एएनआई, पेरिस
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 21 Feb 2022 09:48 AM IST
सार
पाकिस्तान को इस बैठक से बड़ी उम्मीद है। वह इस आतंकवाद विरोधी वैश्विक संगठन की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है।
आतंकवाद के वित्त पोषण और उससे जुड़े मुद्रा शोधन मामलों पर निगरानी व कार्यवाही करने वाले वैश्विक संगठन FATF की सोमवार से पेरिस में बैठक शुरू हो रही है। सभी की निगाहें इस बात पर लगी हैं कि इस बैठक में पाकिस्तान संगठन की ‘ग्रे’ सूची में बना रहेगा या बाहर निकल सकेगा।
पेरिस में एफएटीएफ की साधारण सभा और वर्किंग ग्रुप की बैठक आज से होगी। पाकिस्तान को इस बैठक से बड़ी उम्मीद है। वह इस आतंकवाद विरोधी वैश्विक संगठन की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है। उसकी उम्मीद पूरी होगी या उस पर फिर पानी फिर जाएगा, यह कुछ घंटों में साफ हो जाएगा।
आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं करने, आतंकी संगठनों के वित्त पोषण और मनी लांड्रिंग रोधी कानूनों का पालन नहीं करने के कारण पाकिस्तान पेरिस स्थित संगठन की ग्रे सूची में 2018 से है। लगातार ग्रे सूची में रहने के कारण पाकिस्तान को आयात-निर्यात, विदेशों से धन की आमद और अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाओं से सीमित कर्ज जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इमरान लगातार जुटे हैं पर नहीं मिल रही कामयाबी
सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश को ग्रे सूची से बाहर निकालने के प्रयासों में जुटे हैं। हालांकि पिछले सालों में उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है। कार्रवाई की बात तो छोड़िए इसके उलट वह तहरीके तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे संगठनों के समक्ष घुटने टेक रही है।
विस्तार
आतंकवाद के वित्त पोषण और उससे जुड़े मुद्रा शोधन मामलों पर निगरानी व कार्यवाही करने वाले वैश्विक संगठन FATF की सोमवार से पेरिस में बैठक शुरू हो रही है। सभी की निगाहें इस बात पर लगी हैं कि इस बैठक में पाकिस्तान संगठन की ‘ग्रे’ सूची में बना रहेगा या बाहर निकल सकेगा।
पेरिस में एफएटीएफ की साधारण सभा और वर्किंग ग्रुप की बैठक आज से होगी। पाकिस्तान को इस बैठक से बड़ी उम्मीद है। वह इस आतंकवाद विरोधी वैश्विक संगठन की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है। उसकी उम्मीद पूरी होगी या उस पर फिर पानी फिर जाएगा, यह कुछ घंटों में साफ हो जाएगा।
आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं करने, आतंकी संगठनों के वित्त पोषण और मनी लांड्रिंग रोधी कानूनों का पालन नहीं करने के कारण पाकिस्तान पेरिस स्थित संगठन की ग्रे सूची में 2018 से है। लगातार ग्रे सूची में रहने के कारण पाकिस्तान को आयात-निर्यात, विदेशों से धन की आमद और अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाओं से सीमित कर्ज जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इमरान लगातार जुटे हैं पर नहीं मिल रही कामयाबी
सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश को ग्रे सूची से बाहर निकालने के प्रयासों में जुटे हैं। हालांकि पिछले सालों में उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है। कार्रवाई की बात तो छोड़िए इसके उलट वह तहरीके तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे संगठनों के समक्ष घुटने टेक रही है।
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