न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 12 Feb 2022 07:35 AM IST
सार
हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद मामले में अंतरिम आदेश दिया था। इसके तहत स्कूलों को खोले जाने के बाद शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब, भगवा शॉल या अन्य किसी भी तरह के धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई थी।
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विस्तार
1 से 10 तक के स्कूल सोमवार से खुलेंगे
उधर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है। कक्षा एक से 10 तक के स्कूल सोमवार यानी 14 फरवरी से खुलेंगे। गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले को लेकर अंतरिम आदेश दिया था। इसके तहत स्कूलों को तत्काल खोलने के साथ और धार्मिक कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
सीएम ने सभी अधिकारियों के साथ की बैठक
उधर, स्कूल खोले जाने के आदेश के बाद सीएम बसवराज बोम्मई ने सभी जिलों के जिला अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों व अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर बैठक की। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को जमीनी स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए।
आदेश तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक
हिजाब विवाद मामले की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही है। यह सुनवाई कुछ छात्राओं की ओर से दायर की गई याचिका के बाद हो रही है। इस याचिका को एकल पीठ ने चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बड़ी बेंच को भेज दिया, जिस पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई थी। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने स्कूल-कॉलेज खोलने का अंतरिम आदेश जारी किया था। साथ ही, आखिरी फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी।
क्या है विवाद का कारण
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।