वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Fri, 21 Jan 2022 09:09 AM IST
सार
अब सीआईए ने इसकी जांच रिपोर्ट अमेरिकी सरकार को सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी राजनयिकों को निशाना बनाने के लिए किसी विदेशी ताकत ने ‘हवाना सिंड्रोम’ का इस्तेमाल नहीं किया।
हवाना सिंड्रोम: सीआईए ने साजिश मानने से इनकार किया
– फोटो : Agency (File Photo)
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विस्तार
दरअसल ‘हवाना सिंड्रोम’ का पहला मामला 2016 में क्यूबा की राजधानी हवाना में सामने आया था। इसमें हवाना में पदस्थ अमेरिकी अधिकारियों को रात में कर्णभेदी आवाज आने, नाक से खून, माइग्रेन और घबराहट के साथ जी मचलाने जैसी शिकायतें शामिल थीं। इससे अमेरिका को संदेह होने लगा कि रूस या कोई अन्य अमेरिका विरोधी देश अधिकारियों को चोट पहुंचाने के लिए यह अभियान चला रहा है।
अमेरिका ने इस मामले की जांच खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) को सौंपी थी। अब सीआईए ने इसकी जांच रिपोर्ट अमेरिकी सरकार को सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी राजनयिकों को निशाना बनाने के लिए किसी विदेशी ताकत ने ‘हवाना सिंड्रोम’ का इस्तेमाल नहीं किया।
रहस्यमयी बीमारी की शिकायत
हवाना के अमेरिकी दूतावास में तैनात दर्जनों राजनयिकों ने 2016 में शिकायत की थी कि उनके कानों में रात में झिंगुरों की आवाज जैसी कर्णभेदी आवाजें आती हैं और इसके बाद उनमें माइग्रेन, चक्कर, मितली, याददाश्त में कमी जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। इन अमेरिकी अधिकारियों में ये लक्षण महीनों तक दिखाई दिए थे। एक व्यक्ति को इलाज के लिए स्विट्जरलैंड से अमेरिका ले जाया गया था।
क्यूबा ही नहीं कई देशों से मिली शिकायत
‘हवाना सिंड्रोम’ को लेकर सिर्फ अमेरिका ही नहीं कई देशों में मामले सामने आए थे। बीते पांच सालों में अमेरिकी राजनयिकों, जासूसों और अधिकारियों ने विएना, पेरिस, जिनेवा, बीजिंग और हवाना में ऐसे हजारों मामलों की शिकायत की। इसे लेकर सीआईए ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि यह किसी विदेशी शक्ति द्वारा अमेरिकियों को निशाना बनाने के लिए रची गई कोई साजिश नहीं है।
सीआईए ने रिपोर्ट में यह कहा
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सीआईए ने ‘हवाना सिंड्रोम’ के करीब 1000 मामलों की पड़ताल की थी। जांच एजेंसी का कहना है कि ये मामले पर्यावरण जनित, तनाव या अन्य किसी बीमारी के कारण हो सकते हैं, जिसका अभी पता नहीं लगाया जा सकता है। इन मामलों का किसी दूसरे देश से कोई संबंध नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दो दर्जन मामलों को लेकर कोई खुलासा नहीं किया जा सका है कि आखिर ये किस वजह से हुए।