स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, अबु धाबी
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Tue, 14 Dec 2021 04:11 AM IST
सार
मर्सिडीज ने इस पर विरोध दर्ज कराया था लेकिन उनकी अपील खारिज हो गई। अब टीम ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपनी अपील पर पुनर्विचार करने के लिए आवेदन किया है।
लुईस हैमिल्टन
– फोटो : ट्विटर
ख़बर सुनें
विस्तार
मर्सिडीज ने सत्र की अंतिम फॉर्मूला वन रेस में अपनी दोनों अपील गंवा दी। मर्सिडीज के ड्राइवर लुईस हैमिल्टन को रोमांचक किंतु विवादस्पद मुकाबले में रेडबुल के मैक्स वर्स्टापेन ने अंतिम लैप में हरा दिया। वर्स्टापेन पहली बार विश्व चैंपियनशिप जीतने में सफल रहे।
मर्सिडीज ने इस पर विरोध दर्ज कराया था लेकिन उनकी अपील खारिज हो गई। अब टीम ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपनी अपील पर पुनर्विचार करने के लिए आवेदन किया है। हैमिल्टन का एक विरोध यह था कि वर्स्टापेन ने लतीफी की कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सुरक्षा कार की अवधि खत्म होने से पहले हैमिल्टन से आगे निकलकर कहीं नियम तो नहीं तोड़ा।
एक यह भी था जब दोनों वर्स्टापेन और हैमिल्टन की कारें बराबरी पर थीं और सिर्फ इंजन का शोर था तब वर्स्टापेन थोड़ा आगे आ गई थी। इस सत्र के फॉर्मूला वन खिताब की दौड़ का विवादास्पद अंत भारत के पहले एफवन ड्राइवर नरेन कार्तिकेयन को पसंद नहीं आया और उनका मानना है कि अबुधाबी ग्रां प्री में लुईस हैमिल्टन जीत के हकदार थे।
अबुधाबी में रविवार को सत्र की आखिरी रेस में कई विवादास्पद रेस कंट्रोल कॉल किए गए और आखिरी लैप में रेडबुल के मैक्स वर्स्टापेन ने हैमिल्टन को पछाड़कर जीत दर्ज की। हैमिल्टन का माइकल शूमाकर का सात विश्व खिताब का रिकॉर्ड तोड़ने का सपना फिलहाल अधूरा रह गया ।
कार्तिकेयन ने कहा, ‘ऐसा लग रहा था मानों वे मैक्स को जिताना चाहते थे। यह रोमांचक मुकाबला था लेकिन कल जो हुआ, वह खेल नहीं था। एफवन में करीबी मुकाबले होने चाहिये लेकिन स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।’ हैमिल्टन जीत की तरफ बढ रहे थे जब 58 लैप की रेस के 53वें लैप में निकोलस लतीफी की कार दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सुरक्षा कार ट्रैक पर आई।
वर्स्टापेन के नए टायर हैमिल्टन के पुराने टायरों पर भारी पड़े। नियमों के तहत सुरक्षा कार को अगली लैप में चले जाना चाहिये था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कार्तिकेयन ने कहा- अगर सुरक्षा कार का वहां रहना जरूरी नहीं हो तो आखिरी कार के गुजरने के बाद उसे पिट में अगली लैप में ही लौट जाना चाहिए था। इस विवाद को अलग रखकर भी देखें तो लुईस जीत के हकदार थे। यह उसकी रेस थी। यह नतीजा सही नहीं रहा।