कर्नाटक के शिक्षण संस्थान से शुरू हिजाब विवाद अब देश भर में अपनी जड़े फैलाता जा रहा है। यह मामला एक तरफ जहां सियासी रंग लेता जा रहा है, तो वहीं कई जानी-मानी हस्तियां भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी बीच इस मामले पर बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। इस मामले में अपनी राय रखते हुए अभिनेत्री ने हिजाब विवाद को महाभारत में हुए द्रौपदी चीर हरण से जोड़ दिया था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अभिनेत्री को जमकर ट्रोल किया।
सोशल मीडिया पर अभिनेत्री को द्रौपदी चीर हरण की तुलना हिजाब विवाद से करने पर जमकर आलोचनाएं झेलनी पड़ रही है। ऐसे में एक यूजर ने अभिनेत्री की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए उनके छोटे कपड़े पहनने पर सवाल करते हुए हिजाब की वकालत करने पर उन्हें ट्रोल किया था। वहीं अब स्वरा भास्कर ने इस ट्विटर यूजर को तगड़ा जवाब देते हुए अपना पक्ष रखा है।
इस यूजर ने स्वरा भास्कर की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए ट्विटर पर लिखा था, वह हिजाब की वकालत करती हैं और खुद ऐसे कपड़े पहनती हैं। यूजर को मुंह तोड़ जवाब देते हुए स्वरा ने लिखा, हां मैं ही हूं और बम लग रही हूं। शुक्रिया मेरी यह तस्वीर शेयर करने और दुनिया को याद दिलाने के लिए शुक्रिया कि मैं भी एक हॉटी हूं। मैं महिलाओं के कपड़े चुनने के अधिकार की वकालत कर रही थी। आप चॉइस समझ रही हैं ना, कोई नहीं आप रहने दो। आप करो स्लटशेम किसी और को- उसमें भी फेल।
दरअसल, देश भर में जारी हिजाब विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्वरा भास्कर ने बीते दिनों ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट में अभिनेत्री ने हिजाब विवाद की तुलना द्वापर युग में हुए द्रौपदी चीर हरण से कर डाली थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, महाभारत में द्रौपदी के जबरन कपड़े उतारे गए थे और सभा में बैठे जिम्मेदार, शक्तिशाली, कानून बनाने वाले देखते रहे….ऐसे ही आज याद आ गया।
अभिनेत्री की यह प्रतिक्रिया सामने आते ही सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है। स्वरा की आलोचना करते हुए लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अभिनेत्री के इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स उनके इतिहास और पौराणिक ज्ञान पर सवाल उठाते भी नजर आ रहे हैं। वहीं कई लोगों ने उन्हें महाभारत देखने तक की सलाह दे डाली।
दरअसल, मामला कर्नाटक के उडुपी के एक कॉलेज का है, जहां बीते महीने को कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंचीं तो उन्हें कक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया। इस वजह से एक छात्रा ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए हिजाब पहनकर कक्षा जाने की अनुमति मांगी थी। ऐसे में मामले को लेकर बढ़ते तनाव के बीच कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले में फैसला आने तक सभी छात्रों पर किसी भी तरह के धार्मिक परिधान में कॉलेज आने पर रोक लगा दी है।