेडेड वैल्यू से काफी ज्यादा है, लेकिन सुरक्षित आकलन के लिए मौजूदा बीमा जमाओं के आधार पर यह कीमत निकाली जाती है। आईपीओ में जारी शेयरों में 10 फीसदी पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित है। इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए आईपीओ में जारी इक्विटी का पांच फीसदी तक आरक्षित रखा जा सकता है।

एसेट अंडर मैनेजमेंट में मौजूद परिसंपत्ति मोटे तौर पर यह वह निवेशकों की रकम होती है। कंपनी का व्यापार और लोगों का भरोसा इससे जाहिर होता है। 30 सितंबर, 2021 एलआईसी के प्रबंधन के अधीन करीब 39.56 लाख करोड़ की संपत्तियां हैं। यह भारत की अन्य सभी निजी जीवन बीमा कंपनियों की संपत्तियों के योग से तीन गुना ज्यादा है। एलआईसी देश का सबसे बड़ा घरेलू संस्थानिक निवेशक है, जिसकी 25 फीसदी संपत्ति शेयरों में लगी है।

प्रतिस्पर्धा : एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी करीब 66 फीसदी है। लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के मामले में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। हालांकि, कंपनी के व्यापार में वृद्धि की गति अन्य कंपनियों से कम हो रही है। मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में एलआईसी के प्रीमियम में 6.30 फीसदी की वृद्धि हुई। एसबीआई लाइफ ने 24 फीसदी, एचडीएफसी लाइफ ने 18 फीसदी वृद्धि दर्ज की।

पॉलिसी धारक व एजेंट :  एलआईसी के 28.3 करोड़ पॉलिसी धारक हैं, साथ ही 13.5 लाख पंजीकृत एजेंटों का सबसे बड़ा नेटवर्क है। एलआईसी  के मार्च 2021 के अंत तक 114,498 स्थायी कर्मचारी थे। एलआईसी ने पॉलिसीधारकों को आईपीओ में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने को एजेंट पहले से ही जुटे हैं। इसके लिए बड़ी तादाद में ट्रेडिंग खाते खोले जा रहे हैं। 

सेबी को सौंपे गए ड्राफ्ट एलआईसी ने कुछ जोखिमों को चिह्नित किया है, जिनमें भविष्य के लिए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत जताई गई है। एलआईसी का कहना है कि कोई गारंटी नहीं है कि वह यह पूंजी अपनी स्वीकार्य शर्तों पर जमा करने में सक्षम होगी। मसौदे के मुताबिक एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में अतिरिक्त पूंजी लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है, जिससे इसकी बैलेंस शीट और खराब हो सकती है।

एलआईसी का भविष्य बदल देगा आईपीओ : सीतारमण
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, एलआईसी आईपीओ के लिए डीआरएचपी दाखिल करने से सकारात्मक चर्चा शुरू हो गई है। यह सबसे बड़े बीमाकर्ता के इतिहास में बहुत ही सकारात्मक कदम होगा। बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए आईपीओ लाने के सवाल पर कहा कि ऐसे बड़े फैसले कभी भी बिना सोचे-समझे नहीं लिए जाते।

विस्तार

भारत सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने की अंतिम दौर की प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं। मार्च के आखिर में आने वाला यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

65 वर्ष पुरानी इस कंपनी ने अपनी एंबेडेड वैल्यू 5.39 लाख करोड़ (72 बिलियन डॉलर) घोषित की है। एंबेडेड वैल्यू जीवन बीमा कंपनियों की भविष्य की आय का प्रमुख पैमाना होता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि एलआईसी का बाजार मूल्य इसकी एंबेडेड वैल्यू से काफी ज्यादा है, लेकिन सुरक्षित आकलन के लिए मौजूदा बीमा जमाओं के आधार पर यह कीमत निकाली जाती है। आईपीओ में जारी शेयरों में 10 फीसदी पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित है। इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए आईपीओ में जारी इक्विटी का पांच फीसदी तक आरक्षित रखा जा सकता है।

एसेट अंडर मैनेजमेंट में मौजूद परिसंपत्ति मोटे तौर पर यह वह निवेशकों की रकम होती है। कंपनी का व्यापार और लोगों का भरोसा इससे जाहिर होता है। 30 सितंबर, 2021 एलआईसी के प्रबंधन के अधीन करीब 39.56 लाख करोड़ की संपत्तियां हैं। यह भारत की अन्य सभी निजी जीवन बीमा कंपनियों की संपत्तियों के योग से तीन गुना ज्यादा है। एलआईसी देश का सबसे बड़ा घरेलू संस्थानिक निवेशक है, जिसकी 25 फीसदी संपत्ति शेयरों में लगी है।

प्रतिस्पर्धा : एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी करीब 66 फीसदी है। लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के मामले में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। हालांकि, कंपनी के व्यापार में वृद्धि की गति अन्य कंपनियों से कम हो रही है। मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में एलआईसी के प्रीमियम में 6.30 फीसदी की वृद्धि हुई। एसबीआई लाइफ ने 24 फीसदी, एचडीएफसी लाइफ ने 18 फीसदी वृद्धि दर्ज की।

पॉलिसी धारक व एजेंट :  एलआईसी के 28.3 करोड़ पॉलिसी धारक हैं, साथ ही 13.5 लाख पंजीकृत एजेंटों का सबसे बड़ा नेटवर्क है। एलआईसी  के मार्च 2021 के अंत तक 114,498 स्थायी कर्मचारी थे। एलआईसी ने पॉलिसीधारकों को आईपीओ में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने को एजेंट पहले से ही जुटे हैं। इसके लिए बड़ी तादाद में ट्रेडिंग खाते खोले जा रहे हैं। 

सेबी को सौंपे गए ड्राफ्ट एलआईसी ने कुछ जोखिमों को चिह्नित किया है, जिनमें भविष्य के लिए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत जताई गई है। एलआईसी का कहना है कि कोई गारंटी नहीं है कि वह यह पूंजी अपनी स्वीकार्य शर्तों पर जमा करने में सक्षम होगी। मसौदे के मुताबिक एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में अतिरिक्त पूंजी लगाने की भी जरूरत पड़ सकती है, जिससे इसकी बैलेंस शीट और खराब हो सकती है।

एलआईसी का भविष्य बदल देगा आईपीओ : सीतारमण

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, एलआईसी आईपीओ के लिए डीआरएचपी दाखिल करने से सकारात्मक चर्चा शुरू हो गई है। यह सबसे बड़े बीमाकर्ता के इतिहास में बहुत ही सकारात्मक कदम होगा। बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए आईपीओ लाने के सवाल पर कहा कि ऐसे बड़े फैसले कभी भी बिना सोचे-समझे नहीं लिए जाते।

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